अभिषेक त्रिपाठी, पेरिस। कोई भी खेल प्रशंसकों के बल पर ही चलता है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण है फुटबाल। प्रसंशकों की स्टेडियमों में कितनी अहमियत होती है इसका अहसास खिलाड़ियों, कोचों और टीवी प्रसारकों को कोविड के समय में और ज्यादा पता चला। पेरिस में रीयल मैड्रिड और लिवरपूल के बीच यूएफा चैंपियंस लीग के फाइनल के दौरान पूरा शहर लाल और सफेद रंग में बंटा हुआ था।
लाल जर्सी इंग्लिश क्लब लिवरपूल और सफेद जर्सी स्पेनिश क्लब रीयल मैड्रिड की निशानी है। पेरिस में चारों तरफ इसी का शोर रहा। यह नजारा तब देखने को मिला जब फाइनल में खेलने वाली दोनों टीमें फ्रांस की नहीं हैं। फ्रांस का शीर्ष फुटबाल क्लब पेरिस सेंट जर्मेन है जो फाइनल में नहीं पहुंचा, लेकिन 80,000 दर्शक क्षमता वाला स्टाड डि फ्रांस स्टेडियम अंदर से तो हाउसफुल रहा, साथ ही उसके बाहर भी हजारों प्रशंसक टिकट की आस में बैठे रहे। पेरिस में करीब 60,000 प्रशंसक लिवरपूल के पहुंचे तो शेष प्रशंसक रीयल मैड्रिड के थे।
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— Abhishek Tripathi / अभिषेक त्रिपाठी (@abhishereporter) May 28, 2022
जीत प्रसंशक की : इस मैच की दीवानगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता था कि लाल जर्सी पहने लिवरपूल के कई युवा प्रशंसक एक बोट के माध्यम से पेरिस आए हैं। वहीं, लंदन में एक स्कूल में विलियम हरस्टेड नामक एक विद्यार्थी दो दिन से स्कूल नहीं आया तो उसके स्कूल की अध्यापिका ने उसके पापा से कारण पूछा कि तो उन्होंने बताया कि वह तो अपनी टीम लिवरपूल का हौसला बढ़ाने के लिए पेरिस आया हुआ है तब स्कूल की अध्यापिका ने उनके पिता को उत्तर दिया, बहुत बढि़या।
उधर, रीयल मैडिड के प्रशसंको ने भी अपने-अपने अंदाज में खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। कई प्रशंसकों के बीच में कायलियन एमबापे की जर्सी थी। एमबापे पेरिस सेंट जर्मेन के लिए स्ट्राइकर के रूप में खेलते हैं और लीग के फाइनल से पहले उनके रीयल मैड्रिड में आने की चर्चा थी लेकिन उन्होंने अपनी मौजूदा टीम के साथ ही अपने करार को आगे बढ़ा लिया।
(सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क और यूएफा चैंपियंस लीग के आमंत्रण पर दैनिक जागरण पेरिस में चैंपियंस लीग का कवरेज कर रहा है।)
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