विजेता की भविष्यवाणी करना बेकार: डिएगो मेराडोना
इंग्लैंड 52 साल के बाद खिताब जीतने की कोशिश में है। अनुशासन और जज्बे से भरी यह टीम संतुलित दिख रही है।
डिएगो मेराडोना का कॉलम
विश्व कप का वह चरण अब पूरा हो चुका है, जहां आप दो टीमों के बीच अंतर कर सकते थे। जो भी टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंची हैं, वे सभी अपने दम पर मैच जीतने की काबिलियत रखती हैं। कागजों पर भले ही कोई टीम दूसरी की तुलना में मजबूत दिख सकती है मगर मैदान में इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि सभी टीमों में जीत की इच्छा समान ही होती है। अभी तक के प्रदर्शन को देखते हुए इंग्लैंड और क्रोएशिया का पलड़ा स्वीडन और रूस पर भारी लगता है। इन टीमों ने अपने आक्रमण को तेज किया है मगर हमने अक्सर देखा है कि मैदान में सारे गणित धरे रह जाते हैं। विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में विजेता की भविष्यवाणी करना बेकार है।
इंग्लैंड 52 साल के बाद खिताब जीतने की कोशिश में है। अनुशासन और जज्बे से भरी यह टीम संतुलित दिख रही है। अधिकतर खिलाड़ी युवा हैं और टीम में कोई भी सुपरस्टार नहीं है। अच्छी बात यह है कि इन सभी में सुपरस्टार बनने की काबिलियत है। विश्व कप में पेनाल्टी शूटआउट जीतकर वह पहले ही वह कर चुके हैं, जो इससे पहले कोई इंग्लिश टीम नहीं कर पाई। गेरेथ साउथगेट के नेतृत्व में वे मनोरंजक फुटबॉल खेल रहे हैं। 3-1-4-2 के संयोजन वे काफी मजबूत हैं और उनकी एक निगाह हमेशा आक्रमण पर होती है। अक्सर दो स्ट्राइकरों को अन्य खिलाडि़यों से मदद मिलती रहती है। पनामा और ट्यूनिशिया के खिलाफ यह रणनीति कारगर रही, लेकिन कोलंबिया और स्वीडन के खिलाफ नहीं क्योंकि उनके पास भी लंबे कद के डिफेंडर थे, जो हवा में गेंद को रोक सकते थे। शायद साउथगेट इस बार नई रणनीति के साथ उतरकर विपक्षी टीम को हैरान करने की कोशिश करें।
चाहे जो भी हो, लेकिन स्वीडन के खिलाफ चीजें आसान नहीं होंगी। यह टीम नीदरलैंड्स और इटली जैसी टीमों को विश्व कप में खेलने से रोक चुकी है। कोच जेन एंडरसन 4-4-2 का संयोजन पसंद करते हैं। उन्होंने चार मैचों में सिर्फ एक गोल खाया है। मुझे नहीं लगता कि वे इसमें बदलाव करेंगे। अगर इंग्लैंड शुरू में गोल कर दे तो बात अलग है, स्वीडन ज्यादा से ज्यादा डिफेंस पर ध्यान देगा। रूस का प्रदर्शन दिखाता है कि दर्शकों के समर्थन से एक औसत टीम भी शानदार प्रदर्शन कर सकती है। निश्वित तौर पर वे उम्मीद से ज्यादा आगे आ चुके हैं, लेकिन इस बार भी 45 हजार दर्शक उनके लिए स्टेडियम में माहौल बना रहे होंगे। क्रोएशिया के आक्रमण को एक जिद्दी यूनिट से संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। रूस ने स्पेन को पेनाल्टी बॉक्स तक खेलने का मौका दिया, लेकिन वहां उन्हें रोक दिया। इसके लिए बहुत ज्यादा मानसिक मजबूती, एकाग्रता और अनुशासन की जरूरत होती है। मुझे उनका अपने देश के लिए जान देने का जज्बा पसंद है। रूस से आगे भी उम्मीद है।
क्रोएशिया ने अपने खेल से काफी मनोरंजन किया है। उनके पास लुका मोडरिक जैसा शानदार खिलाड़ी है, जो इस कार के मुख्य इंजन हैं। खास बात यह है कि टीम में वह अकेले नहीं हैं। अन्य खिलाड़ी भी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझते हैं। इवान रेकिटिक, मारियो मैंजुकिक भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके पास अनुभव भी है मगर अब उनके सामने मेजबान टीम को उन्हीं के घर में हराने की अलग तरह की चुनौती है।
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