फीफा विश्व कप 2018: गुएरेरो और एरिक्सन पर रहेगी निगाह
डेनमार्क का पहला मुकाबला पेरू के साथ होगा।
सरांस्क, एएफपी। फीफा विश्व कप में 36 साल बाद वापसी कर रहा पेरू शनिवार को ग्रुप सी के अपने पहले मुकाबले में यूरोपीय देश डेनमार्क को हराकर अच्छी शुरुआत करना चाहेगा। दोनों देशों के बीच यह पहला मुकाबला होगा। पेरू ने आखिरी बार 1982 में हुए विश्व कप में हिस्सा लिया था और इतने वर्षो बाद एक बार फिर वह इस टूर्नामेंट के अहम पलों को जीने के लिए तैयार है।
कोनमेबोल में किसी तरह जद्दोजहद करते हुए पांचवां स्थान हासिल करने के बाद पेरू ने विश्व कप क्वालीफायर के प्लेऑफ में न्यूजीलैंड को हराकर मुख्य टूर्नामेंट में 36 साल बाद प्रवेश किया। यह पल पेरू के लिए जश्न का पल रहा। पेरू के लिए सबसे खुशी की बात उसके स्टार खिलाड़ी कप्तान पाउलो गुएरेरो का टीम में दोबरा शामिल होना है। प्रतिबंधित दवा के सेवन के आरोप के कारण गुएरेरो को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उन्हें वापस टीम में शामिल कर लिया गया। वह राष्ट्रीय टीम के इतिहास में सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं।
टीम के अटैक की जिम्मेदारी फॉरवर्ड जेफरसन फारफान के कंधों पर होगी, जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए प्लेऑफ के मैच में गोल दागकर टीम को विश्व कप में प्रवेश हासिल करने में अहम भूमिका निभाई थी।
दूसरी ओर, वर्ष 1998 में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली डेनमार्क स्टार मिडफील्डर क्रिस्टियन एरिक्सन के दम पर टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करना चाहेगी। कप्तान सिमोन काएर के नेतृत्व वाली डेनमार्क ने पिछले साल नवंबर में आयरलैंड को 5-1 से हराकर विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया है।
इसके अलावा थोमस डेलने और विलियम क्वीस्त भी छह फीट लंबे खिलाड़ी हैं जिसका फायदा टीम को मिल सकता है। मिडफील्ड में विपक्षी टीमों को एरिक्सन के लंबे शॉट से बचकर रहना होगा।