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पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं मार्कस थुरम, लीग-1 में गुइंगैम्प की ओर से बिखेर रहे हैं चमक

मार्कस फ्रांस की विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे डिफेंडर लियाम थुरम के बेटे हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 02:15 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 02:15 PM (IST)
पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं मार्कस थुरम, लीग-1 में गुइंगैम्प की ओर से बिखेर रहे हैं चमक
पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं मार्कस थुरम, लीग-1 में गुइंगैम्प की ओर से बिखेर रहे हैं चमक

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। बेशक फ्रांस की फुटबॉल लीग-1 में गुइंगैम्प की टीम अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर हो, लेकिन इस टीम के स्ट्राइकर मार्कस थुरम अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और सुर्खियां बटोर रहे हैं। मार्कस फ्रांस की विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे डिफेंडर लियाम थुरम के बेटे हैं। बेशक उनके पिता की वजह से लोग उन्हें जानते हैं लेकिन शक्तिशाली, तेज और प्रतिभाशाली मार्कस गुइंगैम्प के साथ अपनी एक खास पहचान बना रहे हैं।

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गुइंगैम्प ने कोपे डि ला लीग बीकेटी में शानदार प्रदर्शन किया है जिसके फाइनल में वह स्ट्रासबर्ग के खिलाफ 30 मार्च को मैदान में उतरेगी। मार्कस ने साबित किया है कि उसके पास बड़े मौकों पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने की क्षमता है। एक मौके पर पेनाल्टी किक को गोल में तब्दील करने से चूकने के बाद मार्कस ने पेरिस सेंट जर्मेन के खिलाफ पेनाल्टी किक के जरिये गोल करके अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई थी।

21 वर्षीय मार्कस फ्रांस की राष्ट्रीय युवा टीम के सदस्य रहे हैं। वह फ्रेंच लीग में अपने क्लब की ओर से सर्वाधिक सात गोल करने वाले खिलाड़ी हैं और कप टूर्नामेंट में भी उन्होंने चार गोल किए हैं जिसकी वजह से उन पर मैनचेस्टर युनाइटेड और आर्सेनल जैसे बड़े क्लबों की निगाहें हैं। जब मार्कस के पिता ने जुलाई 1998 में विश्व कप ट्रॉफी उठाई थी तब वह महज एक साल के थे। इसके बाद मार्कस अपने पिता की प्रसिद्धी की छत्रछाया में बड़े हुए। उनके पिता फ्रांस, इटली और स्पेन के शीर्ष क्लबों के साथ खेले और अगर मार्कस भी किसी नामी क्लब या फ्रांस की सीनियर राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलते दिखाई दिए तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी। मार्कस का जन्म इटली के शहर परमा में उस समय हुआ था जब उनके पिता वहां के क्लब की ओर से खेल रहे थे। मार्कस का नाम जमैका के मशहूर राजनीतिक कार्यकर्ता मार्कस गेरेवे के नाम पर रखा गया था।


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