फीफा वर्ल्ड कप में हारने वाली टीमों के लिए तनाव से बाहर आना बड़ी चुनौती
बेल्जियम ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन फ्रांस ने उन्हें गोलपोस्ट तक आने के ज्यादा मौके नहीं दिए
(डिएगो मेराडोना का कॉलम)
विश्व कप में तीसरे स्थान के मुकाबले में बहुत ज्यादा लोगों की रुचि नहीं रहती। पूरी दुनिया की निगाहें इसके एक दिन बाद होने वाले मुकाबले पर होती हैं। शनिवार को सेंट पीटर्सबर्ग में बेल्जियम और इंग्लैंड के बीच होने वाला मुकाबला भी कोई अलग नहीं है। यह मैच सिर्फ यह देखने के लिए हो सकता है कि आखिर ये दोनों टीमें सेमीफाइनल तक कैसे पहुंची और आखिर क्यों वे इस बाधा को पार नहीं कर पाए।
बेल्जियम ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन फ्रांस ने उन्हें गोलपोस्ट तक आने के ज्यादा मौके नहीं दिए। बेल्जियम के पास इंग्लिश प्रीमियर लीग का ढेर सारा अनुभव है, जो फ्रांस के आगे काफी साबित नहीं हुआ।
ब्राजील के खिलाफ पिछले मैच में बेल्जियम ने तीन में से दो मौकों को गोल में तब्दील किया था। यह काफी शानदार है और हम सभी ने इसकी तारीफ भी की थी। फ्रांस के खिलाफ भी उन्हें तीन ही मौके मिले। आत्मघाती गोल के मौके को अगर नहीं गिनते हैं, तो दो ही मौके बचे।
सेमीफाइनल में उनका सामना बहुत ही जिद्दी सुरक्षात्मक घेरे से था। क्रोएशिया के खिलाफ हार के बावजूद मुझे युवा इंग्लिश टीम का खेल पसंद आया। 28 साल बाद विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंचना भी कम उपलब्धि नहीं है। वो भी तब जब अधिकतर खिलाड़ियों के पास बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है। उनका सकारात्मक खेल देखकर अच्छा लगा। रक्षात्मक खेलने के बजाय गेरेथ साउथगेट के खिलाड़ी खेल को विपक्षी टीम के हाफ में ले गए।
प्रभावी योजनाबद्ध रणनीति की वजह से वे एक मजबूत टीम बन गए क्योंकि वे ओपन खेल में भी गोल कर रहे थे। इस प्रक्रिया को आगे भी जारी रखना चाहिए। रूस में उनके प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि उनका भविष्य सुनहरा है। सेमीफाइनल में हारने के बाद टीमों के लिए भावनात्मक तनाव से उबरने के बाद खुद की बैटरी को फिर से रिचार्ज करना मुश्किल होगा मगर कोई अन्य विकल्प नहीं है।
पिछली बार दोनों टीमों के बीच मुकाबला ग्रुप चरण में हुआ था। दोनों ने ही अपने रिजर्व खिलाड़ियों को आजमाया था। शनिवार को हालांकि दोनों टीमें अपनी ताकत के साथ उतर सकती हैं। दोनों ही टीमों का स्वाभाविक खेल सीधा खेलने का है, जिससे मुकाबला काफी रोचक हो सकता है।
केविन डी ब्रून, ईडन हैजार्ड, हैरी केन, रहीम स्टरलिंग कई स्टार खिलाड़ी मैदान में होंगे। मुझे लगता है कि इंग्लैंड आक्रमण करने की तैयारी करेगा। बेल्जियम का डिफेंस बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है। जापान के खिलाफ हमें देखने को मिला कि तेज मूव को संभालना उनके लिए मुश्किल होता है। मुझे हैरानी हुई कि ब्राजील कई मौकों पर काफी करीब आने के बावजूद इसका फायदा नहीं उठा पाया। विश्व कप में तीसरे स्थान के मुकाबले में बहुत ज्यादा लोगों की रुचि नहीं रहती।