एशियन कप फुटबॉल में भारत का मुकाबला बहरीन से, नॉकआउट में पहुंचने पर नजर
भारतीय फुटबॉल टीम सोमवार को एशियन कप फुटबॉल के अपने अंतिम लीग मैच में बहरीन के खिलाफ पहली बार नॉकआउट राउंड में प्रवेश करने के इरादे के साथ मैदान में उतरेगी।
शारजाह। पिछले मैच में मिली हार को पीछे छोड़ते हुए भारतीय फुटबॉल टीम सोमवार को एशियन कप फुटबॉल के अपने अंतिम लीग मैच में बहरीन के खिलाफ पहली बार नॉकआउट राउंड में प्रवेश करने के इरादे के साथ मैदान में उतरेगी।
विश्व की 113वें क्रम की पश्चिम एशियाई टीम के खिलाफ ड्रॉ भी 97वीं रैंकिंग वाली भारत को प्री क्वार्टर फाइनल में जगह दिला देगी। यदि ऐसा होता है तो 1984 व 2011 में प्रयास असफल रहने के बाद भारतीय टीम पहली बार एशियन कप के नॉकआउट में प्रवेश करेगा। 1951 से लेकर 1964 तक के भारत के स्वर्णिम काल के बाद सोमवार की रात भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों के लिए खास रहेगी। कप्तान सुनील छेत्री देश के लिए सबसे ज्यादा 107 मैच खेलने वाले पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। भारतीय टीम 1964 में इजराइल में उपविजेता रही थी लेकिन टूर्नामेंट राउंड रॉबिन लीग आधार पर खेला गया था, जिसमें चार टीमों ने हिस्सा लिया था और विजेता का निर्धारण लीग में अंकों के आधार पर किया गया था। उस समय एक भी नॉकआउट मैच नहीं था।
हार के बाद भी रहेगा मौका: सोमवार को भारत यदि हार भी जाता है तो भी उसके पास नॉकआउट में पहुंचने का एक मौका रहेगा। इसके लिए उसे उम्मीद करनी इसी दिन समूह ए के मेजबान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) थाईलैंड को हरा दें। छह समूह में से तीसरे स्थान पर रहने वाली चार टीमें नॉकआउट दौर में जगह बनाएगी। एशियन कप के नियमों के अनुसार, यदि दो टीमों के समूह मैचों के बाद समान अंक रहते हैं तो उनकी रैंकिंग दोनों के आपस के मैच से निकाली जाएगी। इसलिए यदि थाईलैंड और भारत अपने-अपने मैच सोमवार को हार जाते हैं तो इस स्थिति में भारत नॉकआउट दौर में पहुंच जाएगा। भारत ने अपने प्रारंभिक मैच में थाईलैंड को 4-1 से शिकस्त दी थी।
पिछले रिकॉर्ड को देखा जाए तो भारत और बहरीन के बीच अभी तक सात मैच खेले गए हैं, जिनमें से भारत केवल एक मैच जीत सका है। बहरीन ने पांच मैच जीते हैं जबकि एक मैच ड्रॉ रहा है। भारत की एकमात्र जीत (2-0) उसे 1979 में मैत्री मैच में मिली थी। दोनों गोल शब्बीर अली ने दागे थे।