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अपनी टीम के खराब प्रदर्शन के चलते स्पेन के कोच पद से हटे हीरो

2010 की विजेता स्पेन अंतिम-16 के मैच में रूस के हाथों पेनाल्टी शूटआउट में हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 04:25 PM (IST)
अपनी टीम के खराब प्रदर्शन के चलते स्पेन के कोच पद से हटे हीरो
अपनी टीम के खराब प्रदर्शन के चलते स्पेन के कोच पद से हटे हीरो

मैड्रिड, एएफपी। स्पेन के कोच फर्नाडो हीरो ने विश्व कप में अपनी टीम के खराब प्रदर्शन के चलते पद से इस्तीफा दे दिया। स्पेनिश फुटबॉल संघ ने रविवार को इसकी जानकारी दी। 2010 की विजेता स्पेन अंतिम-16 के मैच में रूस के हाथों पेनाल्टी शूटआउट में हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। फेडरेशन ने कहा, 'समय आ गया है कि हीरो टीम के कोच पद पर नहीं रहेंगे। हम दोनों की साझेदारी खत्म हो रही है। इसके साथ हीरो ने फेडरेशन के तकनीकी निदेशक के पद पर वापस लौटने से इन्कार कर दिया है और वह नई चुनौती लेने के लिए तैयार है।' हीरो को विश्व कप से पहले ही जुलेन लोपेतेगुई की जगह टीम का जिम्मा सौंपा गया था।

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इंग्लिश मीडिया ने कहा, बुधवार की योजनाएं रद
इंग्लिश मीडिया ने विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने पर गेरेथ साउथगेट की टीम की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि देश की बुधवार की शाम को होने वाली सारी योजनाएं रद हो गई हैं, क्योंकि सभी अंतिम-चार में क्रोएशिया से होने वाली टीम की भिड़ंत देखने को बेताब हैं। इंग्लैंड ने स्वीडन को 2-0 से शिकस्त देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। इसके बाद स्थानीय अखबार 'सन' ने कहा, 'बुधवार की योजनाएं रद। टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने पर प्रशंसकों की खुशी का ठिकाना नहीं है।' 'द मेल' ने ऑनलाइन संस्करण में लिखा, 'सपना जारी है। इंग्लैंड में सभी अति उल्लास में हैं।' वहीं संडे मिरर ने लिखा, 'इंग्लैंड विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंच गया है, क्या यह फुटबॉल की घरेलू वापसी है।' 'संडे टेलीग्राफ' ने साउथगेट की तुलना इंग्लैंड के 28 साल पहले के कोच बॉबी रॉबसन से कर डाली।

विश्व कप से बाहर होना सबसे दुखद पल : नेमार
ब्राजीली टीम के स्टार स्ट्राइकर नेमार ने कहा कि टीम के विश्व कप से बाहर होना उनके जीवन का सबसे दुखद पल है। विश्व के सबसे महंगे फुटबॉलर नेमार ने कहा कि सच कहूं तो यह मेरे करियर का सबसे दुखद वक्त है। दुख इसलिए भी हो रहा है कि क्योंकि मुझे लगता है कि हम इस टूर्नामेंट में आगे तक जा सकते थे, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया। आपकी टीम के बाहर हो जाने के बाद फुटबॉल मैच देखना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए अब भगवान से यह प्रार्थना है कि मुझे इस मुश्किल वक्त से बाहर निकाले। मुझे विश्वास है कि भगवान जो करता है, अच्छा करता है। ब्राजील को अब ट्रॉफी पाने के लिए कम से कम 2022 तक का इंतजार करना होगा।

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