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इंग्लैंड की कप्तानी के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था : हैरी केन

इंग्लैंड के कप्तान के तौर पर हैरी केन को चुना जाना हैरानी भरा फैसला था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 05:51 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 10:33 AM (IST)
इंग्लैंड की कप्तानी के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था : हैरी केन
इंग्लैंड की कप्तानी के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था : हैरी केन

इंग्लैंड के कप्तान के तौर पर हैरी केन को चुना जाना हैरानी भरा फैसला था। 24 साल की उम्र में इंग्लैंड की कप्तानी कर वह देश के इकलौते विश्व कप विजेता कप्तान बॉबी मूर का रिकॉर्ड तोड़ देंगे। मूर 1966 में 25 साल की उम्र में इंग्लैंड के कप्तान थे। इस सत्र में 48 क्लब मैचों में 41 गोल और राष्ट्रीय टीम के लिए 23 मैचों में 12 गोल के साथ केन रूस में अपने देश का झंडा उठाने के लिए तैयार हैं। पेश है उनके साक्षात्कार के मुख्य अंश-

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-क्या आपने कभी सपने में भी विश्व कप में इंग्लैंड की कप्तानी करने के बारे में सोचा था?

-मैंने इंग्लैंड के लिए विश्व कप खेलने का सपना देखा था। मगर सबसे बड़े मंच में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना बहुत ही बड़ा सम्मान है। मैंने कुछ मैचों में राष्ट्रीय टीम की कप्तानी की है, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि मुझे विश्व कप के लिए कप्तान चुना जाएगा। मैं बहुत ही खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। 

-जब मैनेजर ने आपको इसकी जानकारी दी, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया थी?

-सच कहूं, तो मुझे कुछ दिन पहले ही इस बारे में पता चल चुका था। मगर मैनेजर ने मुझे किसी को भी बताने से मना किया था। हां, वह अनुभव सच में काफी शानदार था। मैं सिर्फ 24 साल का हूं और देश के लिए महज 23 मैच ही खेले हैं। मुझे टीम में चुने जाने की तो उम्मीद थी, लेकिन यह जिम्मेदारी मिलने का विश्वास नहीं था और वह भी विश्व कप में।

-क्या इससे आप पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा? 

-नहीं। हमें वही करना होगा, जो हम करते आ रहे हैं। हम विश्व कप जीतने के प्रबल दावेदारों में नहीं हैं। कम से कम विशेषज्ञ तो ऐसा ही मान रहे हैं। युवा टीम के तौर पर हम आगे बढऩे के लिए तैयार हैं। 

-इंग्लिश मीडिया की ओर से कोई दबाव नहीं है? 

-अगर आप विश्व कप में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, तो अपेक्षाएं तो रहेंगी ही। आप इससे बच नहीं सकते और हमे इससे कोई समस्या भी नहीं है। 

-मगर कप्तान को क्या लगता है? क्या इंग्लैंड यह काम कर सकता है? 

-मुझे लगता है कि हम यह कर सकते हैं। हमारे पास प्रतिभा और फायर पावर दोनों है। हमें अपनी क्षमता के अनुसार खेलना होगा। बाकी सब देखा जाएगा। फुटबॉल में कुछ भी हो सकता है। किसी को नहीं पता कि हमारी किस्मत में क्या है। 

-ट्यूनिशिया और पनामा के ग्रुप में होने से दूसरे दौर में पहुंचने में तो कोई समस्या नहीं होगी। आपको ग्रुप में शीर्ष स्थान के लिए बेल्जियम से चुनौती मिलेगी।

-बेल्जियम खिताब के दावेदारों में शुमार है। वे कुछ साल से बेहतरीन फुटबॉल खेल रहे हैं और उनके पास कुछ अच्छे खिलाड़ी हैं। भाग्य से उनके अधिकतर फुटबॉलर इंग्लिश प्रीमियर लीग में खेलते हैं और अपने विपक्षी की ताकत को जानना हमेशा अच्छा रहता है। हालांकि, सब कुछ उन 90 मिनटों पर निर्भर होगा। यह मैच 28 जून को होगा, जो ग्रुप का आखिरी मैच होगा। अंतिम मैच से पहले हम अपने शुरुआती दोनों मैच जीतना चाहेंगे। पनामा ने जिस ग्रुप से क्वालीफाई किया है, उससे अमेरिका और होंडुरास जैसी टीमें विफल रही हैं। ट्यूनिशिया किसी भी विपक्षी टीम को चौंका सकती है। विश्व कप में आप कुछ भी नहीं कह सकते।        

-दूसरे दौर में कोलंबिया या पोलैंड आपका इंतजार कर रहे होंगे और अंतिम आठ में आपका सामना ब्राजील या जर्मनी से हो सकता है।

-माफ कीजिए, मैं ऐसा नहीं सोच सकता। हमारा पहला लक्ष्य दूसरे दौर में जगह बनाना है। अभी हम सिर्फ ग्रुप के तीन मैचों के बारे में ही सोच रहे हैं। इससे भी ज्यादा अभी हमारी चिंता पहले मैच को लेकर है। हम एक-एक मैच करके आगे बढ़ेंगे। इसलिए हम क्वार्टर फाइनल के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोच रहे हैं।

-कौन सी टीमें विश्व कप की दावेदारों में हैं?

-फिर से मैं यही कहूंगा कि मैं अन्य टीमों के बारे में नहीं सोच रहा हूं। आमतौर पर बड़े फुटबॉल वाले देश हमेशा दावेदार रहते हैं। जैसे जर्मनी, ब्राजील, अर्जेंटीना। इसके अलावा पुर्तगाल और फ्रांस भी है, क्योंकि इन दोनों टीमों ने ही यूरो 2016 के फाइनल में जगह बनाई। स्पेन एक महान टीम है। अगर हमारी टीम को भी इन टीमों के साथ सूची में शुमार किया जाता है, तो मुझे खुशी होगी।

-गोल्डन बूट जीतने की आपकी कितनी संभावना है? 

-एक स्ट्राइकर होने के नाते, मेरा काम गोल करना है और ऐसा करने पर मुझे हमेशा खुशी होती है। इस अहसास को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। स्वाभाविक तौर पर विश्व कप में मैं ज्यादा से ज्यादा गोल करना चाहूंगा। हालांकि, आप हर समय गोल नहीं कर सकते। ऐसे में टीम के लिए अपना योगदान देना भी अहम है। मेरा स्टाइल हमेशा से ऐसा ही रहा है। मैं गेंद को अपने पास रखने की कोशिश करता हूं, पीछे से खेलता हूं और जब मेरे साथी गोल करने की बेहतर स्थिति में होते हैं, तो मैं उन्हें पास देने की कोशिश करता हूं। अगर मैं ज्यादा गोल करता हूं, तो इससे हमें आगे बढऩे में मदद मिलेगी। इसलिए मैं इसका हमेशा स्वागत करूंगा।

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