FIFA 2018: विश्व रिकॉर्ड से चूक गया ये दिग्गज खिलाड़ी, अब हो रहा है मलाल
विश्व कप में अलग-अलग प्रतिभा वाले कई खिलाड़ी और मजबूत टीमें हैं। दर्शकों के लिए यह काफी खास होने वाला है।
जियांलुइगी बुफोन का कॉलम
समझ नहीं आ रहा है कि विश्व कप के बारे में बात की शुरुआत कैसे करूं। इस टूर्नामेंट ने मुझे जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी दी। 2006 में खिताब जीतना मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। जब मैं यह लेख लिख रहा हूं, तो भावनाएं थोड़ी अलग हैं। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि इटली फुटबॉल के सबसे बड़े त्योहार का हिस्सा नहीं है।
1998 में शुरुआत के बाद यह मेरा छठा विश्व कप हो सकता था और यह रिकॉर्ड भी होता क्योंकि अब तक कोई भी ऐसा नहीं कर सका है। जर्मनी के लॉथर मैथ्यूज और मेक्सिको के एंटोनियो कार्बाजल दो अन्य खिलाड़ी हैं, जिन्होंने मेरे अलावा पांच विश्व कप में हिस्सा लिया है। मगर इस रिकॉर्ड से चूकने से ज्यादा दर्द 60 साल में पहली बार इटली के क्वालीफाई नहीं करने पर हो रही है। इसे स्वीकार करना बहुत ही मुश्किल है। हमें गोल नहीं करने का खामियाजा भुगतना पड़ा। पहले चरण में 0-1 से हारने के बाद हमें घरेलू मैदान में स्वीडन के खिलाफ जीत की दरकार थी और हम गोलरहित ड्रॉ ही खेल पाए।
लोग कह सकते हैं कि गोल नहीं कर पाने की वजह से ही पिछले दो संस्करणों में हमें निराशा झेलनी पड़ी। छह मैचों में से हम सिर्फ एक ही मैच जीते और पहले दौर में बाहर हो गए। मैं एक बार फिर से अपने प्रशंसकों से माफी मांगना चाहूंगा और खुद को यह याद दिलाना चाहूंगा कि फुटबॉल में जीत और हार पूरी टीम की होती है। इटली के भविष्य की बात करूं, तो यह सिर्फ एक बुरा दौर है, जो जल्द बीत जाएगा। हम एक मेहनती और फुटबॉल की संस्कृति वाले देश के रूप में जाने जाते हैं। हम जल्द ही वैश्विक मंच पर ज्यादा मजबूत होकर लौटेंगे।
अच्छे समय की बात करूं तो 2006 निश्चित तौर पर हमारे लिए सबसे गर्व का क्षण था। हमें दावेदार नहीं माना जा रहा था और मैदान के बाहर भी कुछ समस्याएं चल रही थीं। मुझे लगता है कि इससे हम मानसिक तौर पर ज्यादा मजबूत हुए। हम इतालवी फुटबॉल के लिए सम्मान वापस पाने के लिए प्रतिबद्ध थे और मार्सेलो लिप्पी के नेतृत्व में हम पूरे दिल से खेले। इससे मुझे विश्वास होता है कि हम जल्द ही मजबूत होकर वापसी करेंगे।
2006 का फाइनल कई कारणों से याद किया जाता है और मुझे खुशी है कि मैं जिदान के हेडर पर गोल बचाने में कामयाब रहा। पहले भी इस अनूठे तरीके से पेनाल्टी लेने की वजह से उन्हें इस बार भी सफलता का भरोसा था और उनका गेंद के साथ संपर्क भी अच्छा हुआ था। मैं भाग्यशाली था, जो मुझे पहले अंदाजा लग गया। यह इसलिए भी खास था क्योंकि हमने 1990 के सेमीफाइनल और 1994 के फाइनल में टाई ब्रेकर की बुरी यादों को मिटा दिया था। विश्व कप के यूरोप में लौटने से इस बार भी यूरोपीय टीम दावेदार है।
जर्मनी फीफा रैंकिंग में पहले स्थान पर है और वह इसकी हकदार भी है। उनके पास हर पोजीशन के लिए कई विकल्प हैं। इससे उनमें खिताब जीतने को लेकर आत्मविश्वास आता है। मगर ऐसा नहीं है कि उन्हें हराया नहीं जा सकता, 2016 के यूरो कप में हम देख ही चुके हैं। वहां भी हम उनके खिलाफ क्वार्टर फाइनल में टाई ब्रेकर में हार गए थे। हालांकि 2014 में स्पेन भी हमारी तरह पहले ही दौर में बाहर गया था, लेकिन इस बार वे बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। मैं उनकी क्वालीफायर्स में उनकी ऑलराउंड ताकत से रूबरू हो चुका हूं और उन्हें हराना बहुत मुश्किल होगा। दिदिएर डेसचैंप्स के नेतृत्व में फ्रांस ने भी काफी सुधार किया है।
इसके अलावा रोनाल्डो, मेसी और नेमार की टीमें पुर्तगाल, अर्जेंटीना और ब्राजील भी हैं। विश्व कप में अलग-अलग प्रतिभा वाले कई खिलाड़ी और मजबूत टीमें हैं। दर्शकों के लिए यह काफी खास होने वाला है और मैं भी थोड़ा ही सही विश्व कप को देखूंगा जरूर, लेकिन बहुत ही भारी मन से।
(जियांलुइगी बुफोन इटली के गोलकीपर रह चुके हैं।)
जानिए कौन हैं बुफोन
इटली के गोलकीपर बुफोन को दुनिया के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर में से एक माना जाता है।1997 में इटली के लिए अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खेलना शुरू करने वाले बुफोन ने 2018 में आधिकारिक रूप से संन्यास लेने की घोषणा की।19 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने 176 मुकाबलों में इटली का प्रतिनिधित्व किया और 2006 में विश्व चैंपियन बनने वाली इटली की टीम के अहम सदस्य रहे।
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