आखिरकार जागा जर्मन फुटबॉल संघ, कहा ओजिल को दुर्व्यवहार से बचा सकते थे
संघ ने माना कि वह इस खिलाड़ी को दुर्व्यवहार से बचाने के लिए कुछ कदम उठा सकता था
नई दिल्ली, जेएनएन। जर्मनी के स्टार फुटबॉलर मेसुत ओजिल के मामले में आखिरकार जर्मन फुटबॉल संघ की आंख खुल गई हालांकि संघ अभी भी नस्लवाद के आरोपों को खारिज कर रहा है। संघ ने माना कि वह इस खिलाड़ी को दुर्व्यवहार से बचाने के लिए कुछ कदम उठा सकता था। संघ के बयान में कहा गया कि हमें अपने स्टार खिलाड़ी ओजिल के जाने का दुख है लेकिन हम नस्लवाद को बिल्कुल भी बढ़ावा नहीं देते हैं।
दरअसल जर्मनी की टीम इस साल खेले गए फीफा वर्ल्डकप में पहले ही राउंड में बाहर हो गई थी, जिसके बाद उनका हर फैन नाराज था। वहीं ओजिल वर्ल्डकप शुरू होने से पहले से ही विवादों में घिरे हुए थे। तुर्की मूल के इस फुटबॉलर पर तुर्की राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के साथ फोटो खिंचवाने के बाद उनकी इमानदारी पर लगातार सवाल उठ रहे थे।
जर्मनी के मैनेजर ओलिवर बियरहॉफ ने तो इतना तक कह दिया था कि अर्सेनल के इस मिडफिल्डर को टीम से हटा दिया जाना चाहिए था। इसके बाद उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी।
इसके बाद से ओजिल पर टीम के प्रति वफादारी ना दिखाने का आरोप लग रहा था। इस घटना के तुरंत बाद ओजिल के पिता ने मीडिया में आकर खुले में कह दिया था कि इस खिलाड़ी को अब कभी जर्मनी की तरफ से नहीं खेलना चाहिए, ओजिल ने अपनी टीम के लिए बहुत कुछ किया है लेकिन इसके बदले में उन्हें मिला क्या।
संन्यास की खबर की जानकारी देते हुए ओजिल ने भी कहा था कि एक फोटो के कारण इतना विवाद होना निराशाजनक है। मैंने किसी के साथ फोटो राजनीति या चुनाव के लिए नहीं खिंचवाई थी। मेरा काम फुटबॉल खेलना है ना कि राजनीति करना।
तुर्की राष्ट्रपति के साथ मेरी मुलाकात अचानक हुई। इसके बावजूद मेरे साथ जो बर्ताव किया गया उससे मैं दुखी हूं। अब मेरी इच्छा नहीं है कि मैं कभी जर्मनी टीम का प्रतिनिधित्व करूं। ओजिल ने तो यहां तक बताया कि इस विवाद के बाद उन्हें और उनके परिवार को धमकी भरे फोन आ रहे हैं।
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