गेरेथ बेल ने चैंपियंस लीग के फाइनल में लिया बदला, दो गोल दागकर रियल को बनाया चैंपियन
लिवरपूल को एकबार फिर खिताब से महरूम रहना पड़ा और रीयल ने 3-1 से जीत के साथ लगातार तीसरी और कुल 13वीं बार खिताब अपने नाम किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। जिस खिलाड़ी को जिनेदिन जिदान अपनी शुरुआती लाइन-अप का हिस्सा बनाने से पूरे सत्र में कतराते रहे, उसी गेरेथ बेल ने रीयल मैड्रिड को अपने दो गोल की बदौलत यूएफा का चैंपियन बना दिया। लिवरपूल को एकबार फिर खिताब से महरूम रहना पड़ा और रीयल ने 3-1 से जीत के साथ लगातार तीसरी और कुल 13वीं बार खिताब अपने नाम किया।
अब इसे बेल का बदला कहें या फिर उनकी जिद जिन्होंने रीयल को चैंपियन बनाते ही क्लब को छोड़ने के संकेत दे दिए। ये हालात ऐसे ही नहीं बने। रीयल के मैनेजर जिदान ने लगातार उन्हें शुरुआती लाइन-अप से बाहर रखा जिससे बेल का तनाव बढ़ता चला गया। कई मौकों पर उन्होंने अपने मन की बेचैनी को जाहिर भी किया लेकिन हर बार उन्हें नजरअंदाज किया गया। वेल्स के स्टार को के इस सत्र के सात मुकाबलों में से चार में स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में उतारा गया जिसमें फाइनल मुकाबला भी शामिल था। इस दौरान उन्होंने फाइनल में दो गोल के साथ कुल तीन गोल दागे।
गोलकीपर की भारी चूक: छठी बार चैंपियन बनने का ख्वाब सजाए बैठी लिवरपूल की टीम का ख्वाब उसके गोलकीपर लुरिस कारियोस की गलतियों की वजह से अधूरा रह गया। पहले हाफ में लगातार डिफेंस पर रहने वाली रीयल की टीम ने दूसरे हाफ में आक्रामक रुख अपनाया। खेल के 48वें मिनट में इस्को की किक लिवरपूल के गोल पोस्ट से टकराकर वापस आई लेकिन तीन मिनट बाद ही बेंजमा ने बेहद चालाकी से रीयल का खाता खोला। हालांकि इसमें लिवरपूल के गोलकीपर कारियोस की गलती रही जो गेंद को अपने साथी खिलाड़ी की ओर फेंक रहे थे लेकिन उस पर बेंजमा ने पैर अड़ाया और गेंद गोल पोस्ट में पहुंच गई। हालांकि 55वें मिनट में माने ने लिवरपूल को बराबरी पर ला खड़ा किया।
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बेल का खतरनाक खेल: 61वें मिनट में बेल को रीयल के मैनेजर जिदान ने मैदान में उतारा। वह इस्को की जगह मैदान में पहुंचे और 63वें मिनट में उनके चमत्कारिक बाइसिकिल किक ने लिवरपूल को परेशान और रीयल के कोच जिदान को हैरान कर दिया। मार्सेलो के क्रॉस पर बेल ने बाइसिकिल किक के जरिये रीयल को 2-1 से आगे कर दिया। बेल का खेल अभी खत्म नहीं हुआ था। 83वें मिनट में करीब 30 गज की दूरी से लगाया गया उनका तेज शॉट लिवरपूल के गोलकीपर के हाथों से छिटककर गोल पोस्ट में समा गया। इस तरह से लिवरपूल के मैनेजर जुर्जेन क्लोप को एक और फाइनल की फिसलन से रूबरू होना पड़ा। वहीं 2002 में बतौर खिलाड़ी रीयल की चैंपियन टीम का हिस्सा रहे जिदान ने एकबार फिर अपनी छाप छोड़ी।