अगले मुकाबले में अर्जेंटीना के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनेंगे फ्रांस के मिडफील्ड
अंतिम 16 की जंग में कोई भी टीम दावेदार के तौर पर मैदान में नहीं उतरेगी।
डिएगो मेराडोना
शुरुआती ड्रामा खत्म हो चुका है। गत चैंपियन विश्व कप से बाहर हो चुका है। सर्वश्रेष्ठ 16 टीमें नॉकआउट की ओर बढ़ चुकी हैं। अब असली फुटबॉल का समय आ गया है। अब संघर्ष करने वाली टीमें ही आगे बढ़ेंगी। अब सिर्फ बात कौशल और रणनीति की नहीं रह गई, बल्कि दबाव सहना भी अहम होगा। जो पहले दबाव में झुक जाएगा, वो बाहर हो जाएगा।
आमतौर पर नॉकआउट में काफी एक्शन और रोमांच देखने को मिलता है। इस बार हालांकि कुछ ज्यादा जल्दी ही हमें रोमांच देखने को मिल गया। फ्रांस के सामने अर्जेंटीना और उरुग्वे-पुर्तगाल की टक्कर दिग्गज टीमों की भिड़ंत होगी। बड़ी टीमों के इस तरह के मुकाबले आमतौर पर टूर्नामेंट के आखिरी पड़ाव पर देखने को मिलते हैं। अंतिम-16 की इस जंग में कोई भी टीम दावेदार के तौर पर मैदान में नहीं उतरेगी।
ग्रुप चरण में फ्रांस ने तीन मैचों में सात अंक हासिल कर शीर्ष स्थान हासिल किया। उन्होंने तीन गोल किए, जिसमें से एक आत्मघाती गोल भी था। मतलब वास्तव में उन्होंने दो ही गोल किए। कागजों पर इस टीम का आक्रमण मजबूत है, लेकिन ऐसा नहीं है जिसका तोड़ न तलाशा जा सके। सही मार्किंग से उन्हें हताश किया जा सकता है। जॉर्ज साम्पोली की टीम को फ्रांस पर काबू पाने के लिए पूरी क्षमता से खेलना होगा।
वहीं, दूसरी ओर, फ्रांस की मिडफील्ड किसी भी विपक्षी टीम के लिए चुनौती है। वे जितनी अच्छी तरह विपक्षी खिलाडिय़ों को रोकते हैं, गोल करने के उतने ही शानदार अवसर पैदा करते हैं। पॉल पोग्बा और कांटे फ्रांस के लिए बेहद अहम हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि अर्जेंटीना क्वार्टर फाइनल में जगह बना लेगी। हालांकि, मैं फ्रांस को बिल्कुल खारिज नहीं कर रहा। दोनों में से कोई भी टीम अपनी क्षमता से नहीं खेल सकी है। अब ऐसा करने का वक्त आ गया है।
अर्जेंटीना की टीम को शुरुआत में संघर्ष करना पड़ा। उसका रक्षण कमजोर था और टीम मेसी पर जरूरत से अधिक निर्भर थी। चयन को लेकर भी आलोचनाएं की गईं। ऐसी कई समस्याएं थीं। प्रभावहीन शुरुआत के बावजूद आखिरी मैच में साहस भरे प्रदर्शन ने टीम को नया जीवन दिया। यह टीम ग्रुप मैच में ही नॉकआउट के दबाव भरे क्षणों से गुजर चुकी है और फ्रांस के खिलाफ उसे इसका फायदा मिलेगा।
अर्जेंटीना को एक टीम के तौर पर खेलना होगा। मेसी अपनी ओर से ऐसी चीजें करने की कोशिश करेंगे ही जो केवल वे ही कर सकते हैं। बाकी खिलाडिय़ों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। खिलाडिय़ों ने दिखाया है कि टीम एकजुट प्रयास करने में सक्षम है और उन्हें फिर ऐसा ही करना होगा। यह मैच बेहद कड़ा रहने वाला है, जिसमें मिडफील्ड और डिफेंस की भी परीक्षा होगी। अर्जेंटीना को मास्केरोनो और ओटेमेंडी के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की जरूरत होगी।
दूसरे मुकाबले में पुर्तगाल और उरुग्वे आमने-सामने होंगे। इस मुकाबले का नतीजा दो स्टार स्ट्राइकरों के प्रदर्शन से तय होगा। क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने टूर्नामेंट की शुरुआत हैट्रिक से की थी और वह गोल करने के मामले में संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं। अगर रोनाल्डो ने एक पेनाल्टी मिस नहीं की होती तो वे संयुक्त रूप से शीर्ष पर होते। हालांकि, मेसी ने भी शुरुआत में एक पेनाल्टी मिस की थी। जब दिग्गज खिलाड़ी गोल करने के लिए उतावले होते हैं तो ऐसी चीजें होती हैं। लुइस सुआरेज भी जबरदस्त प्रदर्शन कर करीबी मुकाबले में अंतर पैदा कर सकते हैं। सुआरेज व रोनाल्डो दोनों पर अपने-अपने देश को आगे लेकर जाने की जिम्मेदारी होगी।
दोनों टीमों की रक्षण पंक्ति इस समय गहरे दबाव में होगी और ऐसे में विपक्षी आक्रमण को रोकने की बड़ी जिम्मेदारी मिडफील्ड पर भी होगी। जब दोनों टीमें बेहद बराबरी की हों तो मुकाबला मुंह में पानी लाने वाला होता है। यह मुकाबला बिल्कुल ऐसा ही है।