नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 के लिए पहले और दूसरे चरण की नामांकन प्रकिया भी शुरू हो चुकी है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक महिला की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है। उसके सिर से खून बह रहा है और पास में पुलिसकर्मी खड़े हैं। दावा किया जा रहा है कि यह 2016 की मैनपुरी की घटना है। अखिलेश यादव की सरकार में महिला ने ब्लॉक प्रमुख चुनाव का नामांकन फार्म लिया था। इस वजह से सपा नेता ने महिला को पीट दिया था। पुलिस इस मामले में तमाशबीन खड़ी रही थी और राजनीतिक दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट 'विश्वास न्यूज' ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। दरअसल, 2016 में मैनपुरी में छेड़खानी का विरोध करने पर दबंगों ने महिला और उसके पति के साथ मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए 'विश्वास न्यूज' ने सबसे गूगल रिवर्स इमेज टूल से इसे सर्च किया। इसमें हमें 21 दिसंबर 2016 को IndiaTV पर अपलोड किया गया वीडियो मिला। इसमें हमें फोटो में बंदूक टांगे हुए सिपाही और हरा सूट पहने हुए महिला दिखी। वीडियो न्यूज के अनुसार, घटना मैनपुरी की है। गुंडों ने महिला और उसके पति को छेड़खानी का विरोध करने पर मारा। महिला उनका मुकाबला करती रही, लेकिन आसपास मौजूद कोई भी उनकी सहायता के लिए नहीं आया। दंपती के साथ उनकी बच्ची भी थी। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो पीड़िता आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के लिए अड़ गई। बाद में पुलिस ने केस दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
इसकी और पड़ताल करने पर 24 दिसंबर 2016 को दैनिक जागरण में छपी खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, आरोपियों के नाम अजय यादव, आनंद यादव और कुलदीप यादव हैं। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
22 दिसंबर 2016 को ANI UP/Uttarakhand ने भी ट्वीट कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी।
इस बारे में मैनपुरी के दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ दिलीप शर्मा का कहना है, यह तस्वीर 2016 की है। किशनी थाना क्षेत्र में छेड़छाड़ का विरोध करने पर दबंगों ने दंपती पर हमला किया था। इस मामले में कोई भी राजनीतिक एंगल नहीं है।
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