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Fact Check Story: दो साल पुरानी खबर को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

सोशल मीडिया पर इन दिनों का दावा किया जा रहा है जो दो साल पुरानी खबर से जुड़ा हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अखबार की एक क्लिपिंग में चंडीगढ़ शहर के बिजली विभाग का निजीकरण किए जाने के बारे में लिखा है। जानें खबर का पूरा सच-

By Ashisha RajputEdited By: Published: Thu, 12 May 2022 05:08 PM (IST)Updated: Thu, 12 May 2022 05:08 PM (IST)
Fact Check Story: दो साल पुरानी खबर को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा है वायरल
इसमें चंडीगढ़ शहर के बिजली विभाग का निजीकरण किए जाने के बारे में लिखा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में अखबार की एक क्लिपिंग वायरल हो रही है। इसमें चंडीगढ़ शहर के बिजली विभाग का निजीकरण किए जाने के बारे में लिखा है। इसे अभी का समझकर वायरल करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स वायरल कर रहे हैं। वायरल अखबार की कटिंग में लिखा है, ‘बिजली विभाग को खरीदने टाटा अडानी समेत 9 कंपनियां आगे आईं। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला।पड़ताल में पता चला कि चंडीगढ़ बिजली विभाग का निजीकरण किये जाने से जुड़ी एक पुरानी खबर को अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल खबर लगभग दो साल पुरानी है। इसका हालिया कोयला संकट से संबंध नहीं है।

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विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत करते हुए इस क्लिपिंग में लिखी हेडलाइन को गूगल पर सर्च करके की।19 नवंबर, 2020 को पब्लिश इस खबर में लिखा गया था :शहर के बिजली विभाग को खरीदने के लिए अडानी, टाटा समेत 9 कंपनियों ने अपनी इच्छा जताई है। इन सभी कंपनियों ने बिड में शामिल होने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) फॉर्म खरीदे हैं। अब यह देखना है कि टेंडर में इनमें से कौन-कौन सी कंपनियां शामिल होती हैं। दरअसल, प्रशासन ने बीते दिनों बिजली विभाग की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए टेंडर जारी किया है।”अमर उजाला यह खबर वायरल क्लिपिंग से मिलती- जुलती थी।

पूरे मामले को जानने के लिए हमने दैनिक जागरण के चंडीगढ़ के सीनियर रिपोर्टर बलवान करिवाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि चंडीगढ़ बिजली विभाग की बिडिंग प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन यूटी पावर मैन यूनियन की ओर से इस निजीकरण के विरोध में एक याचिका दायर की गई थी। इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर किए जाने के कारण ये मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है।

इस पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ें।


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