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Fact Check Story: डिजिटली तैयार किया गया वीडियो, अजमेर में चमत्कार के नाम पर वायरल

वीडियो रात के अंधेरे का है और गुंबद रोशन नज़र आ रहा है। अब इसी में कुछ सेकंड्स पर एक मछली और जानवर जैसी नज़र आने वाली आकृति गुंबद के पास दिखाई देती है। अब इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कुछ दावे किए जा रहे हैं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 05:22 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 05:22 PM (IST)
Fact Check Story: डिजिटली तैयार किया गया वीडियो, अजमेर में चमत्कार के नाम पर वायरल
Fact Check Story: डिजिटली तैयार किया गया वीडियो, अजमेर में चमत्कार के नाम पर वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। पिछले कुछ दिनों से राजस्थान के अजमेर में मौजूद ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दरगाह के गुंबद को देखा जा सकता है। वीडियो रात के अंधेरे का है और गुंबद रोशन नज़र आ रहा है। अब इसी में कुछ सेकंड्स पर एक मछली और जानवर जैसी नज़र आने वाली आकृति गुंबद के पास दिखाई देती है। अब इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि ख्वाजा साहब की मजार पर चमत्कार हुआ है। जब दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग टीम विश्वास न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल की तो सच्चाई सामने आई और पता चला कि यह वीडियो फर्जी है और इसे डिजिटली तैयार किया गया है।

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सबसे पहले जब विश्वास न्यूज़ ने वीडियो को गौर से देखा तो उसमें गुंबद के पास नज़र आ रही रोशनी को देखकर साफ पता चला कि यह किसी सॉफ्टवेयर की मदद से ऊपर से चिपकाया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज़ ने गूगल ओपन सर्च किया। अगर ऐसी कोई भी खबर सच होती तो यह ख़बरों में ज़रूर मौजूद होती, लेकिन काफी देर अलग-अलग कीवर्ड से तलाश करने पर भी विश्वास न्यूज़ को ऐसी कोई खबर किसी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान की तरफ से पब्लिश हुई नहीं मिली।

ट्विटर सर्च किये जाने पर विश्वास न्यूज़ को 'Dargah Committee Dargah Khwaja Sahab Ajmer' नाम के ट्विटर हैंडल की तरफ से किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें वीडियो के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए उसे फेक बताया गया है।

वीडियो से जुडी जानकारी हासिल करने के लिए विश्वास न्यूज़ ने दैनिक जागरण की वीडियो टीम के ग्राफ़िक एनिमेटर संजय जेमिनी से संपर्क किया और उनके साथ वायरल वीडियो शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि यह एक तरीके का विजुअल इफ़ेक्ट है। बहुत-से ऐसे सॉफ्टवेयर मौजूद हैं, जिसके ज़रिये इस तरीके की लाइटिंग इफ़ेक्ट को बनाया जा सकता है।

विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक स्टोरी को विस्तार से पढ़ने और झूठे दावे की पोल खोलने का स्टेप बाय स्टेप प्रॉसेस देखने के लिए यहां क्लिक करें।


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