Fact Check: प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के नाम से वायरल हो रहा फेक मैसेज
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन स्कीम है। इसका लाभ लेने के लिए श्रमिकों को योगदान देना होता है। इसके तहत बेरोजगारों को रुपये देने वाला मैसेज फर्जी है। इसके साथ फिशिंग लिंक दिया गया है जिसके जरिए साइबर ठग लोगों को फंसाते हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के नाम से एक मैसेज काफी वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत बेरोजगारों को 1800 रुपये महीने दिए जा रहे हैं। इसके लिए कोई भी मोबाइल से रजिस्ट्रेशन कर सकता है। इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहा है। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट 'विश्वास न्यूज' ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल मैसेज फर्जी है। इसके साथ दिया गया लिंक फिशिंग लिंक है। यह योजना एक पेंशन स्कीम है न कि बेरोजगारों के लिए योजना। इसमें लाभार्थी को योगदान देना होता है।
वायरल पोस्ट की पड़ताल के लिए 'विश्वास न्यूज' ने सबसे पहले मैसेज को ध्यान से देखा। इसमें दिया गया लिंक संदेहास्पद लगा। इस पर क्लिक करने पर जो विंडो खुली, उसका यूआरएल https://m9-pradhanmantri-mandhan-yojna.blogspot.com/#1653462657580 भी संदेहास्पद दिखा। इसमें कोई कॉन्टैक्ट और वेबसाइट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। मतलब यह फिशिंग लिंक हो सकता है।
इसके बाद 'विश्वास न्यूज' ने 'प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना' की आधिकारिक वेबसाइट को देखा। इसमें ऐसी कोई योजना का जिक्र नहीं मिला। इसमें दी गई जानकारी के मुताबिक, यह योजना असंगठित श्रमिकों के बुढ़ापे को सुरक्षित करने के लिए है। यह एक पेंशन स्कीम है। इसके तहत लाभार्थी को 60 साल के बाद 3 हजार रुपये महीने दिए जाते हैं। उसकी मौत के बाद लाभार्थी की पत्नी को पेंशन का आधा हिस्सा दिया जाएगा। इसमें 18 से 40 तक की उम्र के बीच के लोग आवेदन कर सकते हैं। स्कीम का लाभ लेने के लिए उनको 55 से 200 रुपये तक प्रति माह देने पड़ेंगे। मतलब यह एक पेंशन स्कीम है।
इसको लेकर PIB ने भी 28 फरवरी 2022 को ट्वीट किया है। इसके मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज फर्जी है। इसकी और जानकारी के लिए 'विश्वास न्यूज' ने अमरोहा के एसडीएम मांगेराम चौहान से बात की। उनका कहना है, प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना श्रमिकों के लिए पेंशन की योजना है। बेरोजगारों को 1800 रुपये देने वाला मैसेज फर्जी है। इस तरह के कई फर्जी मैसेज वायरल होते हैं। इन पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
साइबर एक्सपर्ट शिवेंद्र सिंह चौहान का कहना है, साइबर धोखाधड़ी के मामले आजकल बहुत सामने आ रहे हैं। साइबर धोखाधड़ी करने वाले नए-नए तरीको से लोगों को लुभाने के लिए इस तरह के फिशिंग लिंक भेजते हैं। इनसे सावधान रहें। वायरल मैसेज को गौर से देखा जाए तो साफ पता चलता है कि यह वैलिड लिंक नहीं है। यह वेबसाइट भारत सरकार की नहीं है| इसमें भारत सरकार की स्कीम के बारे में कुछ नहीं लिखा हुआ है। न ही कोई इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर या कॉन्टैक्ट डिटेल्स दी गई है। किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें।
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