वेब समीक्षा: करणजीत कौर उर्फ़ सनी लियोनी को अपने किसी भी फैसले पर पछतावा ना था, ना है
एडल्ट इंडस्ट्री हो या बॉलीवुड, जो भी कुछ सनी ने किया वो अपनी मर्ज़ी से किया जिसका पछतावा करना उन्हें गलत लगता है, सभी को अपनी ज़िन्दगी अपने हिसाब से जीने का हक है।
करणजीत कौर- द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ सनी लियोनी
कलाकार: सनी लियोनी, रायसा सौजानी, करणवीर लाम्बा, बिजय आनंद, ग्रुषा कपूर व अन्य
निर्देशक: आदित्य भट्ट
रेटिंग: 3 / 5 स्टार
मुंबई। इंडस्ट्री में इन दिनों बायोपिक्स की कमी नहीं है और लोग भी इसे बहुत पसंद करते हैं। किसी भी फेमस इंसान की जिंदगी के बारे में खुलकर जाने की दिलचस्पी सभी में होती है। बायोपिक के इसी क्रम में डायरेक्टर आदित्य दत्त एक और बायोपिक लेकर आये हैं। 'करणजीत कौर - द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ सनी लियोनी' से जिसे वेब सिरीज़ द्वारा ज़ी5 पर पेश किया गया है। करणजीत कौर एक ऐसी लड़की की जिंदगी की दास्तान-ए-बयां हैं, जिसके लिए करणजीत से सनी लियोनी बनने की कहानी में कांटे कम नहीं हैं।
अपने फैसलों का कोई पछतावा नहीं!
सिख परिवार की करणजीत कौर वोहरा को आप सभी सनी लियोली (स्टेज नाम) से जानते हैं लेकिन, यह बायोपिक आपको दर्शाती है कि सनी के अंदर ये करणजीत कौन है। परिवार को सबसे ज्यादा अहमियत देने वाली, जिंदादिल, खुद्दार, ईमानदार और एक ऐसी लड़की जो अपनी ज़िन्दगी के हर फैसले को खुद लेना जानती हैं। वो समाज जो लड़की के द्वारा लिए हर फैसले पर अच्छाई-बुराई और सही-गलत का तराज़ू लिए खड़ा हो जाता है, उसी समाज में सनी वो है जिसे अपने फैसलों का कोई पछतावा नहीं होता। वो जानती हैं कि वो जो कर रही है वो उनका अपना फैसला है और ये समाज कोई अदालत नहीं है जो उन्हें और उनके फैसलों को जज करे। 18 से 23 मिनट लंबे, 10 एपिसोड्स में सनी की ज़िन्दगी को बहुत ही संजीदगी से पेश किया गया है। इस कहानी में आप सनी की साल 1994 से 2016 के बीच की जिंदगी के सफर पर साथ चलते हैं। इस क्रम में करणजीत ने कनाडा से LA, न्यू यॉर्क और मुंबई तक का सफ़र किया। न्यूज़ रूम में रिपोर्टर के तीखे और सटीक सवालों के जवाब में सनी ने अपनी पूरी कहानी सुनाई है।
हर किरदार में है जान!
रायसा सौजानी ने सनी के बचपन का किरदार बखूबी से निभाया है। शुरुआती एपिसोड्स में आप रायसा की मासूमियत से बहुत इम्प्रेस होंगे। *Spoiler Alert* यह है कि सनी दरअसल करणजीत के छोटे भाई का नाम है। तो, असली सनी यानि करणजीत के भाई का किरदार निभाया है अभिनेता करणवीर लाम्बा ने जो कि एक कैरिंग और सपोर्टिंग भाई है और अपनी बहन से बेहद प्यार करता है। वहीं करणजीत के पेरेंट्स का किरदार निभाने वाले बिजय आनंद और ग्रुषा कपूर ने भी अपने किरदारों को बखूबी से निभाया है। भारत में यह पहली बार हुआ है कि खुद सेलेब्रिटी ने अपनी बायोपिक में काम किया हो। यह कहना गलत नहीं होगा कि सनी लियोनी के अलावा शायद ही यह किरदार कोई और निभा पाता।
इमोशनल राइड और हैप्पी एंडिंग!
कहानी पूरी तरह से एक इमोशनल राइड है। भाई-बहन और पिता-बेटी के प्यार के अलावा एक भारतीय मां के इमोशन्स भी हैं। सनी की मां काफी समय तक यह अपना नहीं पाती कि उनकी बेटी एडल्ट इंडस्ट्री का हिस्सा है। सिख कम्युनिटी और घर परिवार के लोगों के ताने उसे पसंद नहीं आते मगर, अंत में हैप्पी एंडिंग हो ही जाती है। एक सीन ऐसा भी है जब 13 साल की करणजीत एक ड्रेस खरीदने के लिए लोगों के गार्डन पेंट करती है, सड़कों पर नींबू पानी बेचती हैं, लोगों के पेट्स को पालती है...तब लोग उसे मेहनती मानते हैं और कहते हैं कि कोई काम छोटा नहीं होता! सनी वही लड़की है जो सिर्फ पैसे कमाना चाहती थी और जैसे जैसे, जहां जहां से उसे पैसे मिलते रहे वो उसी राह पर चलती रही और आज बॉलीवुड की नामी हस्तियों में से एक है।
कुछ कमियां भी!
सनी की इस सिरीज़ में कमियों की बात की जाए तो एडल्ट इंडस्ट्री से चर्चित शो बिग बॉस और फिर बॉलीवुड तक आने की जर्नी पर अब भी धुल जमी हुई है। हालांकि, बीच बीच में रिऐलिटी शो बिग बॉस की चर्चा हुई है। बिग बॉस के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री ने उन्हें किस तरह अपनाया? जज करने वाले लोग इस इंडस्ट्री में भी उन्हें मिले ही होंगे? सनी का यह स्ट्रगल भी अगर इस सीरीज़ में होता तो शायद कहानी पूरी लगती, या हो सकता है मेकर्स दूसरे सीज़न को भी पेश करें!
एडल्ट इंडस्ट्री हो या बॉलीवुड, जो भी कुछ सनी ने किया वो अपनी मर्ज़ी से किया जिसका पछतावा करना उन्हें गलत लगता है, सभी को अपनी ज़िन्दगी अपने हिसाब से जीने का हक है। सीरीज़ के अंत तक आप इस बात से राबता करेंगे कि किसी भी इंसान को जज करने का हक किसी को भी नहीं है। 'करणजीत कौर - द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ सनी लियोनी' आपको लोगों को देखने का नज़रिया ज़रूर बदलेगी।