बेहतर कल के लिए आशा की किरण जगाती Nestlé India और HILLDAARI की ये पोएट्री फिल्म
इस पर्यावरण दिवस Nestlé India ने प्रोजेक्ट HILLDAARI के तहत स्त्री मुक्ति संगठन और RECITY के साथ मिलकर एक पोएट्री फिल्म रिलीज की है।
इस पर्यावरण दिवस Nestlé India ने प्रोजेक्ट HILLDAARI के तहत स्त्री मुक्ति संगठन और RECITY के साथ मिलकर एक पोएट्री फिल्म रिलीज की है। जिसका नाम है लेट्स इमेजिन ए हिल्ड वर्ल्ड (Let’s imagine a healed world)। इसमें अनामिका जोशी ने अपनी आवाज दी है, जो एक लोकप्रिय पोएटिक परफॉर्मेंस आर्टिस्ट हैं। इस पोएट्री फिल्म में अनामिका लोगों से आग्रह कर रही हैं कि वो एक स्वच्छ वातावरण की कल्पना करें, जिससे कि जैव विविधता फले-फूले। जैसा कि आजकल हम लॉकडाउन के दौरान अनुभव कर रहे हैं। पोएट्री फिल्म एक नई और बेहतर दुनिया बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करती है।
इस अनूठी पहल पर अपनी बात रखते हुए Nestlé India में कॉर्पोरेट मामले के निदेशक श्री संजय खजूरिया ने कहा, ‘’महामारी के दौरान, स्थानीय हितधारकों के सहयोग से Nestlé India ने अपने प्रोजेक्ट HILLDAARI के जरिए भारत के चुनिंदा पर्यटन शहरों में वेस्ट प्रोफेशनल्स से संपर्क साधा। Nestlé India ने महामारी का सामना करने के लिए न केवल उन्हें जागरूक किया, बल्कि उन्हें सेफ्टी गियर भी दिए। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, HILLDAARI की पोएट्री फिल्म एक बेहतर कल के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करती है और पर्यावरण संरक्षण के संकल्प को मजबूत करती है।’’
इस पर बात करते हुए लोकप्रिय पोएटिक परफॉर्मेंस आर्टिस्ट अनामिका जोशी ने कहा, “कला में दुनिया को बदलने की शक्ति है और वर्तमान स्थिति को देखते हुए, दुनिया को एक सकारात्मक बदलाव की सख्त जरूरत है। इस पोएट्री फिल्म का उद्देश्य वर्तमान समय में बेहतर कल के लिए आशा की किरण जगाना है। यह दुनिया को बदलने में कल्पना और सहानुभूति की शक्ति पर प्रकाश डालती है।''
Nestlé India द्वारा समर्थित HILLDAARI देश के पर्यटन शहरों में ठोस और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (waste management) के लिए समावेशी, प्रासंगिक और लचीला मॉडल विकसित करने की एक पहल है। वर्तमान में स्त्री मुक्ति संगठन द्वारा मसूरी, नैनीताल और डलहौजी में इसे लागू किया जा रहा है। इसमें RECITY (Recity Network Private Limited) भी तकनीकी भागीदार के रूप में सहयोग दे रही है। HILLDAARI पहल की मदद से 220 वेस्ट कलेक्टर्स (waste collector) और अनौपचारिक कचरा बीनने वालों को पेशेवर बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।