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Maharani Review: साहब, सियासत और रानी की कहानी में देखने लायक है हुमा कुरैशी की अभिनय क्षमता का विस्तार

10 एपिसोड की इस सीरीज़ में एक अनपढ़ और घर-गृहस्थी की ज़िम्मेदारियों में डूबी महिला के मुख्यमंत्री बनने और प्रदेश की राजनीति में छा जाने की कहानी दिखायी गयी है। सीरीज़ में शीर्षक किरदार हुमा कुरैशी ने निभाया है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 06:10 PM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 02:02 PM (IST)
Maharani Review: साहब, सियासत और रानी की कहानी में देखने लायक है हुमा कुरैशी की अभिनय क्षमता का विस्तार
Huma Qureshi as Maharani in SolyLIV series. Photo- Instagram

मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। सियासत के लिहाज़ से देश के दो सबसे अहम सूबों उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए नब्बे का दौर काफ़ी अहम रहा है। इस कालखंड में इन दोनों सूबों से सियासत की कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने देश की राजनीति को लम्बे समय तक प्रभावित किया और जो इतिहास में दर्ज़ हो गयीं। ऐसी ही घटनाओं को फ़िल्मकार सुभाष कपूर ने सिनेमा के अलग-अलग फॉर्मेट में पेश किया।

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मैडम चीफ़ मिनिस्टर के ज़रिए उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक ऐसी महिला की कहानी को पर्दे पर पेश किया, जिसने जातिगत व्यवस्था का दंश झेलते हुए सियासी सफ़र तय किया और देश के सबसे बड़े सूबे की मुख्यमंत्री बनी। दूसरी राजनीतिक घटना को उन्होंने अपनी वेब सीरीज़ महारानी के ज़रिए दिखाया है, जो सोनी लिव पर रिलीज़ हो चुकी है।

10 एपिसोड की इस सीरीज़ में एक अनपढ़ और घर-गृहस्थी की ज़िम्मेदारियों में डूबी महिला के मुख्यमंत्री बनने और प्रदेश की राजनीति में छा जाने की कहानी दिखायी गयी है। सीरीज़ में शीर्षक किरदार हुमा कुरैशी ने निभाया है। किरदार, कथाभूमि और कालखंड महारानी को लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी से जोड़ते हैं, मगर वेब सीरीज़ का पहला एपिसोड शुरू होने से पहले आया डिस्क्लेमर साफ़-साफ़ कहता है कि इस कहानी के किरदार, स्थान, घटनाएं, रहन-सहन, कानूनी-प्रक्रियाएं, धार्मिक मान्यताएं सब काल्पनिक हैं।

ख़ैर, डिस्क्लेमर चाहे जो कहे, यह तो देखने वाले पर है कि वो किरदार, कहानी और कथाभूमि को किस नज़र और नज़रिए से देखना चाहता है। भीमा भारती प्रदेश का मुख्यमंत्री है। पत्नी रानी भारती पूरी तरह घर-गृहस्थी को समर्पित महिला है, जिसका सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा घर, बच्चों और मवेशियों के लिए अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करना ही है। मगर, हालात ऐसे करवट लेते हैं कि भीमा पत्नी रानी को मुख्यमंत्री बना देता है।

मक़सद होता है कि पत्नी को स्टाम्प बनाकर ख़ुद सियासी मोहरे खेलना, मगर यहां रानी 'साहब' की सियासी बिसात पर अपने मोहरे ख़ुद खेलती है और बन जाती है सियासत की महारानी। इसे आप महिला सशक्तिकरण से जोड़कर भी देख सकते हैं। सीरीज़ जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, काल्पनिकता के रंग गाढ़े होने लगते हैं।

हालांकि, कहानी में नब्बे के दौर में होने वाली बिहार की सामाजिक और राजनीतिक घटनाक्रमों की छाप पूरी तरह नज़र आती है। अगड़ो-पिछड़ों की रक्तरंजित राजनीतिक। दाना (चारा) घोटाला। भीमा भारती का विकल्प बनने के लिए सियासी दुश्मनों की साजिश। सब कुछ मौजूद है। 

गैंग्स ऑफ़ वासेपुर जैसी फ़िल्मों के ज़रिए हुमा कुरैशी गावं-कस्बे की लड़की का किरदार निभाती रही हैं, मगर रानी भारती उनकी अभिनय क्षमता का विस्तार है। रानी ने एक मां, पत्नी और मुख्यमंत्री के सफ़र को कामयाबी के साथ जीया है। पिछले हफ़्ते दर्शकों ने हुमा को जैक स्नायडर की हॉलीवुड फ़िल्म आर्मी ऑफ द डेड के कुछ दृश्यों में नज़र आयीं हुमा इस हफ़्ते पूरी वेब सीरीज़ अपने कंधों पर लेकर चलती हैं।

बाक़ी कलाकारों की बात करें तो भीमा भारती के किरदार में सोहम शाह ने ठीक काम किया है। हालांकि, उनके किरदार में एकरूपता है। तुम्बाड़ जैसे कमाल की उम्मीद सोहम से अभी भी बाक़ी है। अमित सियाल डिजिटल मंच पर ख़ुद को कई बार साबित कर चुके हैं और इस बार उन्होंने निराश नहीं किया है।

भीमा के धुर विरोधी नवीन कुमार के रोल में अमित ने ठीक काम किया है। मगर, जिन लोगों के अभिनय ने इस सीरीज़ को साधा है, उनमें मलयाली आईएएस ऑफ़िसर कावेरी श्रीधरन (रानी की सचिव) के किरदार में कानी कुश्रुति और वित्त सचिव परवेज़ आलम के किरदार में इनामुलहक़ का नाम लिया जा सकता है। हालांकि, इनामुलहक़ की एंट्री चौथे एपिसोड के अंत में होती है। मगर, आते ही वो छा जाते हैं। 

वेब सीरीज़ की सबसे कमज़ोर कड़ी इसकी लिखाई में कुछ तथ्यों की अनदेखी है, जो वेब सीरीज़ के अंतिम प्रभाव को कम कर देते हैं। अगर इन पर काम किया जाता तो महारानी का असर कुछ और गहरा होता। महारानी, सोनी लिव की पिछली पेशकश स्कैम 1992- द हर्षद मेहता स्टोरी जैसी पकड़ तो नहीं रखती, मगर बोर भी नहीं करती।एक जाने-पहचाने राजनीतिक घटनाक्रम को सिनेमाई दायरे में देखना पसंद है तो महारानी देखी जा सकती है।

कलाकार- हुमा कुरैशी, अमित सियाल, सोहम शाह, विनीत कुमार, कानी कुश्रुति, इनामुलहक़ आदि।

निर्देशक- करण शर्मा

लेखक/क्रिएटर- सुभाष कपूर

स्टार- ***(3 स्टार)

अवधि- लगभग 45 मिनट प्रति एपिसोड


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