बालिका वधू के जगिया शशांक ने बताई एक्टिंग छोड़ने की सच्चाई
शशांक इन दिनों अपनी फिटनेस पर पूरा ध्यान दे रहे हैं और वह बॉडी को दुरुस्त करने में जी जान से जुटे हैं। उनकी चाहत है कि अच्छी फिल्में आयें, तो वह जरूर उस फिल्म का हिस्सा बनेंगे।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। बालिका वधू हिंदी टेलीविजन इंडस्ट्री के कामयाब शोज़ में से एक रहा है और दर्शकों ने इस शो के सारे कलाकारों को खूब प्यार दिया। ख़ासतौर पर शो में लीड किरदार निभाने वाले शशांक व्यास को उस शो से काफी लोकप्रियता मिली थी।
हाल ही में शशांक मिड डे आॅफिस आये तो उन्होंने अपनी एक्टिंग को लेकर एक बड़ा ख़ुलासा किया। शशांक ने अपनी बातचीत में स्वीकारा कि वह पहली बार किसी से इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि उन्होंने बालिका वधू से जुड़ने के छह महीने के बाद ही तय कर लिया था कि वह शो छोड़ देंगे। अब अगर आप यह सोच रहे हैं कि वह ऐसा किसी टैंट्रम के कारण करने वाले थे तो आप गलत समझ रहे हैं। शशांक ने बताया कि वह जब शो से जुड़े थे तो उन्हें शुरुआती दौर में तमाम कोशिशों के बावजूद डायलॉग्स याद ही नहीं हो रहे थे। वह इस बात से घबरा गये थे, उन्हें लगा कि उन्हें एक्टिंग छोड़ कर अपने घर वापस उज्जैन चले जाना चाहिए। उन्हें लगने लगा था कि शायद उन्होंने खुद को अधिक भांप लिया है। उनमें एक्टिंग वाला हुनर ही नहीं है। वह स्मिता बंसल, अनूप सोनी और सुरेखा सिकरी जैसे दिग्गज कलाकारों के सामने परफॉर्म नहीं कर पा रहे थे जबकि उनकी को-स्टार प्रत्यूषा काफी अच्छा कर रही थीं। उन्हें निर्देशक ने यह बात कही भी कि लड़की अच्छा कर रही है, लड़का नर्वस है। लेकिन फिर शशांक ने खुद को समझाया और अपने आप पर वर्कआउट करना शुरू किया। धीरे-धीरे वह सामान्य हुए और परफॉर्म करना शुरू कर दिया।
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शशांक कहते हैं कि उन्होंने सुरेखा सिकरी से यह बात सीखी कि सीन अगर बुरा भी लिखा गया है, उसमे करने को कुछ नहीं है तब भी अच्छे से परफॉर्म करना ही एक्टर का चैलेंज है। वर्ना अच्छा सीन तो अच्छे से सभी कर लेते हैं। शशांक कहते हैं कि कम लोगों को जानकारी होगी कि सुरेखा जी इस बात का भी ध्यान रखती हैं कि सीन में सुबह हो रही है या शाम। उसके अनुसार वह अपनी एक्टिंग में बातचीत का लहजा भी बदलती हैं। शशांक बताते हैं कि शुरुआत में जब मुंबई आये उज्जैन से तो फिल्मी कहानी हुई थी। उन्हें गुरुद्वारा में वक्त गुजारना पड़ा था। ठीक उसी गुरुद्वारे में जहां धर्मेंद्र सबसे पहले आकर ठहर थे। मुंबई के दादर में स्थित उस गुरुद्वारे में शशांक को लगा कि कुछ न कुछ तो अच्छा हो ही जायेगा। वहां से उन्होंने कुछ पोर्टफोलियो, होर्डिंग के एड और यहां तक की कुछ मसालों वाले विज्ञापनों में पीछे बैक में खड़े रहने वाले छोटे-छोटे काम भी किये। बाद में उन्होंने आॅडिशन देना शुरू किया। फिर लंबे स्ट्रगल के बाद उन्हें उस वक्त पवित्र रिश्ता और विदाई जैसे बड़े शोज़ के भी आॅफर मिल थे लेकिन फिर उनकी लांचिंग बालिका वधू से हुई।
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शशांक ने हाल ही में इंडोनेशिया में एक टीवी सीरीज़ में काम किया है। आपने उन्हें 'जाना न दिल से दूर' शो में देखा है। शशांक इन दिनों अपनी फिटनेस पर पूरा ध्यान दे रहे हैं और वह बॉडी को दुरुस्त करने में जी जान से जुटे हैं। उनकी चाहत है कि अच्छी फिल्में आयें, तो वह जरूर उस फिल्म का हिस्सा बनेंगे।