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'रामायण' का राजनीतिक कनेक्शन, जब एक ही पार्टी के सांसद बने 'सीता' और 'रावण'

रामायण के इन किरदारों का राजनीति से भी कनेक्शन है। ऐसा भी हुआ जब रावण और सीता एक ही पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ गए। आइए जानते हैं...

By Rajat SinghEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 09:49 AM (IST)
'रामायण' का राजनीतिक कनेक्शन, जब एक ही पार्टी के सांसद बने 'सीता' और 'रावण'
'रामायण' का राजनीतिक कनेक्शन, जब एक ही पार्टी के सांसद बने 'सीता' और 'रावण'

नई दिल्ली,जेएनएन। दूरदर्शन पर गोल्डन एज शो 'रामायण' की वापसी हुई। रामानंद सागर के इस सीरियल को इस वक्त जबरदस्त टीआरपी मिल रही है। लेकिन यह पहली बार नहीं हैं, जब इसे इतनी सुर्खियां मिली हों। बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, उस दौर में जब भारत में टीवी का विस्तार हो रहा था, तब इस सीरियल को देखने वालों की संख्या 10 करोड़ थी। उस दौर में इतना क्रेज था कि लोगों के लिए रामायण में किरदार निभाने वाले एक्टर पूजनीय हो गए। 

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'रामायण' के इन किरदारों का राजनीति से भी कनेक्शन है। ऐसा कोई पहली बार नहीं है, जब पर्दे पर आने वाले एक्टर लोगों के बीच अपने लिए वोट मांगने जाए। सिनेमा जगत और राजनीति का अपना पुराना रिश्ता है। रामायण के फेमस एक्टर्स भी अपनी किस्मत चुनाव में आजमा चुके हैं।

जब एक पार्टी से सांसद बने 'सीता' और 'रावण'

साल 1991 के आम चुनाव में रामायण के दो एक्टर दीपिका चिखलिया (सीता) और अरविंद त्रिवेदी (रावण) गुजरात के चुनावी मैदान में उतरे। दोनों को ही भारतीय जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया। अरविंद, साबरकांठा सीट और दीपिका चिखलिया, बड़ौदा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। दीपिका ने हाल ही में एक तस्वीर भी शेयर की, जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ चुनाव प्रचार में नज़र आ रही हैं। दीपिका ने इस चुनाव में 276,038 मत हासिल किये थे, जबकि उनके विरोधी कांग्रेस के उम्मीदवार को 241,850 वोट मिले थे। 

क्या कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते थे अरुण गोविल (राम)

रामानंद सागर की रामायण में अरुण गोविल ने राम का किरदार निभाया था। एक समय उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग भी थी। इसका फायदा कांग्रेस उठाना चाहती थी। इंडिया टुडे में साल 1988 में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने अरुण गोविल को पार्टी में शामिल किया था। हालांकि, वह अपनी छवि के चलते कभी चुनाव नहीं लड़े। टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी उन्हें इंदौर से टिकट देना चाहती थी। हालांकि, ऐसा कुछ हुआ नहीं। 

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राज्यसभा पहुंचे दारा सिंह (हनुमान) 

हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह भी राजनीति के गलियारों में नज़र आए। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अरुण गोविल के साथ दारा सिंह को भी पार्टी में लाया गया था। हालांकि, बाद में दारा सिंह भाजपा के साथ जुड़ गए। साल 2003 से 2009 तक वह राज्यसभा के नामित सदस्य रहे।


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