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फिल्‍म रिव्‍यू: रहस्य (2 स्‍टार)

मनीष गुप्ता की 'रहस्य' हत्या की गुत्थियों को सुलझाती फिल्म है, जिसमें कुछ कलाकारों ने बेहतरीन परफॉर्मेंस की हैं। उन कलाकारों की अदाकारी और लंबे समय तक हत्या का रहस्य बनाए रखने में कामयाब निर्देशक की सूझ-बूझ से फिल्म में रोचकता बनी रहती है। अगर पटकथा और चुस्त रहती तो

By Monika SharmaEdited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 10:32 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 10:38 AM (IST)
फिल्‍म रिव्‍यू: रहस्य (2 स्‍टार)

अजय ब्रह्मात्मज

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प्रमुख कलाकार: के के मेनन, टिस्का चोपड़ा, आशीष वशिष्ठ, मीता वशिष्ठ और अश्विनी कालसेकर।
निर्देशक: मनीष गुप्ता
स्टार: दो

मनीष गुप्ता की 'रहस्य' हत्या की गुत्थियों को सुलझाती फिल्म है, जिसमें कुछ कलाकारों ने बेहतरीन परफॉर्मेंस की हैं। उन कलाकारों की अदाकारी और लंबे समय तक हत्या का रहस्य बनाए रखने में कामयाब निर्देशक की सूझ-बूझ से फिल्म में रोचकता बनी रहती है। अगर पटकथा और चुस्त रहती तो यह फिल्म 'किसने की होगी हत्या' जोनर की सफल फिल्म होती।

आयशा महाजन की हत्या हो जाती है। आरंभिक छानबीन से पुलिस इस नतीजे पर पहुंचती है कि हत्या आयशा के पिता सचिन महाजन ने की होगी। वे गिरफ्तार कर लिए जाते हैं। बाद में उनकी प्रेमिका एक मशहूर वकील को मुकदमे में शामिल करती है और सीबीआई जांच होती है तो शक की सुई उनके किरदारों से होती हुई जिस पर टिकती है, उसके बारे में कल्पना नहीं की जा सकती। मनीष गुप्ता ने हत्या के रहस्य को अच्छी तरह उलझाया है। सीबीआई अधिकारी सुनील पारस्कर की खोजबीन सच्चाई की तह तक पहुंचती है तो रिश्तों का झूठ और संबंधों का सच प्रकट होता है।

फिल्म रिव्यू: हवाईजादा (ढाई स्टार)

लंबे समय के बाद आशीष विद्यार्थी हिंदी सिनेमा के पर्दे पर आए हैं। समर्थ अभिनेता अपनी मौजूदगी के लिए संवादों का मोहताज नहीं होता। बेटी की हत्या के आरोप में फंसे लाचार पिता के हाव-भाव और मुद्राओं को उन्होंने बखूबी व्यक्त किया है। सीबीआई अधिकारी की भूमिका में केके मेनन अपने विनोद और दृढ़ता से प्रभावित करते हैं। किरदारों की चुस्ती-फूर्ती उनमें है। मां आरती महाजन की भूमिका के द्वंद्व को टिस्का चोपड़ा ने समझा और जाहिर किया है। अन्य कलाकारों में अश्विनी कालसेकर याद रह जाती हैं।

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ऐसा लगता है कि फिल्म सीमित बजट में जल्दबाजी में बनाई गई है। दृश्यों की तारतम्यता अनेक जगहों पर टूटती है। कुछ दृश्यों के बाद उनमें दोहराव आने लगता है।

अवधि: 124 मिनट

abrahmatmaj@mbi.jagran.com


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