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मूवी रिव्यू: इश्क इन पेरिस

आज के फिल्मकार जहां अपनी फिल्म में कुछ नया करने की कोशिश करते हैं, वहीं प्रीति जिंटा ने इश्क में यकीन जताया है। उन्होंने फिल्म की कहानी को वहीं बसाया है, जिसे द सिटी ऑफ लव या द सिटी ऑफ लाइट कहते हैं यानी पेरिस।

By Edited By: Published: Fri, 24 May 2013 11:16 AM (IST)Updated: Fri, 31 May 2013 01:47 PM (IST)
मूवी रिव्यू: इश्क इन पेरिस

नई दिल्ली। आज के फिल्मकार जहां अपनी फिल्म में कुछ नया करने की कोशिश करते हैं, वहीं प्रीति जिंटा ने इश्क में यकीन जताया है। उन्होंने फिल्म की कहानी को वहीं बसाया है, जिसे द सिटी ऑफ लव या द सिटी ऑफ लाइट कहते हैं यानी पेरिस। चर्चा है कि प्रीति जिंटा ने कुछ अपनी और कुछ फिल्म के निर्देशक प्रेम राज की कहानी इसमें रखी है, लेकिन फिल्म दर्शकों को खींचने का दम नहीं रखती। छोटी भूमिकाओं में कई अच्छे कलाकार शेखर कपूर, दिलीप ताहिल, चंकी पांडे आदि हैं, लेकिन फिल्म में प्रीति जिंटा ही पूरी तरह छाई हुई हैं।

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फिल्म की कहानी शीर्षक के मुताबिक सही है, उसका कहना है कि प्यार न कह कर आता है और न कह कर जाता है। दूसरी ओर यह बात भी है कि प्यार बिना जीना बहुत मुश्किल है, चाहे वह किसी भी तरह से मन में बसे। आधार तो प्यार ही होता है। फिल्म की कहानी 'इश्क' यानी प्रीति जिंटा और आकाश यानी रेहान के संबंधों के साथ आगे बढ़ती है, लेकिन इश्क शॉर्ट टर्म और अनजाने लोगों से रिश्ता बनाने में यकीन करती है। इसकी वजह है उसकी मां, जो एक बड़ी हीरोइन है। इश्क के माता-पिता ने भी प्रेम विवाह किया और करियर बनाने के लिए रिश्तों को अनदेखा किया। इसी वजह से उसके पिता मां को छोड़ तब पंजाब आ गए, जब इश्क सात साल की थी। मां से सुनी कहानी इश्क को सालती है और वह ऐसे स्वभाव की हो जाती है। जब आकाश इस बारे में इश्क की मां से बात करता है तब मां इश्क को समझाती है।

अभिनय की बात की जाए, तो प्रीति जिंटा अपने अंदाज में ही दिखी हैं, लेकिन उन पर उम्र का असर स्पष्ट दिखता है। रेहान ने भी सपाट सा अभिनय किया है, जिस वजह से वे लोगों का ध्यान नहीं खींच पाते। निर्देशक प्रेम राज का काम भी कुछ खास नहीं नजर आता। फिल्म में कुछ बड़े कलाकारों की प्रभावशाली भूमिकाओं की कमी खलती है। जो कलाकार हैं, वे महज एक या आधे मिनट के लिए दिखते हैं। सलमान खान से आइटम नंबर कराना अच्छा आइडिया था, जिसे सलमान ने बखूबी निभाया भी। वे फिल्म की जान बन गए गीत 'आज कर दे यहां पे ऐलान सोनिए..' गाकर। वैसे फिल्म के गीत 'सैंया न जा रे..' और 'तेरी चूड़ियों..' भी सुरीले हैं। साजिद-वाजिद ने अच्छी धुनें बनाई हैं।

निर्माता - प्रीति जिंटा

निर्देशक - प्रेम राज

संगीत - साजिद-वाजिद

गीत - प्रसून जोशी, जलीस शेरवानी, कुमार

कलाकार - प्रीति जिंटा, रेहान मलिक, इसावला अदजानी।

अवधि - 96 मिनट

रतन

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