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प्यार बार-बार नहीं होता-वरुण धवन

सफल फिल्म से कॅरियर का आगाज करने वाले वरुण धवन की अगली पेशकश 'मैं तेरा हीरो' है। फिल्म को उनके पिता डेविड धवन ने डायरेक्ट किया है। वरुण से बातचीत के अंश: फिल्म का शीर्षक है 'मैं तेरा हीरो'। आप किसके हीरो हैं? होपफुली जनता का हीरो। लोगों का मनोरंजन कर, उन्

By Edited By: Published: Thu, 27 Mar 2014 12:01 PM (IST)Updated: Thu, 27 Mar 2014 12:01 PM (IST)
प्यार बार-बार नहीं होता-वरुण धवन

मुंबई। सफल फिल्म से कॅरियर का आगाज करने वाले वरुण धवन की अगली पेशकश 'मैं तेरा हीरो' है। फिल्म को उनके पिता डेविड धवन ने डायरेक्ट किया है। वरुण से बातचीत के अंश:

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फिल्म का शीर्षक है 'मैं तेरा हीरो'। आप किसके हीरो हैं?

होपफुली जनता का हीरो। लोगों का मनोरंजन कर, उन्हें खुशियां देकर उनके गम दूर कर फिल्म का हीरो लोगों की नजरों में हीरो बन जाए, यही चाहता हूं। उसके लिए मेरा किरदार सीनू यानी श्रीराम प्रसाद बहुत कुछ करता है। यह किरदार मैं अभी ही इसी उम्र में निभा सकता था। दो-तीन साल बाद सीनू के लिए मैं मिसफिट होता। सीनू ऐसे युवा को रिप्रजेंट करता है, जो कन्फ्यूज्ड है। वह तय नहीं कर पा रहा कि उसके लिए प्यार, परिवार और कॅरियर में ज्यादा अहम् क्या है? 25वें साल में हर युवा के साथ ऐसा होता है। लिहाजा हर कोई इस किरदार से कनेक्ट फील करेगा।

असल जिंदगी में प्यार, परिवार और कॅरियर में से किसी एक को चुनना पड़े तो..?

मेरे ख्याल से परिवार ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। आपके मां-बाप ने 20-25 साल आपको पाला-पोसा। सर्वाइव या फिर थ्राइव करने लायक बनाया। हालांकि हम जिस दौर में जी रहे हैं, वहां कॅरियर को सिरे से नजरअंदाज करना मुमकिन नहीं। हमें काम और परिवार के दरम्यान एक संतुलन कायम करना चाहिए।

..मगर जिस तरह के डिमांडिंग पेशे में आप लोग हैं, वहां संतुलन कायम करना आसान तो नहीं है?

जी हां। बिल्कुल सही कहा आपने। सफलता मिलने के साथ-साथ आप व्यस्त होते चले जाते हैं और लोग आप को मिसअंडरस्टैंड करना शुरू कर देते हैं। वक्त की पाबंदी रहती है। मैं अपना ही उदाहरण दूं तो मैं मौजूदा फेज से पहले जिंदगी में कभी इतना बिजी नहीं हुआ था। एक ओर मैं 'मैं तेरा हीरो' की प्रमोशन में दिन-रात लगा हुआ हूं। दूसरी तरफ श्रीराम राघवन की अगली फिल्म के लिए प्रीपेरेशन करनी है। तीसरी ओर 'हम्पटी शर्मा' भी शूट करनी है। इन सबसे जो वक्त बचता है, वह विज्ञापन फिल्मों को देना पड़ता है। इन सबके चलते परिवार और दोस्तों को मैं समय नहीं दे पाता। नतीजतन मैं संतुलन कायम करने का तरीका सीख रहा हूं। अगर वह नहीं हुआ, तो मैं आगे चलकर काम में कटौती करंगा।

इस फिल्म पर आपके पिता ने 'चश्मेबद्दूर' के बाद काम शुरू किया..

जी, वह फिल्म रिलीज होने वाली थी, उसी दरम्यान उनके पास 'मैं तेरा हीरो' की स्क्रिप्ट आई। उन्होंने फिर छह-आठ महीने स्क्रीनप्ले डेवलप करने पर दिए। उसके बाद उन्होंने जेट की स्पीड से इसकी शूटिंग शुरू की और फिल्म को महज 45-60 दिन में शूट कर लिया।

अब तक हम ढेर सारे प्रेम त्रिकोण देख चुके हैं। इसमें किस किस्म का लव ट्रांएगल देखने को मिलेगा?

बहुत यूनीक किस्म का प्रेम त्रिकोण है। नरगिस का किरदार काफी ग्लैमरस है। वह किसी कीमत पर सीनू को हासिल करना चाहती है। इलियाना का किरदार भी सीनू को चाहता है, पर सीनू के दिल में क्या है, यह खुद उसे भी नहीं पता। हालांकि नरगिस के किरदार के साथ सीनू का अधिकांश कॉमेडी टै्रक है। इलियाना के संग सीनू का रोमांटिक ट्रैक है।

आजकल रिलेशनशिप तेजी से बनते हैं और बिगड़ते भी हैं। दूसरी या तीसरी बार बनने वाले रिश्ते को प्यार का नाम दिया जा सकता है?

प्यार किसी इंसान की जिंदगी में एक ही बार होता है। कोई अगर दूसरी या तीसरी मर्तबा नया रिलेशनशिप बनाना चाहता है, तो वह प्यार नहीं है। वह कुछ और है।

आपके कंटेंपररी सिद्धार्थ मल्होत्रा और आलिया भट्ट बहुत अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। क्या कहना चाहेंगे?

उन पर काफी गर्व महसूस हो रहा है। दोनों मेहनतकश और हंबल इंसान हैं।

(अमित कर्ण)


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