बन गयी गांव की छोरी: टिया बाजपेई
मुंबई। '1920 : एविल रिटर्न्स' से पहचान बनाने वाली टिया बाजपायी अब नजर आएंगी फिल्म 'देसी कट्टे' में फिल्म 'देसी कट्टे'में आप कितनी गोलियां बरसा रही हैं? फिल्म में मेरे किरदार गुड्डी ने एक भी गोली नहीं दागी है। वह तो बेचारी है। गोलियां और गालियां खाती है। वह अनपढ़ अ
मुंबई। '1920 : एविल रिटर्न्स' से पहचान बनाने वाली टिया बाजपेई अब नजर आएंगी फिल्म 'देसी कट्टे' में
फिल्म 'देसी कट्टे'में आप कितनी गोलियां बरसा रही हैं?
फिल्म में मेरे किरदार गुड्डी ने एक भी गोली नहीं दागी है। वह तो बेचारी है। गोलियां और गालियां खाती है। वह अनपढ़ और गांव की छोरी है। रियल लाइफ में मैं वैसी नहीं हूं तो इसे पर्दे पर निभाना मेरे लिए एक चैलेंज था।'
क्या वजह रही कि बीते दो सालों में आप बहुत कम फिल्मों में नजर आयीं?
मैं हर प्रकार की भूमिकाएं नहीं निभाना चाहती। जिन भूमिकाओं में मैं अपनी छाप छोड़ पाऊं, उन्हीं को हाथ में लेती हूं। '1920: एविल रिटर्न्स' के बाद मैंने 'आईडेंटिटी कार्ड' की। वह नीश ऑडिएंस के लिए है। 'देसी कट्टे' है तो मसाला फिल्म, मगर मेरा किरदार जरा हटके है।'
आप भी गायिका हैं। गायकी के मोर्चे पर क्या कुछ हो रहा है?
मैं अपने एक सिंगल पर काम कर रही हूं। वह अगले कुछ महीनों में रिलीज होगी। हाल ही में फिल्म 'बांके की क्रेजी बारात' की शूटिंग खत्म की है, तो लाइफ बिजी है।
प्रियंका चोपड़ा, श्रद्धा कपूर, आलिया भट्ट भी गाने लगी हैं। सलमान खान ने भी 'हैंगओवर' गा दिया। गायकों के बुरे दिन तो नहीं आने वाले?
नहीं मेरे ख्याल से ये उनका शौक है, उनकी प्राथमिकता सदा अदाकारी रहेगी, जिसके चलते वे स्टार हैं।
आप हर किस्म की भूमिकाएं स्वीकार कर रही हैं? अपनी इमेज बिल्डिंग नहीं कर रहीं?
जी हां। उसकी वजह है कि मैंने अदाकारी की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली है तो सेट पर काम करते हुए मैं काम सीख रही हूं। मुझे शो-पीस बनकर नहीं रहना है।
कैसा व्यवहार कर रही है इंडस्ट्री आपके साथ?
मैं गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से हूं, पर मेरे लिए इंडस्ट्री का रवैया काफी अच्छा रहा। यहां आउटसाइडर के प्रति किसी किस्म की दुर्भावना नहीं है। मैं जहां गई लोगों ने सहयोग किया। हाल ही में मधुर भंडारकर जी से मैं मिली। उन्होंने इतने प्यार से बात की जैसे लगा कि वे बरसों से मुझे जानते हैं।
(सप्तरंग टीम)