सोनाली बेंद्रे ने डिजिटल प्लेटफार्म पर डेब्यू का किया खुलासा, अपनी वापसी को लेकर कही ये बात
सोनाली बेंद्रे ने कैंसर से ठीक होने के बाद हाल ही में काम पर वापसी की है और डांस रिएलटी शो डीआईडी लिटिल मास्टर में बतौर जज नजर आ रही हैं। कैंसर और अपने जीवन के आगे के प्लैन को लेकर एक्ट्रेस ने अपने एक हालिया इंटरव्यू में बात की।
दीपेश पांडेय, जेएनएन। कैंसर की वजह से करीब चार वर्ष टीवी स्क्रीन से दूर रहीं अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे अब वापस आ गई हैं। इन दिनों वह बच्चों के डांस रियलिटी शो ‘डीआईडी लिटिल मास्टर्स’ (DID Li'l Masters) के पांचवें सीजन में पूरे जोश के साथ बतौर जज नजर आ रही हैं।
करीब चार साल बाद स्क्रीन पर वापसी को लेकर कितनी उत्साहित हैं? बच्चों को जज करने के लिए आपके क्या पैमाने होंगे?
चार साल पहले एक रियलिटी शो को आधे में ही छोड़कर गई थी और अब दोबारा रियलिटी शो से ही वापसी करना मेरे लिए बहुत बड़ी चीज है। मैंने हमेशा बच्चों के साथ काम करना एंजॉय किया है। उनमें मासूमियत होती है, वो सच बोलते हैं। इस शो में मैं अभिभावक की तरह हूं और इसे मैं ईमानदारी से करना चाहती हूं। बच्चे संवेदनशील होते हैं, लेकिन वे बहुत जल्दी समझ भी जाते हैं।
अपनी पहली स्टेज परफार्मेंस को लेकर क्या यादें हैं?
(हंसते हुए) मैं अपनी स्टेज परफार्मेंस को बिल्कुल नहीं याद करना चाहती, क्योंकि मैंने स्टेज पर डांस परफार्मेंस को कभी भी एंजॉय नहीं किया। ऐसा शायद इसीलिए था कि मैं ट्रेंड डांसर नहीं हूं। स्टेज परफार्मेंस से पहले मुझे डर लगता था, तनाव होता था, यह सब देखते हुए उन यादों को भुलाना चाहती हूं।
कैंसर से लड़ने और जीवन के मुश्किल दौर में सबसे बड़ी सीख क्या रही?
न कहना और जिंदगी में मेरे पास जो कुछ भी है, उसके लिए ईश्वर का आभारी होना। इसके अलावा मैंने जिंदगी की हर चीज को अहमियत देना और वर्तमान में जीना शुरू किया है।
क्या अब ‘न’ कहने में सहज हो गई हैं और इसके लिए सख्त बनना जरूरी है?
(तुरंत जवाब देते हुए) जी, जीवन में यह समझना बहुत मुश्किल और जरूरी है कि हमें कब न कहना चाहिए। कब और किस परिस्थिति में कहना है, इसकी समझ जीवन में बहुत सी परेशानियों को रोक देती है। किसी तनावपूर्ण काम के लिए न कहना हो या किसी उलझे हुए रिश्ते को न कहना हो, जिंदगी में यह बहुत जरूरी होता है। हम जिंदगी में यह अनुभव बढ़ने के साथ ही सीखते हैं। न कहने के लिए सख्त बनना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है, उसके लिए सिर्फ खुद को, अपनी जरूरतों, सहजता और सीमाओं को समझना जरूरी है।
अपने समकालीन कलाकारों को देखकर दोबारा अभिनय की इच्छा नहीं होती थी?
मैंने कभी इंडस्ट्री छोड़ी ही नहीं थी, मैं हमेशा काम करती रही हूं। मुझे नहीं पता कि मुझसे यह सवाल क्यों पूछा जाता है। मैं उस वक्त तक काम कर रही थी, जब मैं साढ़े आठ महीने के गर्भ से थी। बच्चे को जन्म देने के दो वर्ष बाद ही मैं टेलीविजन के कई शो करती रही। मैं कही नहीं गई थी।
लेकिन प्रशंसक तो आपको बड़े पर्दे पर याद कर रहे थे...
अच्छा... हर चीज का एक वक्त होता है, जब वह वक्त आएगा तो उसे भी कर लेंगे।
तो क्या अब डिजिटल प्लेटफार्म और फिल्मों के लिए भी तैयार हैं?
सच कहूं तो मैंने शूटिंग भी कर ली है, लेकिन मैं अभी उस प्रोजेक्ट के बारे में बात नहीं कर सकती हूं। निर्माताओं द्वारा उस प्रोजेक्ट का ऐलान करने के बाद हम विस्तार से उसके बारे में बातचीत करेंगे।