मेरी नौकरी हैं फिल्में, 24 घंटे इसके बारे में नहीं सोच सकता: सैफ
व्यक्तिगत जिंदगी में बड़े बेफिक्र मिजाज वाले सैफ अली खान अपने पेशे के मामले में काफी गंभीर रहते हैं। अपनी अगली फिल्म 'हैप्पी एंडिंग' में वो कैमियो रोल के साथ एक अलग अवतार में नज़र आएंगे। अमित कर्ण के साथ उनकी बातचीत के कुछ अंश।
मुंबई। व्यक्तिगत जिंदगी में बड़े बेफिक्र मिजाज वाले सैफ अली खान अपने पेशे के मामले में काफी गंभीर रहते हैं। अपनी अगली फिल्म 'हैप्पी एंडिंग' में वो कैमियो रोल के साथ एक अलग अवतार में नज़र आएंगे। अमित कर्ण के साथ उनकी बातचीत के कुछ अंश।
'हैप्पी एंडिंग' क्या है? यह फिल्म क्या कहना चाहती है?
यह कॉमेडी फिल्म है। मैं सेंट्रल कैरेक्टर प्ले कर रहा हूं। ऐसा किरदार मैंने लंबे अर्से बाद निभाया है। सच कहूं तो 'दिल चाहता है' के बाद पहली बार वैसा किरदार मिला है।
फिल्म का टाइटिल क्या रिफ्लेक्ट कर रहा है?
फिल्म की टैगलाइन है कि 'जिंदगी में हैप्पी एंडिंग होती है कि नहीं'। होती है तो कब होती है, प्यार करने के बाद होती है या शादी या फिर तलाक के बाद। उस चीज को कोई पता नहीं कर सकता।
यानी सुखांत को खोजने के सफर पर यह फिल्म बनी है?
आप किसी रिश्ते का चैप्टर जहां खत्म करना चाहते हैं, असल में वही सुखांत है। फिल्म का टाइटल इसलिए भी 'हैप्पी एंडिंग' है, क्योंकि यह फिल्म के हीरो की जिंदगी से जुड़ा हुआ है। वह एक राइटर है। अनजाने में एक किताब लिखकर सफल हो चुका है। उसके बाद उसने कुछ लिखा ही नहीं है। इसके पीछे उसका डर है कि कहीं अगली किताब पहली वाली से कमतर न हो जाए। ऐसे में वह कई कहानियां लिख तो चुका है, पर उसे मुकम्मल एंडिंग नहीं मिल रही। उसने सभी कहानियों का अंत खुला छोड़ रखा है। कहानियों जैसी स्थिति उसकी असल जीवन में भी है। वह न तो एक्स गर्लफ्रेंड को छोड़ पा रहा है और न नई वाली से प्यार का इजहार ही कर पा रहा है!
इलियाना डिक्रूज के संग आपकी जोड़ी काफी सराही जा रही है। कास्टिंग में कहीं आपका दखल भी तो नहीं था?
नहीं-नहीं। फिल्म की अवधारणा राज और डीके की है। मैंने उन दोनों पर पूरा भरोसा किया है। इलियाना उनका सही चयन है। उन्होंने अपना किरदार खूबसूरती से निभाया है। मैं खुद को अब तक ऐसे जॉनर का महारथी मानता रहा हूं। इलियाना नई हैं, पर बड़ी सहजता से उन्होंने मुझे टक्कर दी है।
आपने कॉमेडी के मामले में गोविंदा को टक्कर दी है कि नहीं?
नहीं.. फिल्म में ऐसी सिचुएशन ही नहीं बनी कि मैं गोविंदा को टक्कर दे सकूं। हम दोनों को एक तराजू पर नहीं तौला जा सकता। मैं तो गोविंदा के बोले संवादों पर अपनी प्रतिक्रिया देता नजर आया हूं। वह चीज ही अपने आप में मेरे किरदार से कॉमेडी करा गई है।
करीना फिल्म में क्या कर रही हैं?
उनका छोटा सा रोल है। हमारे लिए खुशी और सौभाग्य की बात है कि वे इसके लिए तैयार हुईं। हम दोनों एक तरह से यहां रियल लाइफ रिश्ते को निभा रहे हैं। लोगों को पहली बार इस फिल्म से हमारे रिश्ते का एक मजाकिया पहलू देखने का मौका मिलेगा।
आप खुद अपनी फिल्म में कैमियो भूमिका भी कर रहे हैं। वह क्या है?
बड़ा मजेदार रोल है वह भी। एक तरह से कहा जाए तो मेरा डबल रोल है फिल्म में!
आप असल जिंदगी में अलग सोच के हैं। ऐसे में टिपिकल हिंदी फिल्में करते हुए खुद को कैसे स्विच ऑन और स्विच ऑफ करते हैं?
मैं इसे नौकरी की तरह लेता हूं। फिल्में करता हूं। इसके लिए मुझे पैसे मिलते हैं, बस। मैं चौबीसों घंटे फिल्म के बारे में नहीं सोच सकता। मैं जो पैसे कमाता हूं। उससे अपनी और बच्चों की देखभाल करता हूं, मां के लिए वक्त निकालता हूं। पटौदी चला जाता हूं या फिर विलायत हो आता हूं। मेरे ख्याल से जिंदगी इंज्वॉय करने की चीज है। वह मैं करता हूं।
यानी आप अतिमहत्वाकांक्षी नहीं हैं?
मैं माइंडब्लोइंग जिंदगी जीना चाहता हूं। मुझे मामूली जिंदगी नहीं जीनी, न जिंदगी के मामूली नियम फॉलो करने हैं।
'बुलेट राजा' और 'हमशकल्स' के न चलने को आप कैसे देखते हैं?
'बुलेट राजा' तो मुझे अच्छी लगी थी। 'हमशकल्स' तो शूट करने में ही मजा नहीं आया था। उसके प्रमोशन के दौरान भी मैं लोगों को अपनी नापसंद से वाकिफ करा सकता था, मगर वह सही नहीं था।
...पर जब आपको शूट के दौरान मजा नहीं आ रहा था तो फिर भी वह करने के लिए खुद को कैसे तैयार किया?
मुझे साजिद पर भरोसा था। वह अच्छा बंदा है। बहुत मजा आया उसके संग काम करके लेकिन हम जो कर रहे थे, मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगा कि उसमें कोई आर्ट नहीं है।
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