पीछे मुड़कर नहीं देखना-'मीरा चोपड़ा'
साउथ की फिल्मों में काम करने के बाद अब सतीश कौशिक की फिल्म से इस हफ्ते बॉलीवुड में दस्तक दे रही हैं अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की चचेरी बहन मीरा चोपड़ा। 'गैंग ऑफ घोस्ट्स' को ही क्यों चुना पहली फिल्म के तौर पर? कहीं से तो शुरुआत करनी थी। इस फिल्म में मैं जो ि
मुंबई। साउथ की फिल्मों में काम करने के बाद अब सतीश कौशिक की फिल्म से इस हफ्ते बॉलीवुड में दस्तक दे रही हैं अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की चचेरी बहन मीरा चोपड़ा।
'गैंग ऑफ घोस्ट्स' को ही क्यों चुना पहली फिल्म के तौर पर?
कहीं से तो शुरुआत करनी थी। इस फिल्म में मैं जो किरदार निभा रही हूं वो मूल बंगाली फिल्म में भी उतना ही स्ट्रांग था। चूंकि हिंदी संस्करण में कई कलाकार हैं और वे मुझसे उम्र व अनुभव में भी बड़े हैं, तो मैंने निर्देशक सतीश कौशिक जी से स्क्रीन स्पेस बढ़ाने की बात कही, जिसे उन्होंने मान लिया। मैं मानती हूं कि मेरे लॉन्च के लिए इससे बेहतर मंच नहीं हो सकता था। इसकी दो वजहें हैं एक तो ये एक मल्टीस्टारर है इसमें पूरी जिम्मेदारी मेरे कंधे पर नहीं है। कई बड़े कलाकार भी है। इसके कुछ ही महीनों के बाद मेरी दूसरी फिल्म बतौर सोलो फीमेल लीड के तौर पर आ रही है। फिल्म का शीर्षक है। '1920 लंदन' जिसका निर्देशन विक्रम भट्ट ने किया है।
आपने साउथ से कॅरियर का आगाज किया था। इन दिनों क्या सक्रियता है वहां पर?
मैं साउथ की फिल्में करके बोर हो गई थी। मैंने तीन साल पहले वहां पहली फिल्म साइन की थी और अब तक कुल पंद्रह फिल्में कर चुकी हूं। हर फिल्म के बाद मैं सोचती थी कि अब साउथ की फिल्में नहीं करनी, फिर मुझे दूसरी फिल्म का ऑफर आ जाता। जब हिंदी फिल्म का ऑफर आया, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहींथा। एक साल से मैंने साउथ की कोई फिल्म नहीं की है।
साउथ का रुख कैसे किया?
मैंने साउथ की फिल्म करने के लिए कभी कोई योजना नहीं बनाई थी। अपनी पढ़ाई यूएस से पूरी करके दिल्ली आ गई। उसके बाद मुझे एक टीवी चैनल में जॉब मिल गई। बीच-बीच में मैं मैगजीन के लिए मॉडलिंग भी कर लिया करती थी। एक दिन ऐसे ही किसी मैगजीन में मेरी तस्वीर देखकर चेन्नई से एक बड़े फिल्म निर्देशक ने मुझे फोन किया और चेन्नई आकर मिलने को कहा। मैं वहां गई तो देखा कि फिल्म का बड़ा भव्य सेट लगा था। स्टारकास्ट बड़ी थी और म्यूजिक डायरेक्टर ए आर रहमान थे। मुझे पैसे भी अच्छे मिल रहे थे। मुझे इंकार करने की कोई वजह समझ नहीं आई। इसके बाद कब साउथ की फिल्मों की ये संख्या एक से पंद्रह तक पहुंच गई पता नहीं चला।
हिंदी फिल्मों में किस सोच के साथ आगे बढ़ना चाहती है?
मै हिंदी को साउथ से बहुत बेहतर फिल्म इंडस्ट्री मानती हूं। मेरा मानना है कि साउथ प्रयोगों के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है, जबकि हिंदी में इन दिनों प्रयोगों का ही दौर चल रहा है। साउथ अभी उस रास्ते में बहुत पीछे है जहां से हिंदी सिनेमा आगे निकल गया है। मैं हिंदी सिनेमा में अलग तरह का काम करने की सोच लेकर आई हूं।
प्रियंका और परिणीति के साथ
आपके संबंधों की चर्चा हमेशा से रही है। आपका क्या कहना है?
मैं प्रियंका के क्लोज हूं लेकिन उतनी नहीं कि उनसे दोस्त की तरह सारी बातें हों। एक डिस्टेंस के साथ मैं उनके काम की बहुत बड़ी प्रशंसक रही हूं। मैं उन्हें अपनी बहन से ज्यादा सुपरस्टार मानती हूं। वो भी मेरे साथ वैसा ही बर्ताव करती हैं। वो हमेशा से कहती हैं कि मीडिया पर ध्यान मत दो और न ही उनका सहारा लो। उनके जो मन में आएगा करेंगे, इसलिए सिर्फ अपने काम पर ध्यान दो। मैंने उसी बात को फॉलो किया। वहीं परिणीति के साथ मेरा प्रियंका जैसा संबंध नहीं है और न ही उनसे इस बारे में कभी बात होती है। (दुर्गेश सिंह)