शायद ही कोई मुझसे शादी करे- कंगना रनौत
अब तक कई फिल्मों में नॉन ग्लैमरस किरदार निभा चुकी कंगना रनोट ने फिल्म 'रिवॉल्वर रानी' में कुरूप दिखने के लिए किया मेकअप 'क्वीन' के लिए आपकी तारीफ इंडस्ट्री की हीरोइनें भी कर रही हैं। दीपिका ने तो कहा उन्हें कंगना से जलन हो रही है। क्या कहना चाहेंगी? मैंने अब तक
मुंबई। अब तक कई फिल्मों में नॉन ग्लैमरस किरदार निभा चुकी कंगना रनोट ने फिल्म 'रिवॉल्वर रानी' में कुरूप दिखने के लिए किया मेकअप
'क्वीन' के लिए आपकी तारीफ इंडस्ट्री की हीरोइनें भी कर रही हैं। दीपिका ने तो कहा उन्हें कंगना से जलन हो रही है। क्या कहना चाहेंगी?
मैंने अब तक तकरीबन 15 फिल्में की हैं। 'क्वीन' को सबसे बेहतरीन प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। एक चमत्कार सा हुआ है। इसे लोग सिर्फ देख भर नहीं रहे हैं। वे अपने जानने वालों को इसे देखने के लिए सजेस्ट भी कर रहे हैं, जो अपने आपमें बहुत बड़ी बात है। सवाल जहां तक अभिनेत्रियों की तारीफों का है तो वह बड़ी अच्छी बात है। आज की अभिनेत्रियां इनसेक्योर नहीं हैं।
किसी फिल्म को बनाते वक्त इस बात का अंदाजा होता है कि वह कमाल करेगी या फ्लॉप होगी?
'क्वीन' बनाते वक्त इसका अंदाजा तो था कि उसे अमिताभ बच्चन, आमिर खान या फिर सिनेमा की समझ रखने वाले यकीनन सराहेंगे। हां आम दर्शकों की प्रतिक्रिया को लेकर श्योर नहींथी। उनका प्यार वाकई हैरान करने वाला है। मुझे कतई इल्म नहीं था कि यहां की ऑडिएंस इतनी मैच्योर हो चुकी है, क्योंकि वे तो आज भी लाउड, हार्डकोर कमर्शियल फिल्मों को बेपनाह प्यार बख्शते हैं। अब तक उन्हें स्लैपस्टिक ह्यूमर ही पसंद आता रहा है। 'क्वीन' का ह्यूमर सट्ल था। फिर भी लोगों को खूब पसंद आई।
आप लगातार नॉन-ग्लैमरस किरदार निभा रही हैं। खास वजह?
सही कहा आपने। मैं यकीन के साथ कह सकती हूं कि 'रिवॉल्वर रानी' में मुझे देखकर शायद ही कोई लड़का मुझसे शादी करे। बहरहाल इस फिल्म में अलका सिंह के जिस किरदार में मैं हूं, वह बिल्कुल अलग है। वह ग्रे भी नहीं, पूरी तरह डार्क है। उसे देखकर दर्शक उससे नफरत ही करेंगे, प्यार या सांत्वना जैसी कोई चीज होगी ही नहीं।
आपको लगता है कि 'क्वीन' की लहर का फायदा 'रिवॉल्वर रानी' को होगा?
वह सोचकर यह फिल्म नहीं बनाई गई है। इसकी अलग आईडेंटिटी है। किसी ने नहीं सोचा था कि 'क्वीन' रिलीज के छह हफ्तों बाद भी सिनेमाघरों में चलती रहेगी। हां, मेरा बस चलता तो दोनों फिल्मों की रिलीज में चार महीने का गैप रखती। फिर भी मुझे उम्मीद है कि 'क्वीन' की तरह ही 'रिवॉल्वर रानी' को भी दर्शकों का प्यार मिलेगा।
2014 में हमें अच्छी महिला प्रधान फिल्में मिली हैं। उनकी नायिका चाहे आलिया भट्ट हों, परिणीति चोपड़ा या फिर आप। मानती हैं कि महिलाओं के लिए यह सबसे बेहतरीन दौर है?
जी हां, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि फिल्में महिला या फिर पुरुष को ध्यान में रखकर बननी चाहिए। बस इस बात की फिक्र होनी चाहिए कि हम दर्शकों को मनोरंजन की खुराक दे सकें और उन्हें बड़ा सोचने पर मजबूर कर सकें।
(अमित कर्ण)