गली ब्वॉय और गुलाबो सिताबो की अभिनेत्री सृष्टि श्रीवास्तव ने कहा- 'शादी के सवालों से हर रोज जूझती हूं'
दिल जंगली गली ब्वाय और गुलाबो सिताबो फिल्मों की अभिनेत्री सृष्टि श्रीवास्तव धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रही हैं। हाल ही अमेजन मिनी टीवी पर उनकी शार्ट फिल्म धावक रिलीज हुई। इसमें सृष्टि ने बतौर लीड अभिनेत्री एथलीट सुधा की भूमिका निभाई है।
दीपेश पांडेय, मुंबई: शार्ट फिल्म धावक को करने और उसमें अपने किरदार के बारे में सृष्टि कहती हैं, 'शुरुआत में जब मुझे इसके लिए पहली बार फोन आया था तो शार्ट फिल्म का नाम सुनकर थोड़ी हिचक हुई थी, लेकिन जब मैंने कहानी सुनी तो सारी हिचक दूर हो गई। यह सिर्फ 40 मिनट की शार्ट फिल्म है, लेकिन इसमें एक पूरी कमर्शियल फीचर फिल्म का मजा है। इसमें ड्रामा, प्यार, टकराव जैसी सारी चीजें हैं। मेरे लिए इसका सबसे खास आकर्षण यह था कि यह पूरी कहानी सुधा की है। दूसरा यह कि एथलीट की कहानी होने की वजह मैं इसकी ट्रेनिंग और प्रक्रियाओं को लेकर काफी उत्साहित थी। इसके लिए मेरी कई दिनों तक रोजाना सुबह दो घंटे की ट्रेनिंग होती थी, मुझे डायट पर जाना पड़ा। शूटिंग के दौरान जनवरी में उत्तर भारत की कड़क ठंड में सिर्फ एक पतली सी आउटफिट और शाट्र्स पहनकर गांव के खुले मैदान में दौडऩा काफी मुश्किल था।'
शादी का सवाल
धावक में सुधा को घरवालों और करीबियों से जल्द से जल्द शादी के सवालों का सामना करना पड़ता है। निजी जीवन में इस सवाल को लेकर सृष्टि कहती हैं, 'मैं तो रोज इस सवाल से जूझती हूं। मैं अपने घरवालों को बहुत पहले से ही समझाती आ रही हूं कि मैं कैसी हूं। मुझे अगर शादी करनी होगी तो मैं कर लूंगी, लेकिन अभी नहीं। अभी मेरा पूरा ध्यान सिर्फ अपने काम और करियर पर है। हां, अगर कोई जिंदगी में आएगा और ऐसा लगेगा कि शादी करनी है तो मैं कर भी लूंगी। फिलहाल मेरी जिंदगी में ऐसा कोई है नहीं। कभी-कभी तो घरवाले यह भी कहते हैं कि चलो हम ढूंढ़ लेते हैं। उनके मेरा यही जवाब रहता है, फिलहाल मेरा शादी का कोई इरादा नहीं है। (हंसते हुए) घरवालों को शादी से और कोई मतलब नहीं, उन्हें सिर्फ शादी में नाचना है और अच्छे कपड़े पहनने हैं। कभी-कभी तो घरवालों से ज्यादा उनके दोस्तों और रिश्तेदारों के सवालों से जूझना पड़ता है।'
मजेदार सफर
अपने अभिनेत्री बनने के सफर के बारे में सृष्टि बताती हैं, 'मेरा सपना हमेशा से हीरोइन बनने का ही रहा है। कालेज में आने पर पापा ने कहा कि पहले कालेज की पढ़ाई खत्म कर लो, फिर जो भी करना चाहो, करो। कालेज के किसी फंक्शन में एक बार मुझे राजकुमार हिरानी (फिल्मकार) मिले थे। मैंने उनसे पूछा कि सर एक्टर कैसे बनंू? उन्होंने पहले मुझे ध्यान से देखा और विद्या बालन का उदाहरण देते हुए कहा कि थिएटर में जाओ। थिएटर आपको बेहतर एक्टर बनाता है। उसके बाद मैंने द ड्रामा स्कूल मुंबई से एक साल का कोर्स किया और थिएटर में नाटक करना शुरू किया। एक दिन मैं पृथ्वी थिएटर के बाहर कास्टिंग डायरेक्टर अनमोल आहूजा से मिली, उन्होंने मुझे फिल्म लैला मजनू (2018) के आडिशन के लिए बुलाया। वह मेरा पहला आडिशन था। उन्हीं की वजह से मुझे मल्लिका दुआ के साथ गर्लियापा के स्केच वीडियो में काम करने का मौका मिला। उसके बाद ओके जानू, दिल जंगली और गली ब्वाय फिल्मों से लोगों ने मुझे पहचानना शुरू किया। फिल्म गुलाबो सिताबो ने बहुत सारे निर्माताओं और निर्देशकों की नजर में मेरे काम को रखा। अब मैंने यह शार्ट फिल्म की। मेरा सफर लंबा लेकिन मजेदार रहा है।'
स्पष्ट लक्ष्य
अपनी महत्वाकांक्षाओं और योजनाओं के बारे में सृष्टि बताती हैं, 'पहले मुझे बोलने में डर लगता था कि मुझे हीरोइन बनना है, लेकिन अब मैं यह स्पष्ट तौर पर बोलती हूं। जिससे मेरे दिमाग में अपना लक्ष्य हमेशा बना रहे। मुझे मुन्नाभाई एमबीबीएस, क्वीन, रंग दे बसंती और कुछ कुछ होता है जैसी फिल्में पसंद हैं और मैं वैसी ही फिल्में करना चाहती हूं। अपनी लिस्ट के अनुसार मुझे अनुराग, संजय लीला भंसाली, अयान मुखर्जी जैसे फिल्मकारों के साथ काम करना है। मैंने यह सब अपनी डायरी में लिख रखी है। गुलाबो सिताबो के बाद लाकडाउन के दौरान मेरे पास करीब आठ महीने कुछ काम नहीं था, लेकिन मैंने धैर्य से काम लिया और अच्छे काम का इंतजार किया। आगे पाइपलाइन में बहुत अच्छे प्रोजेक्ट हैं। जिसमें धावक के अलावा वेब सीरीज गल्र्स हास्टल सीजन 3, फिल्म मजा मा और एक अघोषित फिल्म है।'