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एक्टिंग में भी दिखेगा समपर्ण: हिमेश रेशमिया

सातवें दशक की कहानी मेरी फिल्म 'द एक्सपोज' सातवें दशक की फिल्म इंडस्ट्री की सेटिंग पर है। यह वह समय है, जब साड़ी के दौर से निकलकर हीरोइनें ग्लैमरस लुक में दिखनी शुरू हुई थीं। 'तीसरी मंजिल' जैसी फिल्में बन रही थीं। उसी दौर में एक अवार्ड नाइट की पार्टी के बाद एक अभिनेत्र

By Edited By: Published: Thu, 15 May 2014 12:22 PM (IST)Updated: Thu, 15 May 2014 12:22 PM (IST)
एक्टिंग में भी दिखेगा समपर्ण: हिमेश रेशमिया

मुंबई। सातवें दशक की कहानी

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मेरी फिल्म 'द एक्सपोज' सातवें दशक की फिल्म इंडस्ट्री की सेटिंग पर है। यह वह समय है, जब साड़ी के दौर से निकलकर हीरोइनें ग्लैमरस लुक में दिखनी शुरू हुई थीं। 'तीसरी मंजिल' जैसी फिल्में बन रही थीं। उसी दौर में एक अवार्ड नाइट की पार्टी के बाद एक अभिनेत्री की हत्या हो जाती है। 11 व्यक्तियों पर संदेह है। कौन कातिल है। यही पता करना है। कोई भी हो सकता है? उस दौर में बड़े-बड़े स्टार थे। उन स्टार्स के ऊपर फिल्म के किरदारों की सेटिंग है। मुझे उस दौर का हीरो दिखना था। उसके लिए लुक और फिजीक पर काफी मेहनत करनी पड़ी।

किया आत्मनिरीक्षण

'खिलाड़ी 786' में दर्शकों ने मुझे पसंद किया था। पहली सफल फिल्म के बाद आई मेरी फिल्में नहीं चल सकीं। मैंने आत्मनिरीक्षण किया कि ऐसा क्यों हुआ? एहसास हुआ कि संगीत के लिए जो मेरा समर्पण है, वैसा समर्पण एक्टिंग के लिए नहीं रहा। इस फिल्म में एक साल की मेहनत से उसे हासिल किया है। मैंने फिल्म के लिए रिहर्सल और वर्कशाप किए। मैंने अंनत महादेवन से सीखा। अपने किरदार को समझा। उसे खुद में उतारा। चाहता हूं कि संगीत जैसी सफलता मुझे एक्टिंग में भी मिले। इस फिल्म का संगीत हिट हो चुका है। सातवें दशक के स्टार्स पर फिल्म के किरदार आधारित है। हालांकि यह किसी की बॉयोपिक नहीं है। उस दौर की सेटिंग में म्यूजिकल मर्डर मिस्ट्री क्रिएट की गई है। 'द एक्सपोज' फिल्मी और मसालेदार है, लेकिन रियल भी है।

बतौर एक्टर पाना है प्यार

मैं किशोर कुमार को अपना आदर्श मानता हूं। उनकी तरह सफलता तो मैं हासिल नहीं कर पाऊंगा, लेकिन मेहनत करूं, तो सराहना मिल सकती है। इस बार यह आत्मविश्वास आया है कि मैं एक्टिंग में भी दर्शकों का प्यार पा सकता हूं। 'द एक्सपोज' मेरे अभिनेता होने की झलक देगी। अभिनय मेरे लिए सिर्फ शौक नहीं रह गया है। मैंने 18 सालों में 115 फिल्मों में 600 गाने दे चुका हूं। सभी गाने हिट रहे हैं। एक्टिंग में वही डेडिकेशन नहीं दे सका था। अब तय किया है कि वही फिल्म करूंगा, जिसमें पूरा समय और समर्पण दे सकूं। निर्देशक अनंत महादेवन के साथ मेरा एसोसिएशन बहुत पुराना है। मैंने उनकी फिल्मों में संगीत दिया है। मुझे लगा कि वह इस विषय के साथ न्याय कर सकेंगे। वह बेहतरीन निर्देशक हैं।

अगले प्रोजेक्ट्स

संगीतकार के तौर पर मेरी 'किक', 'हमशक्ल', 'आल इज वेल', 'एक्शन जैक्सन' आएगी। एक इंटरनेशनल अलबम भी कर रहा हूं। मेरा इंटरनेशनल अलबम 122 देशों में रिलीज होगा। मुझे उसके प्रमोशन के लिए छह महीने विदेश प्रवास करना होगा। अभिनेता के तौर पर साल में एक ही फिल्म करूंगा। अभी आगे की स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है। मैंने गैरफिल्मी अलबम 'आप का सुरूर' किया था। भारत में गैरफिल्मी संगीत का मार्केट अभी नहीं है। मार्केट खुलता नजर आ रहा है। सब ठीक रहा तो एक पॉप अलबम ले आऊंगा।

(अजय ब्रहा्रात्मज)


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