Move to Jagran APP

मीठा ही होगी मेहनत का फल - विक्की कौशल

बनारस की पृष्ठभूमि पर आधारित ‘मसान’ अंतरराष्ट्रीय ख्याति की फिल्म रही है। छठे जागरण फिल्म फेस्टिवल की ज्यूरी ने इस फिल्म के हीरो विक्की कौशल को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा। कान्स फिल्म फेस्टिवल में चर्चित रहने के बाद इस फिल्म की पहली एशियाई स्क्रीनिंग भी छठे जागरण फिल्म

By Monika SharmaEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2015 09:54 AM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2015 10:44 AM (IST)
मीठा ही होगी मेहनत का फल - विक्की कौशल

बनारस की पृष्ठभूमि पर आधारित ‘मसान’ अंतरराष्ट्रीय ख्याति की फिल्म रही है। छठे जागरण फिल्म फेस्टिवल की ज्यूरी ने इस फिल्म के हीरो विक्की कौशल को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा। कान्स फिल्म फेस्टिवल में चर्चित रहने के बाद इस फिल्म की पहली एशियाई स्क्रीनिंग भी छठे जागरण फिल्म फेस्टिवल में ही हुई। उनकी फिल्म ‘जुबान’ भी प्रतिष्ठित फेस्टिवल सर्किट्स में नाम कमा चुकी है। वह बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की ओपनिंग फिल्म रही है। अब वे अनुराग कश्यप की ‘रमन राघव’ में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के संग हैं। नवाज इस फिल्म में सीरियल किलर की भूमिका में हैं, जबकि विक्की पुलिस अफसर बने हैं।

loksabha election banner

जागरण का मिला सहयोग
‘मसान’ की परफॉरमेंस से खुश विक्की कहते हैं, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि पहली फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ एक्टर का अवॉर्ड मिल जाएगा। वह भी ज्यूरी के हाथों। वह मेरे लिए खास पल था। बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मुझ जैसे नवोदित कलाकार को मिलना बहुत बड़ी बात है, क्योंकि प्रतिस्पर्धा में ढेर सारे अनुभवी व प्रतिभावान कलाकार भी थे। बड़ी बात यह रही कि इस फिल्म को दैनिक जागरण का काफी सहयोग मिला। इससे ‘मसान’ जैसी फिल्मों के प्रति मास ऑडियंस में भी दिलचस्पी जागी।’

अद्भुत था वो अनुभव
‘जुबान’ के संदर्भ में बुसान फिल्म फेस्टिवल के अनुभव को शेयर करते हुए विक्की बताते हैं, ‘बुसान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब कोई हिंदी फिल्म उनकी ओपनिंग फिल्म बनी। छह हजार दर्शक इस फिल्म को ओपन थिएटर में देख रहे थे। वह अद्भुत था। इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। ये सारे बदलाव पिछले एक साल में हुए हैं, वरना दो साल पहले तक तो मैं ऑडिशन ही देता रहता था। बहरहाल, इन दोनों फिल्मों की जर्नी ने एक बात बहुत अच्छे से समझा दी है। वह यह कि पूरी ईमानदारी और मेहनत से बस कर्म किए जाओ। फल को सोचकर कर्म मत करो। काम सौ फीसदी होगा तो फल यकीनन मीठा ही मिलेगा। आपको ऐसे नतीजे मिलेंगे, जिनकी कल्पना आपने भी कभी नहीं की होगी।’

संघर्ष भरा रहा सफर
विक्की को मिली सफलता कोई तुक्का नहीं है। इसके लिए उन्होंने काफी स्ट्रगल किया है। वह बताते हैं, ‘गैंग्स ऑफ वॉसेपुर’ में मैंने अनुराग कश्यप को बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर जॉइन किया था। उस दौरान नीरज घेवन से मेरी दोस्ती हुई। उस फिल्म के दोनों पार्ट रिलीज होने के बाद मैंने बतौर एक्टर स्ट्रगल शुरू कर दिया। मैैंने हर बडे़ निर्देशक के लिए ऑडिशन दिया। 2013 के आखिर में ‘जुबान’ की बात आई। उन्हें पंजाबी लड़का चाहिए था। तीन सौ लोग ऑडिशन के लिए आए थे। मुझे तीन सीन दिए गए। हिंदी भाषा को पंजाबी लहजे में बोलना था। मैैं ऑडिशन देकर घर आ गया। मुझे उस फिल्म के लिए चार बार बुलाया गया। उसके बाद फाइनल लुक टेस्ट रखा गया। फिर मुझे चुन लिया गया। विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मैं लीड एक्टर बन गया हूं। 2014 में ‘जुबान’ की शूटिंग शुरू की। उसके दो महीने बाद ‘मसान’ मिली। दीपक के किरदार के लिए मेरा टेस्ट लिया गया। एक हफ्ते तक मुझे कोई फोन नहीं आया। उसके बाद एक रात नीरज का फोन आया। वो मुझसे यहां-वहां की बातें कर रहे थे। मुझे लगा मेरा चुनाव नहीं हुआ। अचानक नीरज ने कहा कि ‘तू मेरा दीपक है।’ मैं खुशी की वजह से पूरी रात सो नहीं पाया।’

अमित कर्ण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.