राकेट ब्वायज और गंगूबाई काठियावाड़ी में अहम भूमिका निभाने वाले जिम सरभ का दावा, 'काम बोलता है'
मैं किरदार को अपने साथ घर लेकर जाना पसंद नहीं करता हूं। ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के बाद मेरा एक और शो मार्च में आ रहा है मई में एक फिल्म फिर साल की दूसरी छमाही में एक और शो आने को है उसके बाद ‘राकेट ब्वायज-2’ का काम शुरू होगा।
दीपेश पांडेय, मुंबईl फिल्मों और वेब सीरीज के अलावा रंगमंच के भी जाने-माने कलाकार हैं जिम सरभ। अधिकतर गंभीर किरदार निभाने वाले जिम सरभ ने दीपेश पांडेय के साथ साझा किए अपने जज्बात...
बीता महीना अभिनेता जिम सरभ के लिए दोहरी खुशियों भरा रहा। वेब सीरीज ‘राकेट ब्वायज’ में प्रख्यात वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा के किरदार में उन्हें काफी तारीफ मिली। वहीं महीने के अंत में रिलीज फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में पत्रकार अमीन फैजी के किरदार के लिए भी उनकी काफी सराहना हुई। उनके ये दोनों किरदार वास्तविक व्यक्तियों पर आधारित थे। इसे लेकर जिम कहते हैं, ‘इससे पहले भी फिल्म ‘नीरजा’ का खलील हो, ‘पद्मावत’ का मलिक कफूर या फिर ‘संजू’ का जुबिन मिस्त्री, वे भी वास्तविक व्यक्तियों पर आधारित किरदार थे। ऐसे किरदारों को निभाते हुए हम अलग-अलग जगहों से मिली जानकारियों को एक साथ जोड़ते हैं और उसके अनुसार अपना किरदार निभाने की कोशिश करते हैं। हम ज्यादा से ज्यादा किसी की जिंदगी के 50 प्रतिशत हिस्से को ही कैमरे के सामने प्रदर्शित कर सकते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह होता है कि आप उस 50 प्रतिशत को किस तरह से पेश करते हैं। होमी भाभा जानकारियों का खजाना थे, उनका किरदार निभाने के लिए मुझे भी स्क्रीन पर उसी तरह जानकार दिखना था। इसके लिए मैंने शो के निर्देशक अभय पन्नू के साथ मिलकर बार-बार रिहर्सल किए। हम इस किरदार को कुछ इस तरह दिखाना चाहते थे, जिससे वह आज के दौर में भी प्रासंगिक लगें। आपकी अपनी जानकारियां किरदार पकड़ने में मदद करती हैं।’
अब बढ़ गया है जुड़ाव
होमी जहांगीर भाभा का किरदार निभाने से काफी पहले जिम सरभ ने नीलामी में होमी जहांगीर भाभा की डेस्क खरीदी थी। उस डेस्क से जुड़ाव को लेकर जिम बताते हैं, ‘तब मैंने वो डेस्क सिर्फ इसलिए खरीदी थी, क्योंकि उसकी आर्ट और डिजाइन मुझे बहुत पसंद आई थी। इसके अलावा उसके पीछे कोई और कारण नहीं था। (हंसते हुए) हालांकि, अब उनका किरदार निभाने के बाद निश्चित तौर पर उस डेस्क से मेरा जुड़ाव काफी बढ़ गया है। मैंने उनके बारे में जो कुछ भी पढ़ा और जाना, उसके बाद उनके प्रति सम्मान कई गुना बढ़ गया है।’
बदल जाते हैं फ्रेम
जिम सरभ फिल्मों और वेब सीरीज के अलावा रंगमंच के भी जाने-माने कलाकार हैं। तीनों प्लेटफाम्र्स में अभिनय के अंतर पर वह कहते हैं, ‘फिल्म, वेब सीरीज और रंगमंच तीनों की एक्टिंग में अंतर होता है। रंगमंच की बात करें तो वहां स्टेज और स्टेज की लाइटिंग ही फ्रेम होती है, लेकिन कैमरे के सामने एक्टिंग करते वक्त हमें उस फ्रेम के अनुसार काम करना होता है, जो निर्देशक सेट करते हैं। कैमरे के सामने वाइड एंगल शाट देते वक्त आप बाडी लैंग्वेज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन साइड एंगल या क्लोज अप शाट में आपको चेहरे के हाव-भाव से ही एक्टिंग करनी होती है। अलग-अलग प्लेटफार्म पर एक्टिंग करने के लिए खुद को अलग-अलग फ्रेम्स के अनुसार ढालना होता है। महामारी के बीच वर्ष 2020 के दिसंबर में मैंने ‘थ्री वाल्स’ नामक नाटक भी किया था। जिसे हमने शूट करके डिजिटल प्लेटफार्म पर स्ट्रीम किया था।’
बढ़ जाता हूं आगे
‘राकेट ब्वायज’ में लीड किरदार निभाने के बाद आगे भी लीड किरदारों पर नजर होने के सवाल पर जिम कहते हैं, ‘अपने हर प्रोजेक्ट में मैं बेस्ट देने की कोशिश करता हूं। अगर मुझे उसका पुरस्कार मिलता है तो बहुत अच्छा, अगर वह काम नहीं करता है तो कोई बात नहीं। जो काम मैंने किया, वह अपने बारे में खुद बोलेगा। लीड रोल पाने या खबरों में आने के लिए मैं अपने घर के बाहर खुद पपराजियों को नहीं बुलाऊंगा। हां, मेरा काम देखकर अगर लोग आएंगे तो अच्छा है।’ ज्यादातर गंभीर किरदारों को निभाने वाले जिम उस किरदार को सेट पर ही छोड़ देना पसंद करते हैं। उनका कहना है, ‘किरदार गंभीर हो या सामान्य, मैं रिहर्सल के वक्त किरदार में जाता हूं और सीन करते हुए उसे अपने व्यक्तित्व में शामिल करने की कोशिश करता हूं। अगर आपने रिहर्सल अच्छी तरह से किया है तो कभी भी अपने किरदार में प्रवेश और उससे निकल सकते हैं। सीन खत्म होने के साथ ही मेरा काम भी पूरा हो जाता है, उसके बाद मैं उससे आगे बढ़ जाता हूं।’