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World Environment Day: इन फिल्मों में दिखा प्रकृति का विकराल रूप, कहीं बर्फ तो कहीं पानी ने मचायी तबाही

World Environment Day पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई बातें की जाती हैं। फिल्मों में भी क्लाइमेट चेंज पर आधारित कई फिल्में बनी हैं जिनमें प्रकृति का भयानक से भयानक रूप देखने को मिला है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर हम ऐसी ही कुछ फिल्मों की बात करेंगे।

By Karishma LalwaniEdited By: Karishma LalwaniPublished: Sun, 04 Jun 2023 01:05 PM (IST)Updated: Sun, 04 Jun 2023 01:05 PM (IST)
World Environment Day: इन फिल्मों में दिखा प्रकृति का विकराल रूप, कहीं बर्फ तो कहीं पानी ने मचायी तबाही
File Photo of Film Kedarnath and Tum Mile

नई दिल्ली, जेएनएन। World Environment Day: पांच जून को हर साल विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। इस बार की थीम है 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन।' प्रकृति को बचाना कितना जरूरी है यह बात बॉलीवुड भी अच्छे से जानता है। यही वजह है कि समय-समय पर कुछ इस तरह की फिल्में बनती रही हैं, जिनमे प्रकृति से छेड़छाड़ और उनसे होने वाली तबाही को अच्छे से दिखाया गया है।

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कम बारिश, सूखा, बाढ़, आदि सब प्रकृति से छेड़छाड़ के ही नतीजे माने जाते हैं। ऐसे में एक नजर डालेंगे उन फिल्मों पर जिनमें प्रकृति का विकराल रूप दिखाया गया हो।

केदारनाथ

2018 में रिलीज हुई सारा अली खान की डेब्यू फिल्म केदारनाथ असली आपदा पर आधारित थी। फिल्म उत्तराखंड के बैकड्राप पर बनी थी, जिसमें 2013 में आई बाढ़ को दिखाया गया था। फिल्म का निर्देशन अभिषेक कपूर ने किया था।

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत फिल्म में लीड एक्टर थे, जिनकी अंत में तबाही के कारण मौत हो जाना दिखाया जाता है। इस फिल्म के एंड में 2013 का वह सीन दिखाया गया है, जब पूरा केदारनाथ बाढ़ से तहस-नहस हो गया था, लेकिन महादेव की मूर्ति टस से मस नहीं हुई थी।

तुम मिले

साल 2009 में इमरान हाशमी और सोहा अली खान की फिल्म तुम मिले रिलीज हुई थी। फिल्म 2005 में मुंबई में आई बाढ़ पर बनी थी। फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे मुंबई में आई बाढ़ का असर लोगों पर पड़ा था, और कैसे लोगों ने खुद को बचाया था।

कड़वी हवा

संजय मिश्रा के करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक 'कड़वी हवा' 2017 में रिलीज हुई थी। क्लाइमेट चेंज पर आधारित इस फिल्म में जलवायु परिवर्तन से बढ़ाने वाले सुख और जलस्तर को दिखाया गया था। मूवी में एक तरफ सुख से जूझने वाले बुंदेलखंड को दिखाया गया था, तो दूसरी ओर ओडिशा के तटीय क्षेत्र का जिक्र किया गया था। लेकिन फिल्म बिल्कुल भी बोरिंग ना लगे इसके लिए मनोरंजन का तड़का भी खूब लगाया गया था।

मदर इंडिया

1957 में रिलीज हुई है फिल्म वैसे तो एक मां की कहानी को बयां करती है, लेकिन साथ ही साथ फिल्म के एक हिस्से में सूखे का आतंक ही देखने को मिलता है। फिल्म के उसे हिस्से में प्रकृति का विकराल रूप दिखाया गया था, जो कि हमें यह सीख देता है कि प्रकृति पर किसी का बस नहीं होता। फिल्म में नरगिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राजकुमार मुख्य भूमिका में थे।

वक्त

यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित 1965 में आई फिल्म वक्त की कहानी भूकंप से हुई तबाही, और इस कारण बिछड़े परिवार की कहानी को दिखाती है। इसमें दिखाया गया है कि एक कारोबारी का परिवार, भूकंप के कारण बिछड़ जाता है। फिर कई सालों बाद अदालत में पिता और बेटे, आरोपी, गवाह और वकील की भूमिका में एक-दूसरे के सामने आते हैं।

'मदर इंडिया' के बाद यह हिंदी सिनेमा की पहली ऐसी फिल्म थी जिसमें इतने सारे एक्टर्स थे। मूवी में बलराज साहनी, सुनील दत्त, शशि कपूर, शर्मिला टैगोर, साधना शिवदसानी सहित कई एक्टर्स थे।


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