अपने कारावास के दौरान संजय दत्त ने पढ़ डाले सारे पुराण, और भी बहुत कुछ...
संजय की फिल्म भूमि 22 सितम्बर को रिलीज़ होगी।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। संजय दत्त अपनी आगामी फिल्म भूमि को लेकर उत्साहित हैं। इस फिल्म में वह एक ऐसे पिता के किरदार में हैं, जो अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है। संजय स्वीकारते हैं कि वह अब फिर से परदे पर लौटकर खुश हैं। उनका लंबा समय जेल में बीता है। इस दौरान उन्होंने एक अलग ही दुनिया जी है।
संजय दत्त ने एक बातचीत में स्वीकारा है कि जेल में रहते हुए उन्होंने शुरुआती दौर के पहले महीने में तो काफी तकलीफें महसूस की थी। लेकिन एक महीने के बाद से ही उन्होंने तय किया कि आस-पास की सारी नेगेटिविटी को खत्म कर अब वह सिर्फ इस बात पर फोकस करेंगे कि उन्हें किस तरह से पोजिटिव रहना है। संजय कहते हैं, इस दौरान मैंने हिन्दू धर्म के सारे ग्रंथ पढ़ डाले। चूंकि मैं शिव भक्त हूं, मैंने शिव पुराण पूरी तरह से पढ़ लिया था। फिर गणेश पुराण पढ़ा, फिर महाभारत, रामायण सब कुछ पढ़ लिया और अब मैं बहुत कुछ समझ चुका हूं। बहुत ज्ञान हासिल हुआ इन्हें पढ़ने के बाद। संजय आगे बताते हैं कि उन्होंने अपने कारावास के दौरान वहां कैदियों की नाटक कंपनी में भी हिस्सा लिया था और वह वहां लोगों को काफी वॉइस मॉड्यूलेशन और एक्टिंग की टिप्स देते थे। यही नहीं उन्होंने रेडियो जॉकी बनकर भी कैदियों का मनोरंजन किया था। रेडियो जॉकी बनने के दौरान उन्होंने सात से आठ लोगों की टीम बनाकर रखी थी और सभी हर दिन एक टॉपिक पर बात करते थे।
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याद हो कि संजय ने फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई में भी रेडियो के माध्यम से गांधीगिरी का पाठ लोगों को पढ़ाया था। संजय बताते हैं कि जेल में उन्हें रेप करके आये हुए कैदियों को देख कर चिढ़ होती थी। उनकी फिल्म भूमि भी एक रेप विक्टिम की कहानी ही है। ऐसे में वह बताते हैं कि वह दर्द महसूस कर सकते हैं कि जिनके साथ ये हादसा होता है, उन पर क्या बीतती होगी? इसलिए वह भूमि की कहानी से काफी जुड़ पाए। संजय की फिल्म भूमि 22 सितम्बर को रिलीज़ होगी।