Priyanka Chopra की वजह से कंगना रनोट ने मधुर भंडारकर की 'फैशन' को पहले कर दिया था मना, फिर ऐसे राजी हुईं एक्ट्रेस
शूटिंग शुरू होने के छह महीने पहले ही प्रियंका और कंगना के साथ हमने इस फिल्म की तैयारियां शुरू कर दी थीं। हमने कई फैशन शो अटेंड किए। दोनों पहले मॉडल रह चुकी थीं इसलिए उनके लिए किरदार के बारे में जानना और उसे पर्दे पर निभाना आसान रहा।
दीपेश पांडेय, जेएनएन। ‘फैशन इंडस्ट्री की सच्चाई को पर्दे पर बयां करने के कारण इंडस्ट्री के कई लोग मुझसे नाराज भी हुए, लेकिन मुझे उससे कोई फर्क नहींपड़ता। मेरे लिए सामाजिक सरोकार वाली फिल्में बनाना हमेशा से महत्वपूर्ण रहा’, कहते हैं फिल्म ‘फैशन’ के निर्देशक मधुर भंडारकर। वह साझा कर रहे हैं इस हिट फिल्म के निर्माण के अनुभव...
मैं अक्सर फैशन शो और रैंप वॉक देखने जाया करता था। वहां मुझे लगा कि लोगों को फैशन शो, इसके पीछे की दुनिया, यहां आने वाली लड़कियों, कपड़ों की नुमाइश और यहां की सच्चाई के बारे में दिखाना चाहिए। इसके बाद मैंने मॉडलों, रैंप के कोरियोग्राफर्स, फैशन डिजाइनर्स और इस दुनिया के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों से मिलकर फैशन की दुनिया के बारे में रिसर्च की। फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार करने में सात आठ माह का वक्त लगा। प्रोड्यूसर रॉनी स्क्रूवाला कहानी सुनने के बाद तुरंत प्रोड्यूस करने के लिए तैयार हो गए। इस फिल्म से मैं भी बतौर प्रोड्यूसर जुड़ा।
स्क्रिप्ट तैयार होने के बाद मुझे प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनोट क्रमश: मेघना माथुर और सोनाली गुजराल के किरदार के लिए सबसे फिट अभिनेत्रियां लगीं। मैंने प्रियंका से संपर्क किया, उन्हें स्क्रिप्ट अच्छी लगी और उन्होंने स्वीकृति दे दी। फिर मैंने कंगना से संपर्क किया। उन्हें भी स्क्रिप्ट पसंद आई, लेकिन कंगना को थोड़ा असमंजस था कि यह प्रियंका चोपड़ा की फिल्म है, पूरी फिल्म में प्रियंका ही हैं। मैंने उन्हें समझाया कि फिल्म किसी एक की नहीं, बल्कि इसके सारे किरदार सशक्त हैं। मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि किरदार की लंबाई की जगह किरदार की मजबूती पर ध्यान दें। फिर कंगना की भी स्वीकृति मिल गई। मेरी ज्यादातर फिल्में महिला प्रधान होती हैं, इसलिए बड़े हीरो मेरी फिल्मों में काम करने के लिए जल्दी राजी नहीं होते हैं। मैंने अरबाज खान, अर्जन बाजवा और समीर सोनी को लेकर फिल्म को आगे बढ़ाया।
शूटिंग शुरू होने के छह महीने पहले ही प्रियंका और कंगना के साथ हमने इस फिल्म की तैयारियां शुरू कर दी थीं। हमने उनके साथ कई फैशन शो अटेंड किए। प्रियंका और कंगना दोनों पहले मॉडल रह चुकी थीं, इसलिए उनके लिए किरदार के बारे में जानना और उसे पर्दे पर सही तरीके से निभाना आसान रहा। इस फिल्म की कुछ चीजें वास्तविक जीवन से प्रेरित हैं तथा कुछ चीजें काल्पनिक हैं। मैं अक्सर बातचीत में जलवा और झंडू जैसे शब्दों का इस्तेमाल करता हूं। इस फिल्म के संगीतकार सलीम मर्चेंट से मैं अक्सर कहता रहता था कि मुझे कुछ जलवा गाना चाहिए। एक दिन उन्होंने मुझे ‘फैशन का है ये जलवा’ गाने की संकल्पना सुनाई। फिर गीतकार संदीप नाथ से कहकर हमने इस गाने को पूरा लिखवाया। यह गाना आज भी फैशन शोज में बजाया जाता है।
इस फिल्म के अधिकांश हिस्सों की शूटिंग मुंबई में और कुछ हिस्सों की शूटिंग चंडीगढ़ में हुई। फिल्म में दिखाए गए सारे फैशन शो के सेट महबूब स्टूडियो और फिल्मिस्तान में बनाए गए थे। मेरी फिल्मों के सेट पर हमेशा बहुत हंसी मजाक वाला माहौल रहता है। सेट पर मेरा, प्रियंका और कंगना हम सभी का टिफिन एक साथ खुलता था और हम साथ खाते थे। फिल्म के कई सीन में मैंने सेट पर ही बदलाव किए। फिल्म में मेघना (प्रियंका) को चंडीगढ़ की मासूम लड़की, मॉडल, सुपरमॉडल, उसका बुरा दौर और सच्चाई के एहसास होने के बाद अलग-अलग अवस्थाओं में पांच अलग-अलग लुक में दिखाया गया है। इन पांचों लुक में उन्होंने लगभग 140 ड्रेस पहने।
फिल्म के एक सीन में कंगना का वार्डरोब मालफंक्शन (कपड़ों का गिरना) होता है। इस सीन को हमने महबूब स्टूडियो में तीन कैमरा सेटअप से साथ शूट किया था। कंगना ने इस सीन को बहादुरी के साथ सिर्फ एक टेक में पूरा किया। उस समय रैंप के आस-पास उपस्थित सभी लोगों ने उनकी परफॉर्मेंस पर तालियां बजाई थीं। फिल्म के क्लाइमेक्स में पेरिस फैशन शो के भी कुछ सीन दिखाए गए हैं। उसके कुछ शॉट हमने पेरिस फैशन शो से मंगाए थे और बाकी यहीं स्टूडियो में ही सेट लगाकर शूट किए।
फिल्म में मेरे साथ करण जौहर, रणवीर शौरी, कोंकणा सेन शर्मा और मनीष मल्होत्रा समेत कई लोगों के कैमियो अपीयरेंस भी हैं। शुरू में मेरे कैमियो की कोई योजना नहीं थी। शूटिंग के वक्त प्रियंका समेत उपस्थित सभी लोगों ने कहा कि एक सीन में आपका भी बैंड बजना चाहिए। फिर एक पार्टी वाले सीन में मैंने भी कैमियो किया, जिसमें लोग मेरा मजाक उड़ाते हैं कि मधुर भंडारकर अब फैशन इंडस्ट्री को भी नहीं छोड़ेगा। स्टाइलिस्ट रीता ढोडी ने दो महीनों से ज्यादा की रिसर्च के साथ इसके कॉस्ट्यूम तैयार किए। मैं और सिनेमेटोग्राफर महेश लिमाए मिलकर फाइनल लुक तय करते थे। फैशन इंडस्ट्री की हकीकत को पर्दे पर दिखाने के कारण के कुछ लोग खफा हुए, पर मेरे लिए रचनात्मक संतुष्टि मायने रखती है।
यह भी देखें: Bombay High Court से Kangana Ranaut को मिली जीत, BMC को करनी होगी भरपाई