Kangana Ranaut ने ईद पर पोस्ट किए वीडियो में गंगा में तैरती लाशों की तस्वीरों को लेकर किया चौंकाने वाला दावा
कंगना कहती हैं- हमने पिछले कुछ सालों में देखा कि अगर छह-सात देश भी एक साथ अटैक कर देते हैं। वो एक-एक को लोहे के चने चबा देते हैं। जिस हिम्मत से टेररिज़्म का मुकाबला कर रहे हैं वो पूरी दुनिया के लिए मिसाल बनकर रह गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद होम क्वारंटाइन में कंगना रनोट ट्विटर से जाने के बाद अब इंस्टाग्राम पर सक्रिय हैं और वहां स्टोरी और वीडियोज़ के ज़रिए अपनी बात लोगों तक पहुंचा रही हैं। कंगना ने शुक्रवार को नया वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने ईद और अक्षय तृतीया की बधाई देते हुए काफ़ी बातें कीं। कंगना ने इज़रायल की तर्ज़ पर देश में भी स्टूडेंट्स को आर्मी ट्रेनिंग अनिवार्य करने का सुझाव दिया। साथ ही दावा किया कि पिछले दिनों गंगा में तैरती लाशों को जो तस्वीरें वायरल हुई थीं, वो भारत की नहीं हैं।
कंगना ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किये वीडियो में कहा- ''आज बहुत सारे त्योहार हैं। ईद मुबारक। अक्षय तृतीया की बहुत शुभकामनाएं। परशुराम जयंती की बहुत शुभकामनाएं। दोस्तों हम देख रहे हैं, दुनिया बहुत सारी चीज़ों से जूझ रही है। चाहे वो कोरोना हो या देश आपस में लड़ रहे हों। मुझे लगता है कि अच्छे वक्त में संयम नहीं खोना चाहिए और बुरे वक्त में हिम्मत नहीं खोनी चाहि... तो हमें क्या सीख मिल रही है। इज़रायल का ही उदाहरण ले लीजिए। मात्र कुछ लाख लोग हैं उस देश में।
हमने पिछले कुछ सालों में देखा कि अगर छह-सात देश भी एक साथ अटैक कर देते हैं। वो एक-एक को लोहे के चने चबा देते हैं। जिस हिम्मत से टेररिज़्म का मुकाबला कर रहे हैं वो, पूरी दुनिया के लिए मिसाल बनकर रह गया है। ऐसा क्या है उस देश में। सबसे पहले तो कोई विपक्ष... वहां भी है। लेकिन, खड़े होकर यह नहीं कह रहा है युद्ध के बीच में... कहां कौन-सी स्ट्राइक की, हम तो नहीं मानते। आतंकियों के कौन से लीडर को मार दिया, हम तो नहीं मानते। इस तरह की गंदगी वहां कोई नहीं डाल रहा। यह हम लोगों को देखना चाहिए और इससे सीखना चाहिए।''
कंगना ने आगे कहा- ''इस देश पर चाहे कोई विपत्ति आये, युद्ध आये या महामारी आये.. कुछ लोग होते हैं, जैसे बंदर-मदारी का तमाशा देखते हैं, वैसे साइड में खड़े हो जाते हैं। उम्मीद करते हैं, यह देश गिरे और वो तमाशा देखें। इस चीज़ का मज़ा उठायें। अब जैसे हमने कोरोना काल में ही देखा। एक बुजुर्ग महिला सड़क पर बैठी ऑक्सीजन ले रही थी। उस इमेज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भुनाया गया। पता चला, वो इमेज कोरोना काल की है भी नहीं। गंगा में लाशें तैर रही हैं, पता चला वो तस्वीरें नाइजीरिया की हैं। यहां के कुछ लोग हमारी पीठ में छुरा घोंप रहे हैं। वो किसी जाति या धर्म विशेष के नहीं हैं। वो कैरेक्टर हर जगह पाये जाते हैं।
कंगना ने आगे अपनी सलाह देते हुए कहा- ''क्या हमें इसके लिए कुछ स्टेप्स नहीं लेने चाहिए? भारत सरकार से अपील करना चाहती हूं कि इज़रायल की तरह आर्मी में सर्व करना हर स्टूडेंट के लिए अनिवार्य कर देना चाहिए। हम भी करना चाहते हैं। हम भी करेंगे। जिन-जिन धर्म की किताबों में लिखा है कि सिर्फ़ हमारे धर्म के लोग इंसान हैं, बाकी सब गाजर-मूलियां हैं, उनको उस धर्म में से निकालिए। आप चाहे हिंदू, मुसलमान, सिख, जैन, ईसाई कोई भी हैं आपके लिए सर्वोपरि धर्म होना चाहिए भारतीयता का। इस देश का नागरिक होने का जो संबंध है, वो सर्वोपरि होना चाहिए। इंसानियत का नाता सर्वोपरि होना चाहिए। हम भारतीय एक-दूसरे के लिए मायने रखते हैं।जब हम साथ में आगे बढ़ेंगे, तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा। जय हिंद।''