The Kashmir Files की पहली वर्षगांठ पर बोले विवेक अग्निहोत्री, कहा-दर्शक घटिया फिल्मों पर ताली नहीं बजाएंगे
The Kashmir Files First Anniversary द कश्मीर फाइल्स को रिलीज होकर एक वर्ष हो गया है। अब इस पर फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने माना कि उन्हें इस प्रकार के रिएक्शन की अपेक्षा नहीं थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। The Kashmir Files First Anniversary: विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स 1 वर्ष पहले रिलीज हुई थी। इस फिल्म पर वह पिछले 4 वर्षों से काम कर रहे थे। खास बात यह है कि इस फिल्म को बनाने के लिए उन्होंने और उनकी पत्नी पल्लवी जोशी ने अपने खुद के पैसे लगाए थे। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। उन्होंने अपना घर भी गिरवी रख दिया था। इस फिल्म की शूटिंग के लिए वह विश्व के कई कोनों में जाकर पीड़ित परिवार से मिले थे। इतना सब व्यय वहन करने के बाद भी उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि अंत में क्या बनकर सामने आएगा।
'द कश्मीर फाइल्स का इतना बड़ा इंपैक्ट होगा हमें नहीं पता था'
इस बारे में बताते हुए विवेक अग्निहोत्री ने कहा था, 'हमें नहीं पता था कि द कश्मीर फाइल्स का इतना बड़ा इंपैक्ट होगा।' फाइल्स के बारे में बताते हुए विवेक अग्निहोत्री कहते हैं, 'एक दिन मैं सोच रहा था कि लोकतंत्र के तीन स्तंभ कौन से हैं। इस पर मुझे सच, न्याय और जीवन समझ आया। इन तीनों के माध्यम से फाइल्स ट्राईलॉजी की शुरुआत हुई। पहली फिल्म द ताशकंद फाइल्स सच के बारे में थी। द कश्मीर फाइल्स न्याय के बारे में थी और अब द दिल्ली फाइल्स राइट टू लाइफ के बारे में है। मेरा मानना है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ दर्शक हैं। उन्हें तय करने दीजिए कि वह क्या देखना चाहते हैं। दर्शक घटिया फिल्मों पर ताली नहीं बजाएंगे।'
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द कश्मीर फाइल्स मात्र 600 स्क्रीन से शुरू हुई थी
विवेक अग्निहोत्री ने यह भी कहां कि सिनेमा उनके लिए नेटवर्किंग या सोशलाइजिंग का माध्यम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी नहीं करते ना ही वह शराब पीते हैं। उन्होंने द कश्मीर फाइल्स पर कहा कि यह फिल्म मात्र 600 स्क्रीन से शुरू हुई थी। अचानक इस फिल्म की मांग बढ़ने से इसे कई स्क्रीन अलॉट की गई।
विवेक अग्निहोत्री ने बॉलीवुड पर भी अपनी बात रखी
विवेक अग्निहोत्री ने बॉलीवुड पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'वे चाहते थे कि मैं टिपिकल फिल्में बनाता रहूं जो मैं नहीं करना चाहता था। हमने तय किया कि हम खुद अध्ययन करेंगे और खुद के पैसे से फिल्म बनाएंगे। यह निर्णय हमने 2010 में लिया था, तब हमने बुद्धा इन ट्रैफिक जाम बनाई। इसके बाद द ताशकंद फाइल्स और अब द कश्मीर फाइल्स बनाई है।'