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World AIDS Day 2019: एचआईवी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बनी हैं ये बॉलीवुड फ़िल्में, सलमान की भी आ चुकी है 'फिर मिलेंगे'

World AIDS Day 2019 भारत की फ़िल्म इंडस्ट्री में इस विषय पर कई फ़िल्म भी बन चुकी हैं। इन फ़िल्मों को बॉक्स ऑफ़िस पर भले ही ख़ास रिस्पॉन्स ना मिला हो लेकिन यादगार हैं।

By Rajat SinghEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 09:56 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 11:30 AM (IST)
World AIDS Day 2019: एचआईवी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बनी हैं ये बॉलीवुड फ़िल्में, सलमान की भी आ चुकी है 'फिर मिलेंगे'
World AIDS Day 2019: एचआईवी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बनी हैं ये बॉलीवुड फ़िल्में, सलमान की भी आ चुकी है 'फिर मिलेंगे'

नई दिल्ली, जेएनएन। World AIDS Day 2019: 1 दिसंबर को दुनिया भर में एचआईवी और एड्स के खिलाफ़ जागरुकता फैलाई जातीहै। इस दिन को 'वर्ल्ड एड्स डे' के रूप में मनाते हैं। इस रोग को भारत समेत दुनिया भर में टैबू माना जाता है। ऐसें में भारत की फ़िल्म इंडस्ट्री में इस विषय पर कई फ़िल्म भी बन चुकी है। इन फ़िल्मों को बॉक्स ऑफ़िस पर भले ही ख़ास रिस्पॉन्स ना मिला हो, लेकिन इन्होंने अपना काम किया है। आइए जानते हैं...

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1.फिर मिलेंगे- साल 2004 में आई सलमान ख़ान स्टारर फ़िल्म 'फिर मिलेंगे' में इस मुद्दे को मजबूती के साथ उठाया गया था। यह फ़िल्म अमेरिकन फ़िल्म 'फ़िलडेल्फिया' से प्ररित थी। इसमें सलमान के साथ शिल्पा शेट्टी और अभिषेक बच्चन भी अहम भूमिका था। इस फ़िल्म कहानी एक ऐसी लड़की (शिल्पा शेट्टी) की थी, जिसे एचआईवी पॉजटिव होने पर नौकरी गंवानी पड़ती है। इसके बाद उसका केस तरुण आनंद लड़ता है, जिसका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया था। लड़की हाईकोर्ट में केस जीत जाती है, इसके बाद अपना खुद का वेंचर खोल लेती है।

2.माई ब्रदर निखिल-साल 2005 में आई इस फ़िल्म में सजंय सूरी और जूही चावला लीड रोल में थे। यह फ़िल्म 'डॉमेनिक डिसूजा' की लाइफ़ से प्रेरित था, जो कि एक एचआईवी एड्स एक्टविस्ट थे। फ़िल्म में होमो सेक्सुआलटी और एड्स जैसे मुद्दों को छुआ गया था। कहानी निखिली (सजंय सूरी) की थी, जिसे एड्स के बाद अपनी लाइफ में काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ा था। उस वक्त उसके साथ सिर्फ उसकी बहन अनामिका (जूही चावला) ही खड़ी हुई थी।

3.निदान- साल 2000 में महेश मांजरकेर ने एक फ़िल्म 'निदान' बनाई थी। सजंय दत्त स्टारर इस फ़िल्म एक लड़की कहानी है, जो ब्लड ट्रांसफ्यूज़न के दौरान एचआईवी के संपर्क में आ जाती है। इस फ़िल्म को भारत सरकार ने टैक्स फ्री कर दिया था।

4. 68 पेज- डायरेक्टर श्रीधर राघवन ने साल 2007 में '68 पेज' फ़िल्म बनाई थी। इस फ़िल्म में काउंसलर और पेसेंट की कहानी दिखाई गई थी। इसमें दिखाया गया है कि कैसे काउंसल खुद को एचआईवी पेसेंट से खुद को इमोशनली दूर रखना चाहता है, लेकिन फिर भी नहीं कर पाया।


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