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'मैं वही करता हूं, जो सही लगता है...', जानें आखिर : फरहान अख्तर क्यों कही ये बात

फरहान अख्तर अभिनीत फिल्म तूफान भी उन्हीं फिल्मों में शुमार थी। अब इस फिल्म का प्रीमियर जी सिनेमा पर 31 अक्टूबर को होगा। फरहान का मानना है कि टीवी की पहुंच डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी ज्यादा है। ऐसे में यह फिल्म और दर्शकों तक पहुंचेगी।

By Priti KushwahaEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 12:11 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 12:11 PM (IST)
'मैं वही करता हूं, जो सही लगता है...', जानें आखिर  : फरहान अख्तर क्यों कही ये बात
Photo Credit : Farhan Akhtar Instagram Photo Screenshot

प्रियंका सिंह, मुंबई। कोरोना काल की वजह से कई फिल्में सिनेमाघरों में न रिलीज हो पाने की वजह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी। फरहान अख्तर अभिनीत फिल्म तूफान भी उन्हीं फिल्मों में शुमार थी। अब इस फिल्म का प्रीमियर जी सिनेमा पर 31 अक्टूबर को होगा। फरहान का मानना है कि टीवी की पहुंच डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी ज्यादा है। ऐसे में यह फिल्म और दर्शकों तक पहुंचेगी। फिल्म के टीवी प्रसारण, दस साल बाद जी ले जरा फिल्म से निर्देशन में वापसी और अमेरिकन वेब सीरीज मिस मार्वल में अभिनय करने को लेकर उनसे हुई बातचीत के अंश।

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1. डिजिटल प्लेटफॉर्म के दौर में टेलीविजन पर फिल्मों का रिलीज होना अब कलाकारों के लिए कितना मायने रखता है?

टेलीविजन हमेशा से ही कलाकारों के लिए मायने रखता आया है, क्योंकि थिएटर में लोग एक सीमित क्षमता के साथ ही फिल्म को देख पाते हैं। जरूरी नहीं कि हर कोई हर फिल्म देखने के लिए थिएटर ही जाए। डिजिटल प्लेटफॉर्म पिछले डेढ़ वर्षों में लोगों ने ज्यादा देखना शुरू कर दिया है, तो उसकी पहुंच थोड़ी बढ़ी है। लेकिन टीवी की पहुंच अब भी हमारे देश में सिनेमाघरों और डिजिटल प्लेटफॉर्म से ज्यादा ही है। कोशिश हमेशा यही रहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मैं अपनी फिल्म को पहुंचा पाऊं। अब टीवी के माध्यम से वह लोग भी तूफान को देख पाएंगे, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नहीं देख पाए थे।

2. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फिल्म को रिलीज करने के बाद सिनेमा के अनुभवों को क्या मिस किया था?

हां, वह अनुभव जो फिल्म के साथ जुड़े होते हैं, जब फिल्म थिएटर में रिलीज होती है, उनको मिस किया था। लेकिन अगर दूसरा पहलू देखें, तो हमने कई नई चीजें इस दौरान सीखी। फिल्म ऐसे देशों में पहुंची, जहां हिंदी फिल्में रिलीज नहीं होती हैं। फिल्म एक ऐसे माहौल में आई थी, जब पता नहीं था कि थिएटर्स कब खुलेंगे, रात के शोज होंगे भी या नहीं। ऐसे में डिजिटल प्लेटफॉर्म ने हमारी फिल्म को प्रमोट किया, इज्जत दी।

3. फिल्म इंडस्ट्री में आपका बीस वर्षों का सफर रहा है। खुद को इतने लंबे समय तक बनाए रखने के लिए कौन सी चीजें काम आई हैं?

मैं वह करता हूं, जो मुझे सही लगता है। पिछले बीस वर्षों से जो काम मेरी कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट ने फिल्में या वेब सीरीज बनाकर किया है, वह छवि तभी बनती है जब आपका काम लगातार अच्छा रहा हो। मुझे खुशी है कि लोग मुझसे उम्मीदें रखते हैं, मेरी इज्जत करते हैं। वह इज्जत मेरे काम ने मुझे दी है।

4. फिल्म जी ले जरा से आप दस साल बाद निर्देशन में वापसी कर रहे हैं। क्यों लगा कि इस फिल्म का निर्देशन करना चाहिए?

मैं चाहता था कि इस फिल्म का हिस्सा बनूं। फिल्म के लेखन में भी जोया अख्तर और रीमा कागती के साथ मेरा हाथ है। हर फिल्म की डिमांड मुझसे अलग होती है। मैं जो काम अपने जीवन में करना चाहता था, वह काम करने का मौका और हिम्मत मुझे लोग देते हैं। अपने आपको एक्सप्रेस करने का जब भी मौका मिलता है, चाहे किसी भी तरीके से हो, मुझे उसमें खुशी मिलती है। मैं यह नहीं सोचता हूं कि मैं फिल्म में अभिनय क्यों नहीं कर रहा हूं या काश मैंने इस फिल्म का निर्देशन कर लिया होता। मुझे गठबंधन वाले काम करने में मजा आता है, खासकर उनके साथ जो अपना काम अच्छी तरह से करना जानते हैं। उनसे सीखने को मिलता है।

5. अमेरिकन वेब सीरीज मिस मार्वल फिल्म से आप मार्वल सिनमैटिक यूनिवर्स का हिस्सा बनने जा रहे हैं। उनकी फिल्मों और कॉमिक्स से किस तरह का जुड़ाव रहा है?

बचपन में तो मैंने उनके बहुत सारे कॉमिक्स पढ़े हैं। वह बेहतरीन क्वालिटी की फिल्में बना रहे हैं। मैं सिर्फ उनकी फिल्मों के स्पेशल इफेक्ट्स की बात नहीं कर रहा हूं। उनकी कहानियां भी बहुत अच्छी होती हैं। उन्होंने वाकई खूबसूरत किरदारों का यूनिवर्स बनाया है। उसका हिस्सा मैं भी बनने वाला हूं।

6. हॉलीवुड में एंट्री एक कलाकार के लिए क्या ज्यादा मायने रखती है?

मुझे लगता है हॉलीवुड में एंट्री और अच्छा कंटेंट दोनों ही मायने रखता है। किसी दूसरे मार्केट में अपनी प्रतिभा को दिखा सकूं, तो यह अच्छी बात है। वहां का जो दरवाजा किसी और ने आपके लिए पहले खोला था, वहां तक पहुंचकर आप उस दरवाजे को थोड़ा और खोल सकते हैं, ताकि जो प्रतिभाएं आपके पीछे चलकर आ रही हैं वह भी उस दुनिया में अपना नाम बना सकें। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में अपनी कला दिखाने का मौका सिर्फ कलाकारों को ही नहीं, बल्कि तकनीशियन्स को भी मिलने चाहिए। हमारे देश में प्रतिभाशाली सिनेमैटोग्राफर्स, लेखक, निर्देशक, साउंड और प्रोडक्शन डिजाइनर्स हैं।

7. इंटरनेट मीडिया पर ट्रोल्स की बातों और 'डॉन 3' फिल्म से जुड़े सवालों पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होती है?

लोग कुछ भी लिखते हैं, उनको जवाब कहां तक दिया जाए। खैर, डॉन 3 फिल्म कब लेकर आ रहा हूं, यह सवाल वाकई पिछले दस वर्षों से मुझसे पूछा जा रहा है। (हंसते हुए) पुलिस ने डॉन का पीछा करना छोड़ दिया है, लेकिन इस फिल्म के फैन्स मेरा पीछा अब भी कर रहे हैं।


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