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चुड़ैल से रोमांस करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता : वरुण शर्मा

मुझे हॉरर फिल्में देखने से डर लगता था। स्त्री फिल्म के साथ ही मैंने इस जॉनर को देखना शुरू किया था। तकनीकी तौर पर मैंने काफी कुछ सीखा है। इसमें वीएफएक्स काफी है। आपके सामने जो चीजें नहीं हैं उसकी कल्पना करते हुए अभिनय करना है।

By Priti KushwahaEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 12:21 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 12:21 PM (IST)
चुड़ैल से रोमांस करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता : वरुण शर्मा
Photo Credit - Varun Sharma Instagram Screenshot

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। फुकरे, छिछोरे जैसी फिल्मों में चूचा और सेक्सा का किरदार निभाने वाले वरुण शर्मा अब हॉरर कॉमेडी रूही फिल्म में हंसाने के लिए तैयार हैं। यह फिल्म 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म को पिछले साल ही रिलीज करना था लेकिन लॉकडाउन की वजह से रिलीज नहीं हुई। वरुण के मुताबिक हंसाना सबसे मुश्किल काम है। उनसे हुई बातचीत के अंश... 

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1- कोरोना काल में डिजिटल प्लेटफार्म पर आपका कोई काम सामने नहीं आया। आपके लिए धैर्य रखना मुश्किल था? 

यह धैर्य दिनेश विजन और मृगदीप सिंह लांबा ने रखा था। हॉरर कॉमेडी एक बहुत ही खूबसूरत जॉनर है, जिसका अनुभव सिनेमा में ही लिया जा सकता है। इस फिल्म को घर में लाइटें जलाकर, खाना खाते-खाते देखेंगे, तो उसका मजा चला जाएगा। यह फिल्म पिछले साल ही बन गई थी लेकिन कोरोना की वजह से रिलीज स्थगित हुई।

 

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2- जब से आपने काम करना शुरू किया है, पहली बार यह गैप आया है। क्या कोई इनसिक्योरनेस थी? 

मुझे यह बात पता थी कि जब भी काम शुरू होगा, तो काम पर जाना है। जो वक्त बीता है अगर उसे अलग नजरिए से देखें, तो मैंने इतना वक्त अपने परिवार के साथ कभी नहीं बिताया था। मेरी सगी बहन की शादी पिछले साल जनवरी में हुई थी। दीदी के जाने से घर सूना हो गया था। मम्मी के साथ वक्त बिताया, ताकि उन्हें खालीपन न लगे। मैं घर के सारे काम उनके साथ करता था। इससे सीख भी मिली की परिवार को और खुद को वक्त देना जरूरी होता है। इसके लिए किसी महामारी की जरुरत नहीं होनी चाहिए। 

3- रूही के लिए हां कहने की क्या वजह रही? 

मुझे स्त्री फिल्म बहुत पसंद थी। रूही उसी की पागल बहन जैसी है। हां, कहने की सबसे पहली वजह उसकी स्क्रिप्ट थी, जो बहुत ही अतरंगी थी। ट्विस्टेड लव स्टोरी है। चुड़ैल से रोमांस करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता।

 

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4- कॉमेडी में आप सहज रहते हैं... 

मुझे लगता है कि अगर आप किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं, तो उससे बड़ा आशीर्वाद कोई नहीं है। कॉमेडी मुश्किल जॉनर है। रूही फिल्म में मेरे किरदार का नाम कटन्नी है। उसके बात करने का लहजा अलग है। मुझे उस किरदार में जाने में वक्त लगा। कॉमेडी जॉनर में मुझे प्यार मिला है, इसलिए मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उसी जॉनर में कुछ नया लेकर आऊं। अगर लोगों को सेक्सा और चूचा का किरदार पसंद आया था, तो दोनों में अंतर भी नजर आया है। 

5- हॉरर जॉनर का आप पर कैसा प्रभाव रहा है? क्या नई चीजें इस फिल्म में सीखने को मिली? 

मैंने यह जॉनर पहले नहीं किया था। मुझे हॉरर फिल्में देखने से डर लगता था। स्त्री फिल्म के साथ ही मैंने इस जॉनर को देखना शुरू किया था। तकनीकी तौर पर मैंने काफी कुछ सीखा है। इसमें वीएफएक्स काफी है। आपके सामने जो चीजें नहीं हैं, उसकी कल्पना करते हुए अभिनय करना है। चुड़ैल अफ्जा के साथ जो मेरा लव एंगल है, वह जाह्नवी का किरदार है। (हंसते हुए) सेट पर मुझे हर लड़की में अफ्जा दिखाई देने लगी थी। बहरहाल, हॉरर और कॉमेडी को शूट करने का तरीका बहुत अलग होता है।

 

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6- जाह्नवी कपूर के साथ पहली मुलाकात कैसी थी? 

पार्टी या समारोह में जब मिले तो हाय-हैलो हुई थी। मैं उनसे इस फिल्म की रीडिंग्स के दौरान मिला था। मैं उनकी मां श्रीदेवी जी का बहुत बड़ा फैन रहा हूं। जाह्नवी में मुझे उनकी झलक दिखी। उनके लिए फिल्म मुश्किल थी, क्योंकि वह डबल रोल में हैं। एक ही दिन में रूही और अफ्जा दोनों का ही किरदार उन्हें निभाना था।  

7- आज सफलता और नाम सब कुछ आपके पास है। कभी लगता है कि अगर पहले मार्गदर्शन सही मिला होता, तो यहां तक पहुंचना आसान होता? 

यह काम मैं पिछले आठ साल से कर रहा हूं। अपने 18-20 साल पहले के सपने को अब मैं जी रहा हूं। मैंने जो भी करना चाहा, वह मुझे ऑडिशन से ही मिला है। मुझे नहीं पता था कि इंडस्ट्री कैसे चलती है। ऑडिशन से ही फिल्म, उसके बाद फिल्म के पोस्टर और गानों में हूं। कई बार रिजेक्ट भी हुआ हूं। बहुत बार रोया हूं। घर फोन करता था। मम्मी से पैसे लेने पड़ते थे। भावनात्मक और आर्थिक स्तर पर जूझ रहा था, लेकिन अगर उससे नहीं गुजरता, तो पहली कमाई और पहली गाड़ी का जो मजा आया वह नहीं आता। उसके अलावा परिवार या दोस्तों में से कोई आसपास होना चाहिए जिससे आप अपनी समस्या बता सकें। ऐसी कोई मुश्किल नहीं है, जिसका समाधान न हो। मेरा मानना है कि कोई भी काम जब आप शिद्दत से करते हैं, तो जीवन एक बार आपको मौका देता है। उस मौके को आप एक से दस में कैसे परिवर्तित करते हैं, वह आप पर निर्भर करता है।


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