क्रिकेटर हरभजन सिंह की पत्नी गीता बसरा ने बेटी को मीडिया से दूर रखने की बताई वजह, कहा- 'वो खुद को स्टार चाइल्ड न फील करे'
पहली प्रेग्नेंसी के दौरान तो कोई महामारी नहीं थी। मैं आराम से हर जगह घूम सकती थी। उस समय मैं लंदन में थी वहीं मेरी बेटी पैदा हुई थी। मैं योग समेत कई तरह के क्लासेज जाती थी। इस बार परिस्थितियां बिल्कुल विपरीत हैं।
प्रियंका सिंह, मुंबई। मां बनना स्त्री के जीवन का सबसे अहम पड़ाव होता है। यहां से जीवन में कई चीजें बदलती हैं। पहली बार मां बनने का एहसास बहुत खास होता है, लेकिन दूसरी बार मां बनने पर आत्मविश्वास अलग होता है। क्रिकेटर हरभजन सिंह की पत्नी व अभिनेत्री गीता बसरा दूसरी बार मां बनने जा रही हैं। कोरोनाकाल में गर्भवती होने की चुनौतियां, इस दौरान योग के फायदे जैसे कई मुद्दों पर हुई बातचीत के अंश..
प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई धारणाएं होती हैं। इन धारणाओं के बारे में सही जानकारी देने का खयाल आपको कैसे आया?
दरअसल, मेरे पास मां बनने वाली कई महिलाओं के काल आ रहे थे कि आप क्या खाती हैं, कैसे फिट रहती हैं? इस पर मुझे खयाल आया कि ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं, जिन्हेंं पता ही नहीं है कि प्रेग्नेंसी के दौरान क्या-क्या करना चाहिए। खासतौर पर कोरोनाकाल में जब वे कहीं बाहर नहीं जा सकती हैं। किसी गर्भवती महिला का दिनभर बैठे रहना भी सही नहीं है। तब मेरे मन में योग वाले वीडियो बनाने का विचार आया। इसमें मैंने सिर्फ ऐसे योग किए जिनसे कोई जोखिम न हो और इन्हेंं गर्भावस्था के दौरान घर बैठकर आसानी से किया जा सके। बहुत सी महिलाएं कहती हैं कि पेट में बच्चा है। इसलिए दो लोगों का आहार लेना चाहिए। इन सब चीजों को देखते हुए मैंने अपनी डाइटीशियन के साथ बैठकर एक लाइव चैट भी किया कि इस अवस्था में क्या-क्या खाना चाहिए।
सेलिब्रिटीज के बच्चों पर पैपराजी और फैंस की काफी नजर होती है। इन चीजों के प्रभाव से अपनी बच्ची को कैसे बचाकर रखती हैं?
यह मेरी व्यक्तिगत पसंद है कि इंटरनेट मीडिया पर मुझे अपनी बच्ची की कौन सी फोटो कब डालनी है। मैं उसे मीडिया से दूर रखने की कोशिश इसलिए करती हूं कि वह खुद किसी स्टार चाइल्ड जैसा न महसूस करे। मैं चाहती हूं कि वह भी एक सामान्य बच्चे की तरह बड़ी हो। उसे बहुत शौक है कि वह अपने पापा को स्टेडियम में खेलते हुए देखे। इससे उसकी अपनी यादें बनेंगी। इसलिए मैं उसे ऐसा करने से रोकती भी नहीं। ऐसे में एयरपोर्ट और स्टेडियम जैसी कई जगहें हैं, जहां मैं उसे मीडिया से दूर नहीं रख सकती हूं।
पहली और दूसरी प्रेग्नेंसी में क्या अंतर महसूस कर रही हैं?
पहली प्रेग्नेंसी के दौरान तो कोई महामारी नहीं थी। मैं आराम से हर जगह घूम सकती थी। उस समय मैं लंदन में थी, वहीं मेरी बेटी पैदा हुई थी। मैं योग समेत कई तरह के क्लासेज जाती थी। इस बार परिस्थितियां बिल्कुल विपरीत हैं। मेरी मम्मी लंदन से आने वाली थीं, लेकिन सारी योजनाएं खराब हो गईं। अपने आपको किसी न किसी तरह हमेशा एक्टिव रखना पड़ता है। इस बार मुझे काफी चीजों के बारे में पता है। इसलिए मैं इसके बारे में ज्यादा बातचीत कर रही हूं। पहली बार तो मुझे सिर्फ अपने आपको संभालना था, लेकिन इस बार अपनी बेटी का भी ध्यान रखना है।
बड़ी बहन बनने पर हिनाया की क्या प्रतिक्रिया है। वह अपने पिता के ज्यादा करीब है या आपके?
बड़ी बहन बनने को लेकर वह बहुत ही उत्साहित है। वह अभी बहुत छोटी है। फिर भी काफी समझदार है। उसके लिए तो एक छोटा बच्चा खिलौने की तरह ही होगा। इसके अलावा पूरा घर काफी खुश है कि घर में नई खुशियां आने वाली हैं। रही बात लगाव की तो बच्चों के मूड तो हमेशा बदलते रहते हैं। फिलहाल तो वह मम्मीज गर्ल है, क्योंकि वह जब से पैदा हुई है, मैं हमेशा उसके साथ ही रही हूं। भज्जी (हरभजन सिंह) तो आते-जाते रहते हैं। उसका अपने पिता से भी लगाव है, लेकिन मां से ज्यादा है। भज्जी को भी बच्चों से काफी लगाव है, दूसरी बार पापा बनने को लेकर वह भी काफी उत्साहित हैं।
क्या हरभजन सिंह भी अन्य लोगों की तरह बेटी से जुड़ी छोटी-छोटी बातों से घबराते हैं?
बिल्कुल, वह बात-बात में घबरा जाते हैं। मांएं हमेशा मजबूत होती हैं। हमें हर चीज के बीच संतुलन बनाकर चलना पड़ता है। बच्चों की नजर में बुरा हमें ही बनना पड़ता है। हम ही उन्हेंं अनुशासन सिखाती हैं, पर क्या करें हमारा रोल ही ऐसा है।
परिवार के लिए कई बार करियर के साथ समझौता करना पड़ता है। आप इसे कैसे देखती हैं?
माता-पिता में से किसी एक को बच्चे की देखभाल करना जरूरी होता है। भज्जी ज्यादातर सफर करते रहते हैं, लेकिन मेरा फोकस सिर्फ हिनाया और मेरा परिवार है। पिछले 10 साल की तुलना में आजकल की परिस्थितियां काफी अलग हैं। इस दौर में हर किसी के लिए काम है। अगर कल मैं दोबारा काम शुरू करना चाहूं तो मेरे लिए विकल्प खुले हैं। ऐसा नहीं कि शादी और बच्चे पैदा होने के बाद आप अपने सारे पैशन छोड़ दें, लेकिन आपको अपने परिवार और काम के बीच में संतुलन कैसे बनाना है वह समझना जरूरी है। मैं अपने बच्चे की पहली हंसी, पहली बार खड़े होना, चलना जैसे सारे अहम पड़ाव अपनी आंखों से देखना चाहती थी।
कभी पति के पेशे को लेकर शिकायत नहीं हुई?
हमने एक-दूसरे से शादी की है तो हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि एक-दूसरे के काम की क्या मांगें हैं। मेरी पहली प्रेग्नेंसी के दौरान भी भज्जी सिर्फ नौवें महीने में मेरे साथ रहे। इस बार आईपीएल के एक महीने छोड़कर वह पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान मेरे साथ ही रहे। मैं खुद ही ऐसी इंडस्ट्री से हूं, जहां बहुत ज्यादा सफर करना पड़ता है। इसलिए मैं उनका काम अच्छी तरह से समझती हूं।