मरने से पहले पाकिस्तान जाना चाहते हैं ऋषि कपूर, फारुख़ अब्दुल्ला से लगाया 'जुगाड़'
ऋषि कपूर का ट्वीट आते ही उनकी ट्रोलिंग भी शुरू हो गई। कुछ ने उनकी शराब पीने की आदत नसीहत दी तो किसी ने पीओके का इतिहास बताया।
मुंबई। ट्विटर पर अक्सर अपने बयानों के कारण विवादों में आने वाले ऋषि कपूर ने इस बार भारत- पाकिस्तान मुद्दे से जुड़ते हुए अपनी पाकिस्तान जाने की इच्छा जाहिर की है। साथ ही वो नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला के ताज़ा बयान से भी सहमत हैं।
बता दें कि फारुख अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर, पाकिस्तान का हिस्सा है और उसमें किसी तरह को कोई बदलाव नहीं किया जा सकता भले ही भारत और पाकिस्तान कितनी ही लड़ाइयां क्यों न लड़ लें। ऋषि कपूर ने ट्विटर पर फारुख अब्दुल्ला का समर्थन किया है। ऋषि कपूर ने लिखा है - ' फारुख अब्दुल्ला जी आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूं सर। जम्मू और कश्मीर हमारा है और पीओके उनका। बस यही एक तरीका है जिससे हम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। स्वीकार करता हूं। मैं 65 साल का हो गया हूं और मरने से पहले एक बार पाकिस्तान देखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि मरने से पहले मेरे बच्चे भी अपनी पुश्तैनी जगह को देखें। बस करवा दीजिये। बता दें कि कपूर खानदान का पुश्तैनी मकान पाकिस्तान के पेशावर में है। साल 1918 में पृथ्वीराज कपूर के पिता दीवान बसेश्वरनाथ कपूर ने वहां मकान बनवाना शुरू किया था। बंटवारे के समय कपूर परिवार भारत आ गया था। फारुख के बयान पर सुर में सुर मिलाने वाले ऋषि कपूर का ट्वीट आते ही उनकी ट्रोलिंग भी शुरू हो गई। कुछ ने उनकी शराब पीने की आदत नसीहत दी तो किसी ने पीओके का इतिहास बताया।
यह भी पढ़ें:सलमान खान के आगे घूमर-झूमर सब फेल, टाइगर ने ऐसे दी पद्मावती को मात
Farooq Abdhulla ji, Salaam! Totally agree with you,sir. J&K is ours, and PoK is theirs. This is the only way we can solve our problem. Accept it, I am 65 years old and I want to see Pakistan before I die. I want my children to see their roots. Bas karva Dijiye. Jai Mata Di !— Rishi Kapoor (@chintskap) November 11, 2017
फारुख अब्दुल्ला ने आज़ाद कश्मीर की बात को यह गलत ठहराते हुए कहा था कि वो भाग चीन, पाकिस्तान और भारत से घिरा हुआ है और ये तीनों परमाणु शक्तियां हैं। पीओके, पाकिस्तान का है और यह चीज नहीं बदलेगी। फारुख का ये बयान इसलिए भी सुर्ख़ियों में आया क्योंकि एक दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी ने आज़ाद कश्मीर की बात को सरासर खारिज़ कर दिया था।