पद्मावती का अगले साल मार्च में भी आना मुश्किल, बच्चों की भलाई बनी वजह
अब ये देखना है कि पद्मावती सेंसर से किस रूप में बाहर आती है क्योंकि विरोध रानी पद्मिनी के चरित्र को गलत तरीके से पेश करने का है।
मुंबई। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का भविष्य अब तक अधर में है। देश भर में हुए विरोध के बाद फिल्म को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। ये कयास लगाए जा रहे थे कि शायद फिल्म फरवरी या मार्च में रिलीज़ हो लेकिन फिलहाल उसमें भी एक दिक्कत आ सकती है।
पद्मावती को लेकर दो ख़बरें सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक सेंसर बोर्ड ने अब तक फिल्म देखी नहीं है और इस साल इसकी कोई संभावना भी नहीं है। बोर्ड जनवरी में फिल्म देखेगा और उसके बाद तय होगा कि फिल्म को किस रूप में यानि कितनी कांटछांट या बिना कट्स के पास करना है। बताया जाता है कि सेंसर के पास अगले साल के लिए फिल्मों की लंबी कतार लग गई है, जिसके सर्टिफिकेशन में पहले वो फिल्में आएंगी और उसके बाद पद्मावती। भंसाली की इस फिल्म को लेकर दूसरी सबसे बड़ी ख़बर ये है कि मार्च में रिलीज़ नहीं की जा सकती क्योंकि आमतौर पर देश का कई भागों में उस समय परीक्षाएं होती हैं और ऐसे में बच्चों के माता पिता भी सिनेमाघर का रुख़ कम ही करते हैं। एक दिसंबर की रिलीज़ टाले जाने के बाद ये माना जा रहा था कि फिल्म फरवरी या मार्च में आ सकती है लेकिन अब उसे अप्रैल तक के रुकना पड़ेगा, जिस महीने रजनीकांत और अक्षय कुमार स्टारर 2.0 शेड्यूल्ड है।
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उधर भंसाली की टीम के करीबी सूत्रों के मुताबिक इस बार की तैयारी की जा रही है कि जैसे ही सेंसर बोर्ड फिल्म देखकर पास करे तुरंत कोई सूटेबल डेट देखकर फिल्म को रिलीज़ कर दिया जाय। अब ये देखना है कि पद्मावती सेंसर से किस रूप में बाहर आती है क्योंकि विरोध रानी पद्मिनी के चरित्र को गलत तरीके से पेश करने का है।