काजोल के लिए भी आसान नहीं था निसा को पढ़ाई के लिए विलायत भेजना
काजोल कहती हैं कि मैं अपनी बेटी को बहुत मिस करती हूं अभी. चूंकि अब वह विदेश में पढ़ाई कर रही है. मैं हर दिन उससे बात करती हूं. मैसेज भेजती रहती हूं.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। काजोल की फिल्म हेलीकॉप्टर ईला, इस फिल्म के निर्देशक प्रदीप सरकार के बीमार हो जाने के कारण आगे बढ़ा दी गई है . फिल्म पैरेंटिंग पर आधारित है.
काजोल इस बारे में बातचीत करते हुए कहती हैं कि हम पैरेंट्स को ये बात समझना चाहिए कि एक वक्त के बाद बच्चे टीनएजर हो जाते हैं तो उनके अपने टेस्ट हो जाते हैं. वह अपने इंडिविजुअल बन जाते हैं. उनका अपना ओपिनियन होता है. और यह बेहद जरूरी है कि आप उन्हें ग्रो करने का मौका दीजिए. उन्हें स्पेस दीजिए. न कि आप जैसे उन्हें बढ़ाना चाहते हैं, वैसे उनके बढ़ने की चाहत रखें. काजोल कहती हैं कि जब मैं पहली बार मां बनी थीं, तब मुझे भी उसके थोड़े बड़े होने के बाद एक-डेढ़ साल का समय लगा था, यह समझने में कि मैं जो चाहती हूं वैसा नहीं होगा. इसलिए बेहतर होगा कि उन्हें वक्त दो. वह खुद समझ लेंगे.
काजोल कहती हैं कि हालांकि कुछ मामलों में वह काफी स्ट्रीक्ट हैं. उन्होंने बचपन से ही अपने बच्चों को हर चीज के लिए घंटे दे रखे हैं. डिस्प्लीन होना जरूरी है. मेरा मानना है कि आप टीवी भी देखिये. लेकिन दुनिया की बाकी चीजें भी करिये. चूंकि आपको वक्त के साथ चलते रहना है.
काजोल कहती हैं कि वह इसमें बैलेंस बना कर रखना पसंद करती हैं. काजोल कहती हैं कि फर्स्ट चाइल्ड के साथ मैनेज करना सबसे कठिन होता है एक मां के लिए, फिर चाहे वह एक बेटा हो या बेटी हो. पहले बच्चे को लेकर अधिक सतर्क हो जाते हैं. काजोल कहती हैं कि मैं अपनी बेटी को बहुत मिस करती हूं अभी. चूंकि अब वह विदेश में पढ़ाई कर रही है. मैं हर दिन उससे बात करती हूं. मैसेज भेजती रहती हूं. मिसिंग मैसेज सबसे ज्यादा करती हूं. वह कहती हैं कि निसा के शुरुआती तीन महीने काफी कठिन रहे, जब वह बाहर पढ़ने गयी थी, लेकिन धीरे-धीरे वह सेटल हो गयी है. उसने वहां दोस्त बना लिये हैं . काजोल कहती हैं कि मेरी मॉम मेरे साथ जितनी स्ट्रिक्ट थीं, उतनी ही फ्री भी थी. मेरी मां ने मुझे अच्छी परवरिश दी है. मुझे लाइफ के अनुभव शानदार तरीके से समझाये हैं.
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