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Happy Birthday Amitabh Bachchan: ऐसे नहीं बन गए बॉलीवुड के शहंशाह, कभी रुलाया- कभी हंसाया, सभी जॉनर्स में नाम कमाया

Happy Birthday Amitabh Bachchan अमिताभ बच्चन के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसे ही फ़िल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें उन्होंने शानदार काम किया है।

By Rajat SinghEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 08:25 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 10:00 AM (IST)
Happy Birthday Amitabh Bachchan: ऐसे नहीं बन गए बॉलीवुड के शहंशाह, कभी रुलाया- कभी हंसाया, सभी जॉनर्स में नाम कमाया
Happy Birthday Amitabh Bachchan: ऐसे नहीं बन गए बॉलीवुड के शहंशाह, कभी रुलाया- कभी हंसाया, सभी जॉनर्स में नाम कमाया

नई दिल्ली, जेएनएन। Happy Birthday Amitabh Bachchan: अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड को शहंशाह कहा जाता है। यह तमगा ऐसे हासिल नहीं हुआ है। इसके लिए अमिताभ ने बिना जॉनर्स की चिंता किए हुए एक से बढ़कर एक किरदार निभाए हैं। क्या कॉमेडी, तो क्या एक्शन, हर जगह उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया है।  इस शानदार एक्टिंग के दम पर उन्होंने फ़िल्मफेयर, नेशनल अवॉर्ड और इस साल दादा साहब फॉल्के भी हासिल किया है। आज अमिताभ बच्चन के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसे ही फ़िल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें उन्होंने शानदार काम किया है।

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एक्शन

अमिताभ बच्चन को महानायक बनाने में एक्शन फ़िल्मों की अहम भूमिका रही है। 70 के दशक में एंग्री यंग मैन ने  अपने काम से सबका दिल जीत लिया। हालांकि, अमिताभ के एक्शन की शुरुआत साल 1973 में प्रकाश मेहरा की जंजीर से हुई। यह एक ऐसी फ़िल्म थी, जिसने अभिताभ को पर्दे की सफलता का नया हीरो बना दिया। इसके बाद एक दौर आया जिसमें अमिताभ ने एक्शन फ़िल्मों की झड़ी लगा दी। साल 1975 में दीवार और शोले जैसी फ़िल्में आईं। इसके बाद वह साल 1978 में डॉन बने। इसके अलावा शान (1980), त्रिशूल (1978), कालिया (1981) और कुली( 1983) जैसी फ़िल्में  भी आईं। एक समय आया, जब अमिताभ का करियर पटरी से उतार, तो साल 1988 में एक्शन फ़िल्म शहंशाह ने इसे रास्ते पर लाया। इसके बाद अमिताभ ने अग्निपथ जैसी जबरदस्त फिल्म दी।  एक्शन का साथ अमिताभ से अभी तक जुड़ा हुआ है। उन्होंने हाल ही अपनी आखिरी फ़िल्म ठग्स ऑफ़ हिन्दुस्तान में भी एक्शन करके दिखाया।

ड्रामा

पर्दे पर ड्रामा फ़िल्मों का भी कमाल का योगदान रहा है। अमिताभ ने इस जॉनर में कई शानदार फ़िल्में की हैं। वे कभी बागबान में लाचार बाप बने, तो कभी पा में हंसता हुआ बच्चा। उन्होंने कभी अलाप जैसी क्लासिक ड्रामा फ़िल्म की, तो सूर्यवंशम जैसी टीवी ड्रामा फ़िल्में भी कीं। सिलसिला, मजबूर और सौदागर जैसी ड्रामा फ़िल्मों में भी उन्होंने शानदार काम किया। 70 का ऐसा दशक था, जब वह लगातार एक्शन सिनेमा कर रहे थे। लेकिन 90 के बाद उन्होंने कई ड्रामा फ़िल्में कीं। इसमें मोहब्बतें, कभी खुशी-कभी गम, पा और बदला जैसी शानदार ड्रामा फ़िल्में शामिल हैं। 

कॉमेडी

एक्शन और ड्रामा के इतर कॉमेडी फ़िल्मों की अपनी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। अमिताभ ने इस जॉनर में भी अपने आपको साबित किया। इसकी शुरुआत बॉम्बे टू गोवा से होती है। इसके बाद वह चुपके-चुपके जैसी क्लासिक कॉमेडी फ़िल्म भी करते हैं। अमिताभ ने नब्बे के दशक की सस्ती कॉमेडी फ़िल्में जैसे बडें मियां-छोटे मियां और हैलो ब्रदर में काम भी किया है। इसके बाद उन्होंने बंटी और बब्ली, भूतनाथ और बूढ़ा होगा तेरा बाप जैसी कॉमेडी फिल्मों में शानदार काम किया। साल 2015 में आई पीकू ने इस जॉनर में भी अमिताभ को बड़ा हीरो बना दिया।


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