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दिग्गज फ़िल्मकार बासु चटर्जी का निधन, 'रजनीगंधा' और 'चमेली की शादी' जैसी फ़िल्मों का किया निर्देशन

Basu Chatterjee Passes Away बासु दा ने अपना करियर ब्लिट्ज़ मैगज़ीन में बतौर कार्टूनिस्ट शुरू किया था। 18 साल वहां काम करने के बाद बासु दा ने फ़िल्मों की ओर रुख़ किया।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 12:16 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 05:48 PM (IST)
दिग्गज फ़िल्मकार बासु चटर्जी का निधन, 'रजनीगंधा' और 'चमेली की शादी' जैसी फ़िल्मों का किया निर्देशन
दिग्गज फ़िल्मकार बासु चटर्जी का निधन, 'रजनीगंधा' और 'चमेली की शादी' जैसी फ़िल्मों का किया निर्देशन

नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री को साल 2020 में एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। अब वेटरन फ़िल्ममेकर बासु चटर्जी के निधन की ख़बर आयी है। मुंबई में उनका अपने घर पर सुबह साढ़े आठ बजे निधन हो गया। इंडस्ट्री में बासु दा के नाम से लोकप्रिय बासु चटर्जी 90 साल के थे। बासु दा के गुज़रने की ख़बर से इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गयी है। उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है।  

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बासु चटर्जी का हिंदी सिनेमा में लम्बा योगदान है। ह्यूमर उनकी ख़ासियत थी। उन्होंने कई क्लासिक और कल्ट समझी जाने वाली फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन किया था। मध्यम वर्ग की नब्ज़ पकड़कर फ़िल्में बनाने में बासु दा को महारत हासिल थी। उनकी फ़िल्मों के किरदार रोज़-मर्रा की ज़िंदगी से निकलते थे। वो दिखने में सीधे-साधे मगर शरारती होते थे। बासु दा की फ़िल्मों की लिस्ट में रजनीगंधा, छोटी सी बात, चितचोर दिल्लगी, खट्टा-मीठा, पसंद अपनी-अपनी, चमेली की शादी जैसी फ़िल्में शामिल हैं। 

बतौर कार्टूनिस्ट शुरू किया करियर

बासु चटर्जी का जन्म 10 जनवरी 1930 को अजमेर में हुआ था। बासु दा ने अपना करियर ब्लिट्ज़ मैगज़ीन में बतौर कार्टूनिस्ट शुरू किया था। 18 साल वहां काम करने के बाद बासु दा ने फ़िल्मों की ओर रुख़ किया। उन्होंने करियर की शुरुआत एक और दिग्गज फ़िल्ममेकर बासु भट्टाचार्य के असिस्टेंट के तौर पर राज कपूर की फ़िल्म तीसरी कसम से की थी।

इस फ़िल्म को बाद में बेस्ट फीचर फ़िल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला था। 1969 में आयी सारा आकाश से उन्होंने निर्देशकीय पारी शुरू की थी। यह फ़िल्म क्रिटिकली सफल रही और इसे बेस्ट स्क्रीनप्ले के लिए फ़िल्मफेयर अवॉर्ड भी दिया गया।

सादगी भरी फ़िल्मों में नज़र आये बड़े सुपरस्टार्स

इसके बाद बासु दा ने पिया का घर, उस पार, रजनीगंधा, चितचोर, स्वामी, खट्टा-मीठा, प्रियतमा, चक्रव्यूह, जीना यहां, बातों-बातों में, अपने पराए, शौकीन और एक रुका हुआ फैसला जैसी क्लासिक फ़िल्में सिनेमा को दीं। बासु दा ने उस दौर के तमाम सुपरस्टार्स को डायेक्ट किया। 

शौकीन में उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती और रति अग्निहोत्री, प्रियतमा में जीतेंद्र और नीतू सिंह, मन पसंद में देवानंद और टीना मुनीम, चक्रव्यूह में राजेश खन्ना और नीतू सिंह, दिल्लगी में धर्मेंद्र और हेमा मालिनी, मंज़िल में अमिताभ बच्चन को निर्देशित किया था। ये सभी फ़िल्में हिंदी सिनेमा की सहाबहार फ़िल्में मानी जाती हैं।

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बासु दा ने सबसे ज़्यादा फ़िल्में अमोल पालेकर के साथ कीं, जिनमें रजनीगंधा, छोटी सी बात, चितचोर, बातों बातों में जैसी फ़िल्में शामिल हैं। दूरदर्शन के लिए उन्होंने ब्योमकेश बख्शी और रजनी धारावाहिकों का निर्माण निर्देशन किया था। बासु दा की दो बेटियां सोनाली भट्टाचार्य और रूवाली गुहा हैं। रूपाली भी फ़िल्ममेकर हैं। बासु दा को श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है।

फ़िल्ममेकर अशोक पंडित ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- ''लीडेंजरी फ़िल्ममेकर बासु चटर्जी के निधन की ख़बर से दुखी हूं। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 2 बजे सांताक्रूज़ में किया जाएगा। यह इंडस्ट्री की बड़ी क्षति है। आपको मिस करेंगे।''

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