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FTII President: शेखर कपूर बने फ़िल्म इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष, 'मिस्टर इंडिया' और 'बैंडिट क्वीन' जैसी फ़िल्मों का किया निर्देशन

FTII President 22 साल की उम्र में सीए बनने वाले शेखर ने फ़िल्मों में अपना करियर मासूम जैसी संवेदनशील फ़िल्म के निर्देशन से 1983 में शुरू किया था। मासूम हिंदी सिनेमा की क्लासिक फ़िल्म मानी जाती है जिसमें नसीरूद्दीन शाह शबाना आज़मी और उर्मिला मातोंडकर ने लीड रोल निभाये।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 08:13 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 11:11 AM (IST)
FTII President: शेखर कपूर बने फ़िल्म इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष, 'मिस्टर इंडिया' और 'बैंडिट क्वीन' जैसी फ़िल्मों का किया निर्देशन
शेखर कपूर को एफटीआईआई का प्रेसीडेंट बनाया गया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री के वेटरन फ़िल्ममेकर शेखर कपूर को पुणे स्थित 'फ़िल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (FTII)' का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने बीपी सिंह को रिप्लेस किया है। बीपी सिंह को कुछ दिन पहले ही The Indian Council for Cultural Relations (ICCR) की जनरल असेम्बली के लिए नामित किया गया था। शेखर कपूर को सोशल मीडिया में जमकर बधाइयां दी जा रही हैं। 

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार शेखर का कार्यकाल 3 मार्च 2023 तक रहेगा। फ़िल्म इंस्टीट्यूट को संचालित करने के लिए इसके प्रबंधन को चार भागों में बांटा गया है- फ़िल्म सोसाइटी, गवर्निंग काउंसिल, एकेडमिक काउंसिल और स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी। शेखर इन सभी अंगों को हेड करेंगे। शेखर कपूर ने ना सिर्फ़ भारतीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में अपनी एक ख़ास पहचान बनाई है। ज़्यादातर दर्शक शेखर को मिस्टर इंडिया, मासूम और बैंडिट क्वीन जैसी फ़िल्मों के लिए पहचानते हैं। 

22 साल की उम्र में सीए बनने वाले शेखर ने फ़िल्मों में अपना करियर मासूम जैसी संवेदनशील फ़िल्म के निर्देशन से 1983 में शुरू किया था। मासूम हिंदी सिनेमा की क्लासिक फ़िल्म मानी जाती है। नसीरूद्दीन शाह, शबाना आज़मी, उर्मिला मातोंडकर और जुगल हंसराज ने इसमें मुख्य किरदार निभाये थे। 

बहुत कम लोग जानते हैं कि शेखर हिंदी सिनेमा के लीजेंड देवानंद की बहन के बेटे हैं। उनके पिता नहीं चाहते थे कि शेखर फ़िल्मों में काम करें। 1987 में शेखर ने अनिल कपूर और श्रीदेवी को लेकर मिस्टर इंडिया बनायी, जो हिंदी सिनेमा की पहली साइंस फिक्शन फ़िल्म मानी जाती है।

1994 में आयी बैंडिट क्वीन ने उनका नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया। दस्यु सुंदरी फूलन देवी की इस बायोपिक की सराहना दुनियाभर में हुई। सीमा बिस्वास और मनोज बाजपेयी ने फ़िल्म में मुख्य किरदार निभाये थे। 1998 में शेखर ने ब्रिटिश फ़िल्म एलिज़ाबेथ बनाकर इंटरनेशनल फ़िल्म इंडस्ट्री में क़दम रखा। शेखर ने कई फ़िल्मों में एक्टिंग भी की। कमल हासन की विश्वरूपम में वो एक अहम किरदार में नज़र आये थे। 


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