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Urmila Matondkar का ट्वीट, 'दाभोलकर मर्डर केस में 7 साल बाद भी CBI मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच पाई है'

सुशांत सिंह जांच मामले में उन्होंने कहा है कि दाभोलकर हत्याकांड में 7 साल बाद भी सीबीआई (CBI) असली मास्टरमाइंड तक पहुंचने में फेल हो गई है। । Photo- Urmila Insta

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 08:44 AM (IST)
Urmila Matondkar का ट्वीट, 'दाभोलकर मर्डर केस में 7 साल बाद भी CBI मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच पाई है'
Urmila Matondkar का ट्वीट, 'दाभोलकर मर्डर केस में 7 साल बाद भी CBI मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच पाई है'

नई दिल्ली, जेएनएन। सुशांत सिंह राजपूत के डेथ केस में हाल ही में एक नया मोड़ आया है। इस केस की जांच अब सीबीआई(CBI) के हाथों में पहुंच गई है। यानी अब इस केस को मुंबई पुलिस या बिहार पुलिस नहीं, बल्कि सीबीआई देखेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सुशांत के फैंस से लेकर कई सेलेब्स ने स्वागत किया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सेलेब्स ने ख़ुशी ज़ाहिर की और उम्मीद की अब केस में न्याय होगा। सेलेब्स की अलग-अलग प्रतिक्रियाओं के बीच बॉलीवुड एक्ट्रसे उर्मिला मातोंडर ने भी एक ट्वीट किया।

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अपने ट्वीट में ना तो उर्मिला ने सुशांत के केस का जिक्र किया है और न ही इस केस से जुड़े किसी भी सदस्य का नाम लिया। लेकिन एक्ट्रेस ने अपने ट्वीट में सीबीआई पर तंज जरूर कसा है। एक्ट्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में 7 साल बाद भी सीबीआई (CBI) असली मास्टरमाइंड तक पहुंचने में फेल हो गई। उर्मिला ने लिखा, ‘इस बात को सात साल हो चुके हैं, जब नरेंद्र दाभोलकर को बेरहमी से मार दिया गया था। इसके पीछे कौन था, ये पता लगाने में सीबीआई फेल हो गई। सीबीआई असली मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच पाई है। लेकिन ऐसे लोगों की आवाज अब और तेज गूंजेगी। आज मैं उन सभी महान लोगों की आवाज़ को याद करती हूं जिनकी वजह से उनकी हत्या कर दी गई, गोविंद पानसरे, एम कलबुर्गी और गौरी लंकेश’। आपको बता दें कि सुशांत के केस की जांच करने सीबीआई की टीम मुंबई पहुंच चुकी है। 

 कौन थे दाभोलकर

नरेंद्र अच्युत दाभोलकर पेशे से डॉक्टर थे। अंधविश्वास के खिलाफ समाज को जागृत करने का काम भी करते थे। इस क्रम में उन्होंने 1989 में महाराष्ट्र अंधविश्वास निर्मूलन समिति भी बनाई थी, जिसके वो अध्यक्ष थे। सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे दाभोलकर कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी थी। 20 अगस्त 2013 को पुणे में जब वो मॉर्निंग वॉक पर निकले थे, तब उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।


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