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दत्‍तो से लेकर देवी तक...और बोल्‍ड हो गईं बॉलीवुड हीरोइनें

पूरी दुनिया साल 2016 का स्‍वागत करने को तैयार है, ऐसे में अगर हम पीछे मुड़कर गुजरते साल 2015 पर नजर डालें तो आपको भी एहसास हो जाएगा कि वाकई में सिनेमाई दुनिया की आधी आबादी पहले से कहीं और भी ज्‍यादा सशक्‍त बनकर उभरी है।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Thu, 31 Dec 2015 04:14 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2016 10:28 AM (IST)
दत्‍तो से लेकर देवी तक...और बोल्‍ड हो गईं बॉलीवुड हीरोइनें

नई दिल्ली, प्रतिभा गुप्ता। मौजूदा समय में महिलाआें के स्वरूप में काफी बदलाव आया है और ऐसे में आज जब वो मनाेरंजन के लिए सिनेमाई दुनिया का रुख करती हैं तो फिल्मों में कमजोर, बेबस महिलाओं की बजाय हर मोड़ पर जिंदगी से जूझती, हर मुश्किलों का सामना करती या यूं कह लीजिए अपने-आप जैसी किसी को ढूंढने की कोशिश करती नजर आती हैं। एक समय था, जब ज्यादातर फिल्मों में अभिनेत्रियां सिर्फ शो-पीस बनीं या प्रताडि़त होतीं नजर आती थीं। मगर वो कहते हैं ना सिनेमा, समाज का आईना होता है। ऐसे में बदलते समाज के साथ सिनेमा भी बदला और अभिनेत्रियों का किरदार भी।

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पूरी दुनिया साल 2016 का स्वागत करने को तैयार है, ऐसे में अगर हम पीछे मुड़कर गुजरते साल 2015 पर नजर डालें तो आपको भी एहसास हो जाएगा कि वाकई में सिनेमाई दुनिया की आधी आबादी पहले से कहीं और भी ज्यादा सशक्त बनकर उभरी है। किरदारों के साथ प्रयोग और जोखिम उठाने के मामले में भी अभिनेता साबित हुई हैं अभिनेत्रियां। अगर ऐसा नहीं होता तो दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ ही मौजूदा समाज की कड़वी सच्चाई, जूझती जिंदगी को पेश करतीं और आधुनिक ख्यालों वालीं पीकू, तनु, दत्तो या देवी और लैला जैसे किरदार हमारे बीच अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब नहीं होतीं। आइए एक नजर डालते हैं उन अभिनेत्रियों पर, जिन्होंने ऐसे किरदारों को जिया और उन्हें यादगार बना दिया-

दीपिका पादुकोण

शुरुआत दीपिका पादुकोण से करते हैं, जिन्होंने 2015 में साबित कर दिखाया कि वो हर तरह के किरदार में जान फूंक सकती हैं। अब भला 'पीकू' को कौन भुला सकता है। निजी और कामकाजी जिंदगी के बीच जूझती शॉर्ट टेंपर्ड नेचर वाली पीकू और उसके बूढे पिता के साथ की नोंकझोक के बावजूद दर्शकों को दोनों के बीच का प्यार उन्हें भावुक कर देता है। वहीं दीपिका ने 'बाजीराव मस्तानी' में मस्तानी की ऐतिहासिक प्रेम कथा को बड़े पर्दे पर जीवंत कर दिया। दूसरी पत्नी होने का दशं झेलने के बावजूद लोक-लाज की परवाह न करते हुए अपने प्रेम के लिए मर-मिटने वाली मस्तानी की कहानी लगती ही नहीं कि यह सालों पुरानी है। 'तमाशा' में बेहतरीन अभिनय के लिए दीपिका को याद किया जा सकता है। इसमें उन्होंने खुलकर जीने वालीं आधुनिक तारा का किरदार निभाया है।

कंगना रनोट

2014 की तरह कंगना रनोट भी इस साल भी बॉलीवुड की क्वीन साबित हुईं। इस बार 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' के जरिए एंटरटेनमेंट का डबल डोज दिया। छोटे शहरों की एक तरफ तनु तो दूसरी तरफ दत्तो। दोनों ही किरदार ने दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया। दोनों में आज की महिलाएं नजर आईं। शादीशुदा जिंदगी में दिक्कतें आती हैं तो तनु झेलती नहीं है और इसके बाद अपने घरवालों के तानों की भी परवाह नहीं करती है। बल्कि पहले की तरह एक बिंदास जिंदगी जीती है, वो जैसा चाहती है कपड़े पहनती है, बाइक पर घूमती है। एक्स-बॉयफ्रेंड से मिलती है, सब कुछ वो करती है, जो उसे अच्छा लगता है। वहीं हरियाणवी बोलने वाली टॉम बॉय दत्तो भी प्यार होने पर शादीशुदा पुरुष से शादी को तैयार हो जाती है, मगर अंत में सच्चाई का सामना करने की हिम्मत भी दिखाती है।

प्रियंका चोपड़ा

ऐसी अभिनेत्री जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खूब छाई रही, वो हैं प्रियंका चोपड़ा। अमेरिकन टीवी शो 'क्वांटिको' में उनका एलिक्स पैरिश का किरदार अब भी सुर्खियों में छाया हुआ है। एलिक्स एक एफबीआई एजेंट है, जो खतरनाक स्टंट्स में भी माहिर है। वहीं बोल्ड सीन देने भी नहीं हिचकती है। भारत में भी प्रियंका के इस किरदार को सराहना मिल रही है और उनकी फिल्मों की बात करें तो 'बाजीराव मस्तानी' की काशीबाई को सालों तक याद रखा जाएगा। वो काशीबाई, जो अपने पति से बेहद प्रेम करती है और इसके लिए उसकी प्रेमिका के वजूद को नजरअंदाज नहीं करती है। वहीं अपने पति का भी बखूबी साथ देती है। प्रियंका ने 'दिल धड़कने दो' में भी आयशा का सराहनीय किरदार निभाया था, जो बिजनेस वुमन होती है और अपनी शादीशुदा जिंदगी से परेशान रहती है। मगर वो कंप्रोमाइज नहीं करती है।

अनुष्का शर्मा

अनुष्का शर्मा अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों ही लाइफ में बोल्ड कदम उठाती नजर आईं। एक तरफ जहां उन्होंने पहली बार प्रोडक्शन के फील्ड में हाथ आजमाने का फैसला किया, वहीं उन्होंने इसके लिए 'एनएच 10' के रूप में ऐसी फिल्म बनाई, जिसने दर्शकों को झकझोर कर दिखा। वैसे तो ऑनर किलिंग की तमाम खबरें आए दिन अखबारों और टीवी चैनलों पर देखने और पढ़ने को मिलती रहती हैं, मगर इसके आधार पर बुनी गई 'एनएच 10' की कहानी समाज की कड़वी सच्चाई को बखूबी पेश करने में कामयाब रहती है। वहीं मीरा के किरदार में अनुष्का की बहादुरी भी दर्शकों को स्तब्ध कर देती है। वाकई में इसे अनुष्का की बेहतरीन फिल्मों में हमेशा याद किया जाएगा।

रिचा चड्ढा

2015 में जिस अभिनेत्री ने सबसे ज्यादा दर्शकों के बीच अपनी पहचान पुख्ता की है, वो कोई और नहीं रिचा चड्ढा हैं। उन्होंने 'मसान' जैसी फिल्म से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। यह फिल्म इस साल जिस भी मंच पर दिखाई गई, वहीं दर्शकों की वाहवाही लूट ले गई। भारत में भी 'मसान' को जबरदस्त प्रशंसा मिली। इसमें वो देवी का बोल्ड किरदार निभाती नजर आती हैं, जो अपने बॉयफ्रेंड के साथ होटल में आपत्तिजनक अवस्था में पाई जाती है। शर्म के मारे बॉयफ्रेंड सुसाइड कर लेता है, मगर देवी नहीं और वो अपने पिता के सामने भी निडर होकर सब कुछ स्वीकार करती है और अंत में सब कुछ भुलाकर एक नई जिंदगी जीने की कोशिश करती नजर आती है। 'मैं और चार्ल्स' में भी रिचा अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहती हैं।

कल्कि कोचलिन

कल्कि कोचलिन को हमेशा कुछ हटकर फिल्में करने के लिए जाना जाता है। 'देव डी', 'शैतान' और 'दैट गर्ल इन येलो बूट्स' जैसी फिल्में इसका उदाहरण हैं। 2015 में भी उन्होंने 'मार्गरिटा विद ए स्ट्रॉ' के रूप में एक दमदार फिल्म दी और लैला का एक दमदार किरदार हमारे बीच पेश किया। लैला सेरेब्रल पाल्सी की बीमारी से ग्रस्त लड़की होती है, जो बेशक व्हील चेयर पर वक्त गुजारती है, मगर उसके सपने किसी दूसरी युवती से ज्यादा ऊंचे होते हैं। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उसे खानुम नामक लड़की से प्यार भी हो जाता है। इसके बाद वो पारिवारिक रिश्ते और समलैंगिक रिश्ते के बीच किस दौर से गुजरती है, इसे ही बखूबी पेश किया गया है।


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